तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के विधायक सिरिकोंडा मधुसूदनचारी को हैदराबाद में मंगलवार को तेलंगाना राज्य के विधानसभा का पहला अध्यक्ष चुन लिया गया। विपक्ष की सभी पार्टियों ने उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया और इस तरह सर्वसम्मति से उनका चुनाव हुआ। प्रोटेम स्पीकर के. जना रेड्डी द्वारा उनके चुने जाने की घोषणा के बाद टीआरएस के विधायक ने कार्यभार ग्रहण किया।
मुख्य विपक्षी कांग्रेस, तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी), भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) और दूसरी पार्टियों ने चारी की उम्मीदवारी का समर्थन किया। जना रेड्डी द्वारा निर्विरोध चुने जाने की घोषणा के बाद चारी को मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और पार्टी के दूसरे नेताओं ने शुभकामनाएं दी और उन्हें अध्यक्ष के मंच तक ले गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तेलंगाना आंदोलन में चारी की भूमिका सदा याद रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि टीआरएस के बनने से पहले से ही चारी आंदोलन में सक्रिय थे। कांग्रेस के नेता जना रेड्डी, टीडीपी के टी. श्रीनिवास और भाजपा के जी. कृष्णा रेड्डी ने उन्हें सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलने देने का आश्वासन दिया।
टीआरएस के संस्थापक सदस्यों में से एक 58 वर्षीय चारी वारंगल जिले के भूपलापल्ली निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर हैं और पहले टीडीपी से जुड़े थे। 1994 से 1999 तक उन्होंने टीडीपी के विधायक के रूप में अपनी सेवाएं दी। 2009 में वे चुनाव हार गए, लेकिन उसके बाद हुए चुनाव में उनकी विजय हुई।
टीआरएस के ही दूसरे नेता पद्म देवेंदर रेड्डी के विधानसभा उपाध्यक्ष चुने जाने की उम्मीद है। हालांकि, विपक्ष की पार्टियों की मांग है कि उपाध्यक्ष का पद उन्हें मिले। इस मुद्दे पर निर्णय मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में लिया जाएगा।
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