सदमे में काशी, कौन करेगा गंगा मुक्ति के लिए अनशन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 12 जुलाई 2014

सदमे में काशी, कौन करेगा गंगा मुक्ति के लिए अनशन


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गंगा की निर्मलता एवं अविरलता को लेकर पांच वर्ष से अधिक समय तक अनशन पर बैठने वाले योगेश्वर बाबा 'नागनाथ' शुक्रवार को इस दुनिया से विदा हो गए। लोगों का कहना है कि अंतिम समय में भी उनके मुख से 'मां गंगा' शब्द ही निकला। बाबा नागनाथ की तबीयत खराब होने पर उन्हें शुक्रवार सुबह बीएचयू अस्पताल में भर्ती कराया गया था। काफी प्रयासों के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। बाबा नागनाथ विशेश्वरगंज मोहल्ला के रहने वाले थे। गंगा की निर्मलता व स्वच्छता के लिए उन्होंने जीवन र्पयत संघर्ष किया और चिंता व्यक्त की। गंगा में गिरने वाले सीवर के पानी व बांधों के लिए उन्होंने सतत संघर्ष किया।

गंगा पुत्र के नाम से विख्यात योगेश्वर बाबा ने 19 जुलाई 2008 से लेकर 18 जुलाई 2013 तक गंगा मुक्ति के लिए अनशन किया था। उस समय बाबा रामदेव और अशोक सिंघल ने उनका अनशन तुड़वाया था। गंगा के मुद्दे पर देश में आंदोलन करने वाली साध्वी उमा भारती भी उनका आशीर्वाद लेने पहुंचती रही हैं। बाबा नागनाथ के निधन के समाचार से धर्म नगरी काशी में सन्नाटा पसर गया है। बाबा के पैतृक इलाके विशेश्वरगंज में लोग सदमे में हैं। 

गंगा मुक्ति अभियान में हमेशा उनके साथ खड़े रहने वाले राजेंद्र त्रिवेदी ने बताया कि शुक्रवार की रात बाबा की तबीयत बिगड़ गई तो उन्हें बीएचयू अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां शनिवार को उनका निधन हो गया। उन्होंने कहा, 'गंगा के लिए उनका आंदोलन जीवित रहेगा और उनकी स्मृतियों को संजोते हुए आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा।'

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