प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महंगाई से निपटने के लिए रोड मैप तैयार करना शुरू कर दिया है। कमजोर मानसून की आशंका के बीच मोदी ने कृषि, जल संसाधन, खाद्य व नागरिक आपूर्ति और रसायन व उवर्रक मंत्रियों व सचिवों के साथ बैठक कर बीते दस साल की स्थिति की समीक्षा की है। बैठक में मोदी ने साफ कर दिया है कि खाद्य वस्तुओं की कीमतें किसी भी सूरत में नहीं बढ़नी चाहिए। साथ ही कालाबाजारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। लैब टू लैंड के मुद्दे पर चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि किसानों को ऐसे बीज दिए जाएं जो कम बारिश में भी ज्यादा उत्पादन दे सके।
प्रधानमंत्री आवास में शुक्रवार शाम लगभग साढ़े तीन घंटे चली मैराथन बैठक में लगभग ढाई घंटे तक कृषि मंत्रलय ने बीते दस साल का प्रस्तुतिकरण सामने रखा। समय कम होने से कृषि के अलावा बाकी मंत्रलयों के बारे में ज्यादा चर्चा नहीं हो सकी। प्रधानमंत्री शनिवार को गोवा व उसेक बाद दो दिनों की भूटान यात्रा पर जा रहे है। वहां से लौटने के बाद इन मंत्रलयों से भी चर्चा करेंगे।
सूत्रों के अनुसार बैठक में प्रधानमंत्री ने खुद ही जानना चाहा कि बीते दस साल में कांग्रेस सरकार ने इस क्षेत्र में क्या काम किया है। कृषि मंत्रलय ने कमजोर मानसून की स्थिति में देश के पांच सौ जिलों के लिए आपात योजना को भी पेश किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने साफ किया कि विषम हालात में भी न तो कीमतें बढ़नी नहीं चाहिए और न ही कृषि उत्पादन कम होना चाहिए। मोदी ने संबंधित मंत्रलयों से कहा कि कालाबाजारियों पर प्रभावी अंकुश के लिए वे सभी उपाय करें। राज्यों को पूरा सहयोग करें और जरूरत पड़ने पर सब्सिडी के लिए भी तैयारी करें। फैसला लेने में किसी तरह की देरी नहीं होनी चाहिए। जो जहां है उसकी वहां पर जिम्मेदारी तय हो। उन्होंने जल संसाधन व ग्रामीण विकास के मुद्दे भी उठाए। मोदी ने एफसीआई के गोदामों में हर साल सड़ने वाले अनाज पर भी चिंता जताई और कहा कि किसी भी सूरत में यह स्थिति बदलनी चाहिए।
मोदी ने कहा कि सभी को मिलकर किसानों की चिंता करनी चाहिए कि उनको किस तरह से मदद की जा सके। इसके लिए लैब टू लैंड के मुद्दे पर चर्चा करते हुए कहा कि गर्मी की छुट्टियों में कृषि विश्वविद्यालयों के छात्रों को गांवों के स्कूलों की लैब दी जाए जहां वे मिट्टी का परीक्षण व अन्य खेती के प्रयोग कर सकें।
बैठक में कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह, जल संसाधन मंत्री उमा भारती व राज्य मंत्री संतोष गंगवार, खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान, और रसायन व उवर्रक मंत्री अनंत कुमार व राज्यमंत्री निहालचंद मौजूद थे।
कैसे लगेगी लगाम
-खाद्य वस्तुओं की कीमतें नहीं बढ़ेगी
-कालाबाजारियों पर सख्त कार्रवाई
-कम बारिश में ज्यादा उत्पादन वाले बीज
-राज्यों को दी जाए पूरी मदद
-सब्सिडी बढ़ाने पर भी होगा विचार
-लैब टू लैंड पर किया जाए काम
-गोदामों में न सड़े अनाज
-फैसला लेने में न हो देरी
-सभी की जिम्मेदारी तय की जाए
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