अमेरिका राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इराक के मौजूदा संकट की समाप्ति के लिए इस मध्यपूर्व देश के नेताओं से राजनीतिक समाधान निकालने के लिए कहा है। ओबामा का कहना है कि अगर वे ऐसा नहीं करते, तो समस्या का हल सैन्य कार्रवाई से नहीं निकल सकता। ओबामा ने शुक्रवार को सीएनएन को दिए साक्षात्कार में कहा, "हमने इराक को एक समेकित लोकतंत्र अपनाने का मौका दिया।"
उन्होंने कहा कि अमेरिका चाहेगा कि इराक देश का एक सशक्त ढांचा तैयार करे जिसमें देश के तीन प्रमुख समुदाय शिया, सुन्नी और कुर्द के लोग शामिल हों। ओबामा ने गुरुवार को यह स्पष्ट कर दिया था कि अमेरिका इराक युद्ध में वापसी नहीं करेगा, लेकिन यह कहा कि अमेरिका इराक की सहायता के लिए 300 सैन्य सलाहकारों को भेजने के लिए तैयार है।
सीएनएन के मुताबिक, वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने बताया कि इराक में पहले अमेरिकी सलाहकार शनिवार को पहुंचेंगे। इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) सीरिया के इराक के कुछ बड़े शहरों पर कब्जा कर लिया है।
'सीएनएन' के मुताबिक, अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि ओबामा प्रशासन का मानना है कि इराक को इस वक्त एकजुट रखने वाले तथा साम्प्रदायिक तनाव खत्म करने वाले नेतृत्व की जरूरत है, जबकि प्रधानमंत्री नूरी अल-मलिकी में वह क्षमता नहीं है। उनकी सरकार पर शिया समुदाय के लोगों का प्रभाव है।
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