गृह मंत्रालय में अब सभी कामकाज हिंदी में होंगे. इस संबंध में बुधवार को गृह मंत्रालय ने निर्देंश जारी कर दिए. बताया जाता है कि सबसे अधिक हिंदी का इस्तेमाल करने वाले नौकरशाहों को पुरस्कृत भी किया जाएगा. सभी पीएसयू और केंद्रीय मंत्रालयों के लिए सोशल मीडिया और इंटरनेट पर हिंदी को अनिवार्य किया गया. गौरतलब है कि केंद्र सरकार चाहती है कि उसके अफसर हिंदी में ट्वीट करें और साथ ही फेसबुक, गूगल, ब्लॉग्स वगैरह में भी इसका इस्तेमाल करें. ऐसा निर्देश गृह मंत्रालय ने दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंद के कारण ऐसा किया जा रहा है.
मालूम हो कि गृह मंत्रालय ने 27 मई को एक पत्र लिखा था, जिसमें सोशल मीडिया इस्तेमाल करने वालों (सरकार तथा सरकारी अधिकारियों) के लिए हिंदी भाषा का इस्तेमाल अनिवार्य माना गया है. पत्र में कहा गया था कि सरकारी अधिकारियों को अपने कमेंट अंग्रेजी के अलावा हिंदी में भी पोस्ट करने होंगे. कुल मिलाकर उनसे हिंदी को वरीयता देने का कहा गया है. गृह मंत्रालय के पत्र में कहा गया है कि इस निर्देश को सभी विभागों के संज्ञान में लाया जाए.
कई सरकारी अधिकारी ट्वीट तो करते हैं लेकिन अंग्रेजी में. इनमें विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन भी हैं. वह विदेश मंत्रालय की ओर से ट्वीट करते हैं. लेकिन पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर हिंदी और इंग्लिश दोनों में ट्वीट करते हैं. निर्मला सीतारमण इंग्लिश, हिंदी और तमिल में ट्वीट करती हैं. बीजेपी के मुख्यमंत्री रमन सिंह, शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे अक्सर हिंदी में ट्वीट करते हैं.
हिंदी की बजाय विकास पर ध्यान दें मोदी: करुणानिधि
हिंदी पर हर काम करने को लेकर फैसले की चारों तरफ आलोचना होने लगी है. डीएमके प्रमुख करुणनिधि ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सोशल नेटवर्क पर हिंदी के इस्तेमाल और गृह मंत्रालय के बुधवार को जारी निर्देश पर आपत्ति जताई है. करुणानिधि ने कहा है कि मोदी को हिंदी की बजाय विकास पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह गैर हिंदीभाषियों को दोयम दर्जे की तरह समझने जैसा है.
1 टिप्पणी:
yeh Desh Bhaki ka jwalant udaharan hai. Hindi ko badhawa dena sachhi aam aadmi ki sewa hai. Angreji koi koi janta hai lekin Hindi ko sab koi jaanta hai.
by: jagmer sharma
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