दिल्ली मेट्रो में गड़बड़ी, खुले रहे दरवाजे - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 17 जुलाई 2014

दिल्ली मेट्रो में गड़बड़ी, खुले रहे दरवाजे



दिल्ली मेट्रो में गुरुवार को यात्रियों से भरी चलती मेट्रो रेल के एक तरफ के दरवाजे खुले रह गए। रेल के चालक को निलंबित कर दिया गया है। जहांगीर पुरी से हुड्डा सिटी सेंटर के बीच चलने वाली येलो लाइन मेट्रो गुरुवार सुबह 9.40 बजे जब अर्जनगढ़ मेट्रो स्टेशन से चली तो प्लेटफार्म पर खुला दरवाजा खुला ही रह गया। इस गलती का पता तब चला जब मेट्रो दो मिनट बाद घिटोरिनी स्टेशन पहुंची।

राहत की बात यह रही कि डिब्बे में सवार यात्रियों में हड़कंप नहीं मचा और वे समझदारी से खुले दरवाजे से दूर हट गए। कुछ एक यात्रियों ने अपने मोबाइल कैमरे से पूरे घटनाक्रम की वीडियो भी बना ली। हुड्डा सिटी सेंटर (हरियाणा) से जहांगीर पुरी की ओर चलने वाली येलो लाइन मेट्रो मार्ग में अर्जनगढ़ हरियाणा का अंतिम स्टेशन है, जबकि घिटोरिनी दिल्ली का प्रारंभिक मेट्रो स्टेशन है।

दिल्ली मेट्रो ने स्वीकार किया है कि शुरुआती जांच के मुताबिक यह चालक की गलती है और उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। मेट्रो के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह अनुमान लगा पाना मुश्किल है कि उस मेट्रो रेल में कितने यात्री सवार थे, क्योंकि दुर्घटना सुबह के समय हुई जब मेट्रो में लोगों की काफी भीड़ होती है। दिल्ली मेट्रो के आठ डब्बे वाली रेल के हर डब्बे में अमूमन 100-150 यात्री होते हैं।

घटना से आक्रोशित यात्रियों ने दिल्ली मेट्रो को दोषी बताया। सप्ताह के छह दिन येलो लाइन में यात्रा करने वाले शौभिक मुखर्जी ने कहा, "यह बहुत बड़ी गलती है और इससे दिल्ली मेट्रो के लापरवाह रवैये का पता चलता है।" दिसंबर 2002 में दिल्ली मेट्रो रेल सेवा की शुरुआत के बाद इस तरह की पहली दुर्घटना सामने आई है, जो दिल्ली मेट्रो के 'सुविधाजनक एवं सुरक्षित' होने के दावे को गलत साबित करती है।

दिल्ली मेट्रो की आधिकारिक वेबसाइट में यह जानकारी दी गई है कि मेट्रो रेल के दरवाजे स्वत: संचालित होते हैं और दरवाजों के ठीक से बंद हुए बिना रेल गति नहीं पकड़ सकती। इसमें कहा गया है, "यदि चलती रेल में दुर्घटनावश दरवाजे खुल जाएं तो रेल की ऑटोमेटिक प्रणाली द्वारा ब्रेक लगने से रेल रुक जाएगी।" दिल्ली मेट्रो में हर रोज लगभग 23 लाख लोग यात्रा करते हैं।

कोई टिप्पणी नहीं: