उरुग्वे फुटबाल टीम के विवादित स्ट्राइकर लुइस सुआरेज अपने ऊपर लगे प्रतिबंध के विरोध में अब खेल पंचाट न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। गौरतलब है कि ब्राजील में चल रहे फीफा विश्व कप-2014 के ग्रुप मैच के दौरान विपक्षी टीम के खिलाड़ी को दांत काटने के आरोप में प्रतिबंध झेल रहे सुआरेज और उरुग्वे फुटबाल संघ की याचिका को दो दिन पहले गुरुवार को फीफा याचिका समिति ने ठुकरा दिया था।
समाचार चैनल बीबीसी ने सुआरेज के वकील एलेजांद्रो बाल्बी के हवाले से कहा, "फीफा का फैसला बेहद कठोर, निष्ठुर, और फासीवादी है। इससे सुआरेज के अधिकार का हनन होता है। नौ अंतर्राष्ट्रीय मैच नहीं खेलने की बात अधिक हो सकती है लेकिन फुटबाल मैच देखने स्टेडियम में न जा सकने या फिर अभ्यास सत्र में हिस्सा न ले सकने जैसा प्रतिबंध बेहद खराब है।"
फीफा विश्व कप-2014 के ग्रुप-डी के एक मैच के दौरान सुआरेज को इटली के जॉर्जियो चीलिनी को दांत से काटने का दोषी पाया गया था। इसके बाद फीफा ने उन पर नौ मैचों का प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही उन्हें चार महीने तक किसी भी फुटबाल संबंधी कार्यक्रम में हिस्सा लेने से भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। प्रतिबंध के बावजूद स्पेन के अग्रणी क्लब एफसी बार्सिलोना ने संभवत: रिकॉर्ड 9.5 करोड़ डॉलर में उनके पूर्व क्लब लीवरपूल के साथ सुआरेज के स्थानांतरण का करार किया है।
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