भारत में जन्मे वनस्पति वैज्ञानिक संजय राजाराम को हरित क्रांति के बाद वैश्विक गेहूं उत्पादन में 20 करोड़ टन से अधिक वृद्धि में योगदान देने के लिए प्रतिष्ठित विश्व खाद्य सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।राजाराम को यह पुरस्कार वर्ष 2014 के लिए दिया जाएगा। पुरस्कार राशि के तौर पर उन्हें 2,50,000 डॉलर मिलेंगे।
राजाराम वर्तमान में मैक्सिको के नागरिक हैं। उन्होंने शीत एवं वसंत ऋतु की गेहूं की किस्मों का सफल संकर तैयार किया था, जो विशिष्ट किस्मों में आता है। ये दोनों ही किस्में वर्षों से एक दूसरे से अलग थीं। दोनों के संकर से जो किस्म तैयार की गयी उसमें अधिक पैदावार क्षमता है और उसका आनुवांशिक आधार भी व्यापक है।
राजाराम द्वारा विकसित उच्च पैदावार क्षमता वाली गेहूं की 480 से अधिक किस्में छह महाद्वीपों में 51 देशों में जारी की गयी और उन्हें छोटे एवं बड़े किसानों ने एक साथ अपनाया। अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने एक कार्यक्रम में कहा, डॉक्टर राजाराम का काम हमें और बेहतर प्रयास करने को प्रेरित करता है चाहे वह निजी क्षेत्र में हो या सार्वजनिक क्षेत्र में। केरी ने कहा, जब अपना गणना करते हैं कि हमारे ग्रह पर अगले तीन दशकों में दो अरब से अधिक लोगों को सहयोग देने की जरूरत कब होगी, तब हम इस नतीजे पर पहुंचते हैं कि यह दूसरी हरित क्रांति का समय है।
राजाराम ने वर्ष 1969 में इंटरनेशनल मेज एंड व्हीट इम्प्रूवमेंट सेंटर, सीआईएमएमवाईटी में शोधकर्ता के तौर पर काम करना शुरू किया था। और हरित क्रांति के जनक और नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध जीवविज्ञानी नॉर्मन ई बोरलॉग ने उन्हें 1972 में सीआईएमएमवाईटी के गेहूं प्रजनन कार्यक्रम के प्रमुख के तौर पर नियुक्त किया था। तब से उन्होंने 2001 तक इस कार्यक्रम का नेतृत्व किया।
वर्ल्ड फूड प्राइज फाउंडेशन के अध्यक्ष और कंबोडिया में अमेरिका के पूर्व राजदूत कैनेथ एम क्विन ने कहा कि 2014 के विश्व खाद्य सम्मान (वर्ल्ड फूड प्राइज( के विजेता एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने मैक्सिको में डॉक्टर बोरलॉग के साथ करीब से काम किया और इसके बाद अपने काम को आगे ले गए और अपनी उपलब्धियों से नई उंचाईयां हासिल कीं।
केरी ने कहा कि हम डॉक्टर राजाराम के आभारी हैं, जिन्होंने गेहूं की सैकड़ों नई किस्में विकसित कीं, जिनसे हर साल वैश्विक बाजारों में 20 करोड़ टन अधिक गेहूं पहुंचता है और दुनिया भर में करोड़ों लोगों को भोजन मिलता है। बोरलॉग ने वर्ष 1986 में वर्ल्ड फूड प्राइज की स्थापना की थी।
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