सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को संविधान के अनुच्छेद 370 को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। इसी अनुच्छेद के तहत जम्मू एवं कश्मीर को विशेष हैसित मिली हुई है। प्रधान न्यायाधीश आर.एम. लोढ़ा, न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष और न्यायमूर्ति रोहिंटन फाली नरीमन ने कुमारी विजयलक्ष्मी झा की याचिका खारिज कर दी। याची ने दलील दी थी कि अनुच्छेद 370 अस्थायी प्रावधान था जो संविधानसभा के 1957 में भंग होने के साथ ही समाप्त हो गया।
याची ने कहा था कि शीर्ष अदालत के सामने यह सवाल उसके विचारार्थ पेश किया जा रहा है कि क्या जम्मू एवं कश्मीर की संविधानसभा के 26 जनवरी 1957 को भंग होने के साथ ही अस्थायी प्रावधान स्वत: समाप्त नहीं हो जाता। अदालत से किया गया दूसरा सवाल यह था कि 17 नवंबर 1956/26 जनवरी 1957 को लागू हुआ राज्य का संविधान वैध है क्योंकि इसके कुछ प्रावधान भारत के संविधान के प्रावधानों से मेल नहीं खाते हैं।
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