केंद्र सरकार ने मौजूदा जुवेनाइल जस्टिस अधिनियम में संशोधन करने और भागीदारों से व्यापाक परामर्श लेने के बाद पुनर्विधान करने का फैसला लिया है। यह जानकारी गुरुवार को यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति में दी गई है।
बयान में कहा गया है कि प्रस्तावित जुवेनाइल जस्टिस (केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन) बिल 2014 में पूर्व की परामर्श प्रक्रिया के दौरान मिले सुझावों को मसौदे में शामिल कर लिया गया है और उसे केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है।
मंत्रालय ने सिविल सोसाइटी संगठनों, गैर सरकारी संगठनों और व्यक्तियों से उनके सुझाव और टिप्पणियां आमंत्रित किए हैं।
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