लोकसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी की करारी हार से सबक लेकर यूपी की अखिलेश यादव सरकार ने लोकलुभावनी योजनाओं ने पीछा छुड़ाकर इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देने का निर्णय लिया है। इसी के तहत सरकार ने आज पेश किए गए अपने बजट में लैपटॉप योजना, बेरोजगारी भत्ता योजना और कन्या विद्या धन के लिए कोई पैसा आवंटित नहीं किया है। कहने का आशय है कि सरकार ने ये तीनों योजनाएं बंद कर दी हैं।
शुक्रवार को विधानसभा में राज्य का वित्त वर्ष 2014-15 का बजट प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने 2 लाख 74 हजार 704.59 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। यूपी का यह बजट पिछले आठ वर्षों में सबसे बड़ा बजट है। बजट का आकार पिछले वर्ष की तुलना में 22 फीसदी बड़ा है। बजट के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि हमने पहले चरण में लैपटॉप वितरण की योजना चलाई जो देश में अपनी तरह की सबसे बड़ी योजना थी। अब टाइम है ईबुक और ई लाइब्रेरी पर ध्यान देने का। दूसरे चरण में हम गांवों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने पर जोर दे रहे हैं।
यूपी के बजट में गन्ना किसानों के बकाया के लिए 400 करोड़, बिजली के लिए 2400 करोड़, सिंचाई के लिए 7587 करोड़, समाजवादी पेंशन योजना के लिए 2424 करोड़, लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे के लिए 3280 करोड़, पूर्वांचल के लिए 291 करोड़, बुंदेलखंड के लिए 758 करोड़, मेट्रो के लिए 95 करोड़, बेसिक शिक्षा के लिए 29380 करोड़, उच्च शिक्षा के लिए 2269 करोड़, माध्यमिक शिक्षा के लिए 7800 करोड़, इंदिरा आवास के लिए 1800 करोड़, पीएम सड़क योजना के लिए 2593 करोड़, पुलिस आधुनिकीकरण के लिए 745 करोड़, हेल्थ के लिए 2513 करोड़ और नगर विकास के लिए 6648 करोड़ रुपये का प्रावधान है।
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