रूसी टेनिस स्टार मारिया शारापोवा ने शनिवार को अपने करियर का पांचवां ग्रैंड स्लैम जीता. रोमानिया की सिमोना हालेप को हराकर शारापोवा ने दूसरी फ्रेंच ओपन का खिताब अपने नाम किया. इस रूसी बाला ने 6- 4, 6-7 (5-7), 6-4 से जीत दर्ज की. यह फाइनल तीन घंटे दो मिनट तक चला जो 1996 में स्टेफी ग्राफ और अरांत्जा सांचेज के बीच चले फाइनल से केवल दो मिनट पीछे रह गया. यह 2001 के बाद तीन सेट तक चला पहला महिला फाइनल भी रहा.
सातवीं वरीयता प्राप्त शारापोवा ने अपना पहला रोलां गैरो खिताब 2012 में जीतकर अपना करियर ग्रैंडस्लैम पूरा किया था और वह पिछले साल सेरेना विलियम्स से हारकर उप विजेता रही थीं. चौथी वरीय हालेप ग्रैंडस्लैम में अपना पहला फाइनल खेल रहीं थी और वह 1978 में वर्जिनिया रूजिकी के बाद चैम्पियन बनने वाली पहली रोमानियाई खिलाड़ी बनने की उम्मीद लगाए थीं जो अब उनकी मैनेजर हैं. लेकिन उनकी यह उम्मीद पूरी नहीं हो सकी.
27 वर्षीय शारापोवा इस तरह पांच ग्रैंडस्लैम जीतकर मार्टिना हिंगिस के बराबर पहुंच गई हैं. शारापोवा इस हफ्ते अपनी सर्विस में जूझती रही हैं और उन्होंने फाइनल में 12 डबल फाल्ट किए. शारापोवा को हालांकि यहां तक पहुंचने में 10 साल लगे, उन्होंने अपना पहला ग्रैंडस्लैम 2004 में विम्बलडन में जीता था. इस जीत से वह सर्वकालिक ईनामी राशि कमाई में दूसरे नंबर पर पहुंच गईं, जिसमें अमेरिकी खिलाड़ी सेरेना विलियम्स उनसे आगे हैं. शारापोवा ने जीत के बाद कहा, ‘मैंने अभी तक जो भी ग्रैंडस्लैम फाइनल खेलें हैं, यह उनमें सबसे कठिन था.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे भरोसा नहीं हो रहा है कि 27 साल की उम्र में मैंने किसी अन्य ग्रैंडस्लैम से ज्यादा फ्रेंच ओपन जीत लिए हैं.’ हालांकि हालेप के लिए यह सांत्वना भरी बात यह है कि वह विश्व रैंकिंग में करियर की सर्वश्रेष्ठ तीसरी रैंकिंग पर पहुंच जाएंगी.
दोनों खिलाड़ी फाइनल में बिल्कुल अलग तरीके से जीत दर्ज करके पहुंची. चौथी वरीय हालेप ने जहां अपने छह मैचों में एक भी सेट नहीं गंवाया तो वहीं सातवीं वरीय शारापोवा को पिछले तीन मुकाबलों में एक सेट से पिछड़ने के बाद वापसी के लिए जूझना पड़ा. लेकिन रूसी खिलाड़ी को अनुभव होने का लाभ मिला, यह पिछले 10 साल में उनका नौंवा ग्रैंडस्लैम फाइनल है, जबकि हालेप 22 वर्ष की उम्र में अपना पहला ग्रैंडस्लैम खेल रही थीं.
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