द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) अध्यक्ष मुत्तुवेल्लु करुणानिधि ने केंद्र सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर दिए उस निर्देश पर आपत्ति प्रकट की है, जिसमें उसने अपने कर्मचारियों और सरकार के अन्य उपक्रमों के कर्मचारियों को हिंदी भाषा के इस्तेमाल को तरजीह देने की बात कही है। चेन्नई में जारी एक बयान में करुणानिधि ने कहा कि किसी व्यक्ति की इच्छा के विरुद्ध इस तरह का आधिकारिक निर्देश तमिल भाषियों पर हिंदी थोपने की शुरुआत होगी।
डीएमके प्रमुख ने एक समाचार पत्र में छपी खबर का हवाला दिया। खबर में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों, केंद्रीय उपक्रमों के कर्मचारियों और बैंकों के कर्मचारियों को सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, ब्लॉग्स व गूगल पर हिंदी या हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषा के प्रयोग का निर्देश दिया है।
करुणानिधि ने कहा कि भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल भाषाओं में केवल हिंदी को प्रमुखता देना, गैर हिंदीभाषी लोगों को दूसरे दर्जे का नागरिक मानने की दिशा में पहला कदम होगा। करुणानिधि ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लोग सामाजिक उत्थान के लिए काम और अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने की आशा रखते हैं।
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