गया। महात्मा गांधी नरेगा में ग्रामीण श्रमिकों को 100 दिनों का रोजगार देने,आवेदन देने के 15 दिनों के अंदर काम नहीं मिलने पर बेरोजगारी भत्ता पाने, मनरेगा कानून के तहत ही निर्धारित कार्य करने, तयशुदा काम के बदले में दाम लेने,विलम्ब से मजदूरी भुगतान करने का मुआवजा लेने,कार्य क्षेत्र में शेड की व्यवस्था करने, पानी पीलाने वाले व्यक्ति को बेहाल करने, बच्चों को रखने के लिए पालनाघर की व्यवस्था करने, कार्यस्थल पर प्राथमिक उपचार का प्रबंध करने, विकलांग होने पर मुआवजा आदि का कानूनन प्रावधान किया गया है। इसको देखने के सोशल आॅडिट करवाना है। केन्द्र सरकार के मंत्री से लेकर गांव के मुखिया स्तर तक को जिम्मेवारी थोपा गया है। इस पर गैर सरकारी संस्थाओं की भी कड़ी नजर है। बावजूद, इसके मनरेगा-2005 को बेहतर से बेहतर ढंग से क्रियान्वयन करने की दिशा मेें पिछड़ गए हैं। यूपीए सरकार के मनरेगा को मोदी सरकार अच्छे दिन लाकर श्रमिकों को फीलगुड कराएंगे!
मगध प्रमंडल में खोजबीन करने के बाद जानकारी मिली है, कि मनरेगा ठीक तरह से क्रियान्वित नहीं हो पा रहा है। गया जिले के मोहपुर प्रखंड में फेकू मांझी हैं। वहीं जहानाबाद जिले के जहानाबाद सदर में शिवलाल मांझी है। दोनों मनरेगा में कार्य करने के दरम्यान घायल हो गए। इनको प्राथमिक उपचार नहीं किया गया और न किसी तरह का मुआवजा ही दिया गया है। दोनों अपने हाल पर हैं। महादलित मुसहर
केस नम्बर- एक
गया जिले के मानपुर प्रखंड के लखनपुर पंचायत के ग्राम रसलपुर में स्व. बुद्धू मांझी के पुत्र फेकू मांझी रहते हैं। मनरेगा में वन पोषक का कार्य करते थे। जानवर को खदेड़ने के क्रम में घायल हो गए। तब उनके परिजनों ने फेकू को उठाकर अबगिल्ला, जगदीषपुर ले गए। वहां पर हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. मोहम्मद एजाज ने 13 अप्रैल 2013 को बायीं पैर में प्लास्टर चढ़ा दिए। 47 दिनों के बाद 30 मई 2013 को प्लास्टर हटा देने के बाद फेकू चलने लगे। घायल होने के बाद खुद ही इलाज करवाया। इस बीच जाॅब कार्डधारी बी 412161922009 फेकू मांझी ने कार्यक्रम पदाधिकारी, मानपुर के पास आवेदन भेजा और कहा कि चार माह से मजदूरी नहीं दी जा रही है। मनरेगा श्रमिक फेकू मांझी की मजदूरी को सीधे बैंक आॅफ बड़ौदा के अकाउंटस नम्बर 19490100001132 में भेज दिया जाता था। जो चार माह से नहीं मिला। इसकी जानकारी गैर सरकारी संस्था कदम की जयमणि कुमारी ने दी है।
केस नम्बर -दो
जहानाबाद जिले के जहानाबाद सदर के सेवनन ग्राम पंचायत के सेवनन मुसहरी में स्व. जगलाल मांझी के पुत्र शिवलाल मांझी रहते हैं। इनका जाॅब कार्ड नम्बर 9749 है। जो 4 मई 2008 में जारी किया गया है। दहारूचक में कार्य करने शिवलाल मांझी गए थे। दहारूचक से पतरीया तक पईन उड़ाही का कार्य चल रहा था। कुछ साल पहले ही दोनों आंखों के मोतियाबिन्द का आॅपरेशन करवा चुके शिवलाल मांझी का काम था कि मिट्टी से भर गए टोकरी को दूसरे के सिर पर रखने में सहायता करना। सहायता करने वाला ही घातक साबित हुआ जब टोकरी को सिर पर रख ही रहे थे कि एक मिट्टी का टुकड़ा आंख पर जाकर गिर पड़ी। बायीं आंख पर मिट्टी का टुकरा गिरते ही बेहाल हो गए। सेवनन ग्राम पंचायत के मुखिया के द्वारा 3 जनवरी 2012 से कार्य शुरू करवाया गया था। परेशान शिवलाल मांझी घर आ गया। उसे मजदूरी भी न मिला। अभी जून माह में जिलाधिकारी के जनता दरबार में मामला दर्ज करवाया गया है। इसकी जानकारी गैर सरकारी संस्था प्रगति ग्रामीण विकास समिति के नागेन्द्र कुमार ने दी है।
आलोक कुमार
बिहार
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