पटना। मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बिरादरी है महादलित मुसहर। वर्ष 1986-87 में 42 और 1987-88 में 17 आवासीय भूमिहीनों को जमीन की बंदोबस्ती पर्चा मिला। इस तरह कुल 59 लोगों में बिन्द जाति के 40 , 2 दुसाध जाति , 16 मुसहर जाति और 1 विजय धान हैं। इन लोगों में कुछ लोग जमीन मिलने के पास जमीन पर काबिज हो गए। कुछ लोगों को जमीन पर से ही खदेड़ दिया गया। इसमें महादलित मुसहर समुदाय के लोग ही है। सभी 26-27 सालों से भटक ही रहे हैं।
आज भी महादलित मुसहर समुदाय के लोग दरदर भटक ही रहे हैं। सभी मिलकर 11 जून 2014 को अनुमंडलाधिकारी कार्यालय,दानापुर के जनता दरबार में फरियाद किए। इनको सरकार के पास से 0.02 डिसमिल गैरमजरूआ मालिक की जमीन बन्दोबस्ती की गयी है। यह जमीन पटना जिले के दानापुर अंचल के जलालपुर ग्राम में स्थित है। गैरमजरूआ मालिक की जमीन बन्दोबस्ती केस न0 13 वर्ष 1987-88 के अधीन है। जिला कार्यालय, पटना, राजस्व शाखा के द्वारा औपबंधिक परवाना दिया गया है। महादलित मुसहर और बिन्द समुदाय के लोग निर्गत परवाना के आलोक में ग्राम जलालपुर, थाना न0 22,खाता न0 149,खेसरा न0 274,291 और एराजी 0.02 डिसमिल पर जाकर कब्जा करना चाहा। कुछ बसे और कुछ बस नहीं सके।
वह जमीन रूपसपुर थानान्तर्गत अभिमन्यु नगर में है। यहां पर महादलित दिन में झोपड़ी बनाकर चले गए और रात में जलालपुर के दबंगों ने झोपड़ी में आग लगाकर आंतक का माहौल कायम कर दिये। खुलेआम धमकी देने लगे कि जो कोई भी लोग इस जमीन पर कब्जा अथवा रहने आएगा। उसको मौत के घाट उतार दिया जाएगा। इनके आंतक से आंतकित होकर महादलित भयभीत हो गए। फिर भी हिम्मत करके महादलित जमीन कब्जाने जाते तो दबंग लोग लाठी पैना लेकर खदेड़कर ही दम लेते। इसके आलोक में आज भी हमलोग सहमे और डरे हुए हैं।
इसके आलोक में दानापुर के प्रखंड के अंचलाधिकारी सीओ कुमार कुंदन लाल को 27 फरवरी 2013 को स्मार पत्र सौंपा गया। सीओ साहब अभिमन्यु नगर आए। वहां पर सामाजिक कार्यकर्ता नरेश मांझी, मरच्छिया देवी, रामचन्द्र मांझी आदि उपस्थित थे। हुजूर ने भरोसा दिया कि आप लोगों की समस्या का समाधान कर देंगे। अभिमन्यु नगर में एक बार नहीं दो बार गए। कह गए कि जो जलजमाव है। गड्डे से पानी सूखते ही आप पर्चाधारियों को जमीन पर कब्जा दिलवा देंगे। ऐसा लग रहा था कि सीओ साहब जरूर ही महादलितों और अन्य लोगों के पक्ष में कारगर कदम उठाएंगे। आखिरकार महीने दो महीने के बाद गड्ढे का पानी सूख गया। इस बीच चुनाव कार्य में व्यस्त हो गए। इसी बहाने सीओ साहब अपने दिए गए वादे से मुकरने लगे। उनकी सुस्ती को देकर दबंग चुस्ती से अपने मकान के आगे बड़ा-चढ़ाकर चहारदीवारी खड़ा कर दिए।जब इतने से संतुष्ट नहीं हुए तो ईंट से राह भी बना लिए। इस अवैध कार्य करने वाले महानुभाव से प्रोत्साहित होकर लोभी लोग खेती भी करने पर उतारू है।
पर्चाधारियों के द्वारा प्रेषित आवेदन को एसडीओ राहुल कुमार जनता दरबार में 11 जून को पढ़ते रहे। आवेदन में प्रस्तुत बयान के आलोक में एसडीओ साहब ने फोन से सीओ कुमार कुंदन लाल से संर्पक कर आवश्यक हिदायत दिए कि सभी पर्चाधारियों की पहचान किसी गणमान्य या गण प्रतिनिधि से करवाकर लोगों को जमीन पर कब्जा दिलवा दें। सभी पर्चाधारियों की जमीन का सीमांकन करके दें। इसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता नरेश मांझी से कहा कि आप एक घंटे के अंदर सीओ साहब से मिले। सीओ साहब आवश्यक कदम उठाएंगे। सीमांकन करवाकर लोगों को जमीन पर कब्जा दिलवा देंगे।
इस बीच सामाजिक कार्यकर्ता नरेश मांझी ने जानकारी दी कि सीओ कुमार कुंदन लाल से बातचीत किए। उन्होंने अपने कार्यालय के माध्यम से एक निर्देश पत्र जारी किया है। सभी हलका स्मर के कर्मचारियों को 19 जून को अभिमन्यु नगर में पहुंचने का आदेश दिया है। इस आशय की खबर सुनकर पर्चाधारी खुश हुए। इस खुशी के मूड में आज 19 जून को महादलित मुसहर और अन्य पर्चाधारी अभिमन्यु नगर में आकर बैठ गए थे। बस इंतजार सीओ कुमार कुदंन का करने लगे। एक घंटा, दो घंटा इंतजार किए। मगर सीओ साहब का दर्शन न हुआ। इस बीच में सामाजिक कार्यकर्ता नरेश मांझी ने सीओ साहब से बातचीत किए। तो उन्होंने कर्मचारी से मुलाकात करने को कहकर पल्ला झार दिए। इस तरह 19 जून पर केन्द्रित ध्यान भंग हो गया।
आलोक कुमार
मो. 9939003721
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