बिहार : जब विदेश जाकर 2020 के बारे में राजगोपाल,पुष्पा और अनीस ने गहन मंथन किए - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 22 जून 2014

बिहार : जब विदेश जाकर 2020 के बारे में राजगोपाल,पुष्पा और अनीस ने गहन मंथन किए

p v rajgopal
पटना। आजकल यूरोपीय भ्रमण में एकता परिषद के संस्थापक पी.व्ही.राजगोपाल, एकता महिला मंच की अध्यक्ष पुष्पा सिंह और एकता परिषद के राष्ट्रीय संचालन समिति के सदस्य अनीस हैं। इनके साथ फ्रांस के जुलियस उर्फ मामा जी भी हैं। मेहमान और मेजबान मिलकर ऐतिहासिक सत्याग्रह जनांदोलन को सफल बनाने की कवायद में जुट हुए हैं। हालांकि 6 साल सत्याग्रह होने को बाकी है। फिर भी तैयारी करना जरूरी है। साल 2020 में 10 मिलियन लोगों को सड़क पर उतारने का प्रयास है। 

सर्वविदित है कि जन संगठन  एकता परिषद के संस्थापक और जाने-माने विख्यात गांधीवादी नेता पी.व्ही.राजगोपाल जी ने वर्तमान राजनीतिक माहौल को देखते हुए गांवघर की ओर चलने का आह्वान किया है। सरकार महानगरों और शहरों के कथित विकास को ही विकास मानती हैं। जो गांवघर में ठहर गए हैं उनकी हालत सोचनीय और दर्दनीय है। आजादी के 66 साल के बाद भी दरकिनार रहकर ही पड़े हुए हैं। हालांकि सरकारी योजनाएं बनी है। मगर पहुंच के बाहर है। आज जरूरत है कि लोग गांवघर में जाकर ग्रामीण लोगों को संगठित करें और उनको योजनाओं के बारे में जानकारी दें और योजनाओं से लाभान्वित लेने के लिए आवाज बुलंद करवाएं। योजनाओं पर ग्रामीणों का अधिकार है। उसके लिए आवाज उठाने की जरूरत है। 

गांधीवादी नेता राजगोपाल जी के आह्वान पर लोग ‘चलो गांव की ओर’ कदम बढ़ाना शुरू कर दिए है। हालांकि लोग गांव जाते ही थे। मगर विशेष सोच लेकर चल पड़ रहे हैं। गांव की हो जमीन, गांव का भी हो लगान, गांव को सशक्त बनाना, गांव से पलायन बंद कर देना, गांव में रोजगार का सृजन करना, गांव के लोग खुद्दार बन सके, गांव के लोगों को छोटे-बड़े रोजगार उपलब्ध कराना आदि को लेकर व्यापक तैयारी की जा रही है।इसको लेकर देश-प्रदेश-विदेश में बैठकों की दौर शुरू है। इस समय स्वीट्जरलैंड में बैठक की जा रही हैं। वहां के लोगों से जनसर्म्पक करके 2020 को सफल बनाने में योगदान करने का आग्रह किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बैठके सकारात्मक ढंग से हो रही है। वंचित समुदाय की जंग में शामिल होने का आश्वासन दे रहे हैं। 

ज्ञातत्व है कि देश में भूमि अधिकार को लेकर जनांदोलन हुआ है। साल 2007 में 25 हजार की संख्या में और साल 2012 में 75 हजार लोग सत्याग्रह पदयात्रा किए। पांव-पांव चले। एक पहर भोजन किए। सड़क पर सो गए। सड़क ही आश्रय बन गया। इस बीच एकता परिषद के राष्ट्रीय समन्वयक प्रदीप प्रियदर्शी ने यूरोपीय भ्रमण पर निकले साथियों को शुभकामनाएं दी है। अपने मकसद में सफल होकर लौंटे।



आलोक कुमार
बिहार 

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