इराक में अगवा हुए किए गए 40 भारतीयों का अब तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला है। अगवा भारतीयों के परिजनों ने गुरुवार शाम को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भी मुलाकात की। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अगवा लोगों के परिजनों को धीरज रखने के लिए कहा और पूरी मदद का भरोसा दिलाया। वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इराक की सरकार ने भी भारतीयों के अगवा होने की पुष्टि की है। उन्होंने यह भी बताया कि भारतीयों को बंधक बना कर कहां रखा गया है, इसकी जानकारी हमें है।
इससे पहले भारतीयों के अपहरण के मुद्दे पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि भारतीयों को वापस लाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाएगी। विदेश मंत्री ने कहा, "भारतीय नागरिकों को छुड़ाने के लिएए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। मैं प्रयासों की निजी तौर निगरानी कर रही हूं। हम हमारे नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।' उन्होंने कहा कि इराक की जानकारी रखने वाले अधिकारियों को वहां के लिए रवाना किया जा चुका है। विशेष दूत सुरेश रेड्डी को इराक भेजा गया है। वह इराकी एजेंसियों से लगातार भारतीय लोगों को सुरक्षित स्वदेश लाने के लिए बातचीत कर रहे हैं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पंजाब के सीएम प्रकाश सिंह बादल से भी बात की।
1.भारत आईएसआईएस से संपर्क करने की हर मुमकिन कोशिश कर रहा है। इसके तहत उसने सद्दाम हुसैन के शासनकाल में काम कर चुके सैन्य अधिकारियों से मदद मांगी है। सूत्र बताते हैं कि सद्दाम की सेना में काम कर चुके ये लोग अब आईएसआईएस का हिस्सा हैं और वे मामले को सुलझाने में मदद कर सकते हैं।
2. अगवा होने वाले लोगों में तुर्की और बांग्लादेश के नागरिक भी शामिल हैं। तुर्की सरकार भी अपने इराकी संपर्कों के सहारे मामले का हल निकालने में लगी हुई है और उसे सफलता मिलने की उम्मीद है। भारत अब तुर्की की कोशिशों पर भी नजर रखे हुआ है।
3.भारत ने अपने विशेष दूत सुरेश रेड्डी को इराक भेजा है। माना जाता है कि रेड्डी के इराक में अच्छे लिंक हैं, ऐसे में वह उनका इस्तेमाल करके मामले में कोई बड़ा ब्रेकथ्रू दिलवा सकते हैं। लेकिन, इनमें से किसी कदम का अभी तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकला है।
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