हरीश रावत की अनुपस्थिति में किशोर की अग्निपरीक्षा
देहरादून, 22 जून (राजेन्द्र जोशी)। प्रदेश कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को अपने राजनीतिक कैरियर के महत्वपूर्ण अग्निपरीक्षा के पड़ाव पर अपने आका मुख्यमंत्री हरीश रावत की अनुपस्थिति काफी खल रही है। किशोर उपाध्याय को जहां अपने से बहुत अनुभवी नेताओं को मनाना भारी पड़ रहा है वहीं इस समय सीएम हरीश रावत का बीमारी की वजह से राजधानी से दूर होना भी मुश्किल खड़ा कर रहा है।
बताते चले कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री किशोर उपाध्याय को पिछले दिनों कांग्रेस आलाकमान ने नए प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त किया है। किशोर कार्यवाहक अध्यक्ष यशपाल आर्य का स्थान लेंगे। मुख्यमंत्री हरीश रावत के करीबी और उनके गुट के प्रमुख नेता माने जाने वाले किशोर उपाध्याय की नियुक्ति से प्रदेश कांग्रेस में भूचाल आया हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा गुट किशोर की नियुक्ति को पचा नहीं पा रहा है और देहरादून से दिल्ली तक उनका विरोध किया जा रहा है।
बहुगुणा गुट द्वारा किशोर के विरोध का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनका विरोध कर रहा बहुगुणा गुट कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी के दरबार तक अपना विरोध जताने पहुंच गया जबकि उसे अच्छी तरह पता है कि किशोर की नियुक्ति स्वयं आलाकमान द्वारा हुई है। हालांकि उनकी बातों को सोनिया गांधी कितना तवज्जो देंगी ये तो पता नहीं लेकिन राज्य की तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का सामना करने के लिए तैयार पार्टी और सरकार दोनों के लिए ये विरोध घातक हो सकता है।
उधर किशोर उपाध्याय ने राजनीतिक नाजुकता को भांपते हुए बहुगुणा गुट समेत अन्य विरोधियों के घर पर जाकर उन्हें मनाने की कोशिश शुरू कर दी है। अब उनकी ये कोशिश कितना सफल होती है ये आज शाम प्रदेश कार्यालय में उनके चार्ज लेने के दौरान उपस्थित कांग्रेस नेताओं की संख्या से पता चलेगा। बहुगुणा गुट के नजदीकी सूत्रों की माने तो वे लोग इस मामले में किसी तरह के समझौते के पक्ष में नहीं है इसलिए वे किशोर के पदभार ग्रहण के दौरान अनुपस्थित रहकर अपनी नाराजगी जता सकते है।
किशोर उपाध्याय की ताजपोशी के साथ हरीश रावत गुट का संगठन और सरकार दोनो पर कब्जा हो गया है। उधर बहुगुणा के नजदीकी सूत्रों की माने तो विजय बहुगुणा अब विधायकी छोड़ संसद की राह पकड़ना चाहते है इसके लिए उनकी निगाह भाजपा के राज्यसभा सांसद भगत सिंह कोश्यारी के लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट पर है। बहुगुणा गुट की विरोधी कवायद इसी सीट पर कब्जा जमाने की रणनीति मानी जा रही है। उधर कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस सीट पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री और उत्तराखंड की कांग्रेस प्रभारी अंबिका सोनी की निगाह है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान भी उनकी प्रत्याशा पर मुहर लगा चुका है। अब इस मामले पर कांग्रेस की अन्दरूनी कलह अपने चरम पर है। पार्टी के आम कार्यकर्ता इससे बहुत निराश है। इस समय जब मुख्यमंत्री को जनता के बीच रहकर इन मामलो पर डैमेज कंट्रोल करना चाहिए था तो वे मजबूरीवश दिल्ली के एम्स में स्वास्थ्य लाभ ले रहे है।
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