पाकिस्तान ने शुक्रवार को भारतीय पत्रकार वेद प्रताप वैदिक और 26/11 हमले की साजिश के मुख्य आरोपी व जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद की मुलाकात से उपजे विवाद से खुद को दूर करते हुए कहा कि यह दो आम नागरिकों की निजी मुलाकात थी। भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने यहां कहा, "यह दो आम नागरिकों की निजी मुलाकात थी, इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं है।"
भारतीय प्रेस क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बासित ने इस विवादास्पद मुलाकात को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि पाकिस्तान को वैदिक और सईद की मुलाकात के बारे में जानकारी नहीं थी। बासित ने कहा कि वैदिक पाकिस्तान का दौरा करते रहे हैं और वह क्षेत्रीय शांति के कार्यक्रम में शिरकत करने वाली प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। उन्होंने कहा, "हमें सईद के साथ उनकी मुलाकात की जानकारी नहीं थी।"
जब उनसे पूछा गया कि सईद पर एक करोड़ डॉलर का ईनाम घोषित है और वह फिर भी सहज तरीके से देशभर में घूम रहे हैं, पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने कहा कि उनकी सरकार को ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिस आधार पर सईद के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा कि यदि कोई लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक के खिलाफ सबूत लाकर देता है, तो पाकिस्तान उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए तैयार है, लेकिन पाकिस्तान केवल दूसरों को खुश रखने के लिए उन्हें गिरफ्तार नहीं करेगा। उन्होंने कहा, "वह आम नागरिक हैं और हमारे पास उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है।"
जब उनसे पूछा गया कि क्या जमात-उद-दावा के प्रमुख को भारत के खिलाफ जहर उगलने की स्वतंत्रता है तो बासित ने कहा कि सईद न तो सरकारी अधिकारी हैं और न ही संसद के सदस्य हैं, बल्कि वह सिर्फ एक आम नागरिक हैं।
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