बिहार : बेटी जन्मोत्सव-बेटियों को सम्मान दिलाने की एक पहल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 14 जुलाई 2014

बिहार : बेटी जन्मोत्सव-बेटियों को सम्मान दिलाने की एक पहल

save daughter
मधेपुरा। पितृ सत्तात्मक राज्य में इंसान के साथ भेदभाव जारी है। उसी तरह इंसान भी जानवरों के साथ भी सलूक किया करते हंै। एक ओर इंसान बेटी के साथ किया करते हैं। यहां लड़का को मान-मनौव्वल करते हैं। तो दूसरी ओर इंसान गाय के बछड़ों के साथ अन्याय किया करते हैं। बाछी को सम्मान करते हैं। सच तो यह है कि इंसान मतलबी वाला होकर रह गया है। जहां फायदा होता है। उसी ओर ध्यान मग्न हो जाता है। आज तो हम बेटियों की स्थिति यह है कि ‘आने वाले को आने नहीं देते, और जो आ जाते हैं तो उनको जीने नहीं देते। गर्भ के समय विभिन्न तरह के हथकंडे अपनाकर जानकारी कर लेते हैं कि गर्भस्थ शिशु कन्या है! तो गर्भपात करा देते हैं। अगर बच गए तो दहेज की बलि बेदी पर चढ़ा दी जाती हैं।

इसके कारण बेटियों की घटती संख्या एवं बढ़ते अपराध ने समस्त नारी जाति को घायल कर  दिया है। पता नहीं कितनी बेटियाँ जन्म से पहले मार दी जाती है एवं कितनी जन्म के बाद उपेक्षित होकर समाज के घृणित एवं कुत्सित व्यवहार को झेलती और झेलने को बाध्य कर दी जाती हैं। 

हम महिलाएं हमारी बेटियों को सम्मान सुरक्षा संरक्षण देने के उद्देश्य से एकजुट होकर बिहार महिला समाख्या के बैनर तले बेटी जन्मोत्सव मनाते हैं। यह एक छोटा सा पहल है। ग्रामीण क्षेत्रों में बेटियों के जन्म पर खुशियांें मनाते हैं। इसको लेकर लोगों के बीच में चेतना जागृति पैदा करके लोगों को जागरूक करते हैं।  ‘बेटा-बेटी एक समान’ नारों की हकीकत के रूप में पहला कदम है। हम बेटियांे के जन्म पर खुशियाँ मनाकर सभी नारी को स्वयं का सम्मान करने के लिए आह्वान करते हैं।

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मधेपुरा जिला के सिंहेश्वर प्रखंड के गोपालपुर गाँव में बेटी जन्मोत्सव मनाया गया। नन्ही प्यारी गोल-मटोल शिवानी को तो पता भी नही है कि उसके जन्म पर नाते-रिश्तेदारीं ने नहीं बल्कि आस-पास के कई गाँवों से ढे़र सारी महिलाएं आयी है  बधाई देने । सजी-धजी उसकी माँ कलावती उसे गोद में लेकर फूले नहीं समा रही है।दादा श्री राजेश्वर साह एवं दादी सभी व्यवस्था करने में लगे हुए हैं सभी आंगतुक महिलाओं को शर्बत पिलाया जा रहा है।

शिवानी के जन्म पर बधाई गीत गाई जा रही है। ऐसा दिन बार-बार आए, बार-बार मन हर्षाए, तू शिवानी जीओ, हजार साल, यह है मेरी आरजू,। इतना ही नही एक कदम्ब का पौधा लगाया गया।जो पर्यावारण संरक्षण के प्रति संवेदनशीलता की पे्ररणा देता है। पौधा का नाम भी शिवानी रखा गया । जैसे-जैसे कदम्ब का पौधा बढ़ेगा एवं उसकी सुरक्षा का दायित्व पूरे परिवार का होगा। उसी तरह उस बच्ची को सुरक्षा एवं संरक्षण प्राप्त होगा। इस अवसर पर सभी जिला कर्मी -सुनीता कुमारी, प्रभारी जिला कार्यक्रम समन्वयक,रिंकू कुमारी जिला साधन सेवी और प्रखंड के सहयोगिनी जैसे रिंकू कुमारी, रेणू कुमारी, शोभा देवी, शबाना प्रवीण एवं सहेली और सखी भाग लिये।



पटना से आलोक कुमार और मधेपुरा से अजय मांझी।


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