राज्यसभा में सोमवार को गाजा पट्टी के मौजूदा संकट पर चर्चा शुरू हुई। इस मुद्दे पर पिछले सप्ताह राज्यसभा की कार्यवाही बाधित हुई थी। विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि गाजा पट्टी पर सभी तरफ से हमले हो रहे हैं। उन्होंने पूछा, क्या भारत की विदेश नीति में बदलाव हो गया है?
उन्होंने कहा, "यह दुनिया का एक छोटा हिस्सा है और इस पर हर तरफ से हमले हो रहे हैं। क्या भारत की विदेश नीति बदल गई है? जो नीति जवाहर लाल नेहरु, इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी के समय में थी, क्या वह बदल गई है?" आजाद ने कहा कि भारत में विदेशों से भेजी जाने वाली राशि का आधा हिस्सा पश्चिमी एशिया से आता है। हमें हमले की निंदा करनी चाहिए और प्रस्ताव पारित करनी चाहिए।
इस मुद्दे को पिछले बुधवार को राज्यसभा की कार्यसूची में शामिल किया गया था, लेकिन सरकार के यह कहे जाने पर कि वह इस पर चर्चा नहीं चाहती है, यह टल गया था। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा के सभापति एम.हामिद अंसारी को पत्र लिख कर इस पर चर्चा न कराने का अनुरोध किया था। हालांकि, सभापति ने उनका अनुरोध नहीं स्वीकारा। केंद्र सरकार फिर सोमवार को इस पर चर्चा कराने के लिए तैयार हुई।
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