ढैंचा बीज आपूर्ति वितरण मामला, अनियमितता बरतने वालों पर हो कार्यवाही: कांग्रेस
देहरादून, 18 जुलाई (निस)। उपचुनाव से पूर्व उत्तराखंड कांग्रेस ने ढैंचा बीज आपूर्ति वितरण मामले को उठा सूबे की राजनीति को गरमा दिया है। इस मामलें के पूर्व कृषि मंत्री व डोईवाला विस उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी से सीधा जुड़ा होने को मद्देनजर रखते हुए कांग्रेस ने सरकार से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है। शुक्रवार को कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कांग्रेस के मुख्य प्रदेश समन्वयक जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने जनता से ये वादा किया था कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने के बाद तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा किये गये भ्रष्टाचार के प्रकरणों की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। सत्ता में आने के बाद विजय बहुगुणा के नेतृत्व में बनी कांग्रेस सरकार द्वारा जनता से किये वादे के अनुरूप पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के भ्रष्टाचारों की जांच हेतु एकल सदस्यीय एस.सी. त्रिपाठी जांच आयोग का गठन किया गया। उन्होंने कहा कि आयोग की कृषि विभागान्तर्गत ढैंचा बीज आपूर्ति वितरण में बरती गई अनियमितिताओं के सम्बन्ध में आई रिपेार्ट में जो संस्तुतियां की गई हैं उनके आधार पर भाजपा सरकार के तत्कालीन कृषि मंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की कत्र्तव्यों एवं दायित्वों के निर्वहन में हुई चूक से लोकहित प्रभावित हुआ है जो सीधे तौर पर भ्रष्टाचार अधिनियम १९८८ की धारा १३(१) के अन्तर्गत आता है। उनका साफ कहना था कि इस फाईल पर भाजपा सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री की अनुमति प्राप्त होने के बाद ही अग्रिम कार्रवाई की गयी थी, लिहाजा तत्कालीन मुख्यमंत्री भी दोषमुक्त नहीं हो सकते हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि ढैंचा बीच आपूर्ति वितरण में अनियमितताएं बरतने वालों पर कड़ी कार्यवाही की जाए। पत्रकार वार्ता के दौरान मीडिया समन्वयक सुरेन्द्र सिंह आर्य के अलावा राजेन्द्र शाह, मथुरा दत्त जोशी आदि मुख्य रूप से मौजूद थे। उधर कांग्रेस सरकार द्वारा उपचुनाव से पूर्व उक्त प्रकरण उठाने से सूबे की राजनीति को गरमा दिया है।
फार्म निरस्त करने पर प्रत्याशियों के समर्थकों का हंगामा
काशीपुर, 18 जुलाई (निस)। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के उप चुनाव में जमा फार्म निरस्त करने पर प्रत्याशियों व उनके समर्थकों ने जमकर हंगामा काटा। प्रत्याशियों ने आरओ को घेरकर प्रपत्रों की जांच दोबारा करने की मांग भी की। पंचायत चुनाव में खाली पड़ी सीटों पर प्रशासन ने चुनाव कराने का निर्णय लिया है। इसी के मद्देनजर ब्लॉक में प्रत्याशी के जमा प्रपत्रों की जांच की जा रही थी। आपत्ति लगने के बाद चुनाव अधिकारियों ने फ ार्म की जांच की। इस दौरान कचनाल गाजी वार्ड नंबर आठ के दोनों वार्ड मेंबर प्रत्याशियों की प्रपत्रों पर आपत्ति लगने पर गहनता से जांच की गई। एक का पर्चा निरस्त करने पर महिला प्रत्याशी व उनके समर्थक आरओ के दफ्तर में पहुंच गए। उन्होंने गलत तरीके से पर्चा निरस्त करने का आरोप लगाते हुए हंगामा काटना शुरु कर दिया। इस पर आरओ प्रताप चंद्र आर्या ने दोनों के फ ार्म मंगा कर जांच की। उन्होंने बताया कि वार्ड मेंबर की एक प्रत्याशी की स्थायी व जाति जसपुर तहसील से निर्गत की गई है। हालांकि फ ार्म निरस्त होने पर महिला प्रत्याशी ने अधिकारियों की कार्रवाई को कोर्ट में चुनौती देने की बात कही। उन्होंने दूसरे प्रत्याशी के प्रपत्र की जांच की मांग उठाई।
युवक की हादसे में मौत
काशीपुर, 18 जुलाई (निस)। रिक्शे वाले को बचाने के प्रयास में हैंड ब्रेक लगाने पर एक युवक बाइक से सिर के बल गिर गया। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। तहसील मार्ग पर तेज रफ्तार बाइक सवार एक युवक ने सामने से आ रहे रिक्शे को बचाने के प्रयास में अचानक हैंड ब्रेक लगा दिया। जिससे बाइक सवार युवक सिर के बल गिर पड़ा। मौके पर पहुंची पुलिस ने युवक को अस्पताल पहुंचाया। जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक की पहचान मौहल्ला रहमखानी निवासी राजू 30 पुत्र बालेश्वर के रूप में की गई। घटना की सूचना मिलने पर मृतक की पत्नी नैना पहुंच गई। उसने बताया कि वह आरामबाग कोलकाता के निवासी हैं। उसका पति आभूषण बनाने का कारीगर था। ऑर्डर पर अन्य दुकानदारों के आभूषण बनाता था। मोहल्ला रहमखानी में उनकी दुकान है। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद उसके परिजनों को सौंप दिया।
रंगेहाथो धरा गया जेबकतरा
काशीपुर, 18 जुलाई (निस)। एक मॉल के बाहर खड़े युवक की जेब से कुछ जेबकतरों ने नकदी उड़ा ली। उसने इस बात की भनक लगते ही आरोपी को अन्य लोंगो की मद्द से मौके पर ही धर-दबोचा। भीड़ ने जेबकतरे की जमकर पीटाई कर उसे पुलिस के हवाले कर दिया। एक युवक बाजपुर रोड स्थित रेलवे फाटक के पास बने मॉल के बाहर लगी दुकान से सामान खरीद रहा था। आरोप है कि इसी दौरान उसके पीछे खड़े युवक ने उसकी जेब काट ली। युवक को जेब कटने की भनक लगते ही उसने कुछ लोंगो की मदद से आरोपी को धर-दबोचा। जेबकतरे से पर्स वापस मांगने पर वह आनाकानी करने लगा। कुछ ही देर में वहां और भीड़ बढ़ गई। आक्रोशित लोगों ने लात.घूसों से जेब कतरे की जमकर धुनाई लगाई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया।
सरकार की स्थानांतरण नीति का जमकर विरोध
काशीपुर, 18 जुलाई (निस)। राजकीय शिक्षक संघ के पदाधिकारियों की बैठक में राज्य सरकार की स्थानांतरण नीति का जमकर विरोध हुआ। वक्ताओं ने अन्य मुद्दों पर भी गहन मंथन किया। शिक्षक संघ के ब्लॉक मंत्री मनोज प्रजापति के आवास पर हुई बैठक में काशीपुर व जसपुर के शिक्षकों ने भाग लिया। इस दौरान गुरुजनों ने वर्तमान सरकार द्वारा बनाई गई तबादला नीति को खामियों से भरा बताया। कहा कि पूर्व में दंपत्ति शिक्षकों को इससे दूर रखा गया था। साथ ही उन्हें एक्स व वाई कैडर में रहने की छूट दी गई थी। जसपुर ब्लॉक मंत्री संजीव कुमार ने चुनाव ड्यूटी में लगे शिक्षकों को उपार्जित अवकाश देने का जीओ जारी करने की मांग उठाई। ब्लॉक अध्यक्ष काशीपुर अजय चैधरी ने अन्य कार्मिकों की तर्ज पर शिक्षकों को भी लाभ देने की मांग उठाई। जसपुर के ब्लॉक अध्यक्ष एसके शर्मा ने चिकित्सकों की भांति गुरुजनों को भी ग्रेड पे के बराबर दुर्गम भत्ते की मांग पर जोर दिया। वक्ताओं ने महिलाओं की भांति पुरुषों को भी 50 वर्ष के बाद स्थानांतरित न करने की मांग उठाई। इस मौके पर एसके वर्मा, चंद्रशेखर चैहान, रामकिशोर तोमर, देवेंद्र कुमार पांडे, शशि कुमार, नवनीत देवल, गुणवंती देवी, एलडी कबड़वाल, राजेंद्र रावत आदि भी मौजूद थे।
कोलम्बस स्कूल में टाॅपर्स का हुआ सम्मान, मेधावी बच्चों को वितरित की दो लाख की छात्रावृत्ति
रूद्रपुर, 18 जुलाई (निस)। नगर के प्रतिष्ठित कोलम्बस पब्लिक स्कूल में आयोजित वार्षिक पारितोषिक समारोह में मेधावी छात्र- छात्राओं को नगद धनराशि एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विद्यालय की नवगठित छात्र संसद के पदाधिकारियों को शपथ भी दिलाई गयी। माॅडल कालोनी स्थित कोलम्बस पब्लिक स्कूल में भव्य रूप से आयोजित वार्षिक पारितोषिक समारोह का शुभारम्भ किच्छा विधायक राजेश शुक्ला ने मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित करके किया। इस अवसर पर उन्हांेने कहा कि प्रतिभाओं को निखारने का काम कोलम्बस पब्लिक स्कूल बखूबी कर रहा है। कोलम्बस स्कूल में पढ़ रहे बच्चे नित नई उंचाईयों को छूकर विद्यालय और शहर का नाम रोशन कर रहे हैं, यह क्षेत्र के लिए गौरव की बात है। उन्होंने बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कारवान बनाने पर भी जोर दिया। उन्होने कहा कि शिक्षा के बिना जीवन अंधकारमय है। समारोह में सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं में 95.6 प्रतिशत अंक प्राप्त कर शहर के समस्त विद्यालयों में वाणिज्य वर्ग में टाॅप रही विद्यालय की मेधवी छात्रा साक्षी गगनेजा को पुरस्कार स्वरूप साढ़े सात हजार रूपये की नगद धनराशि और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इसके अलावा विज्ञान वर्ग में 96.4 प्रतिशत अंक प्राप्त कर कोलम्बस पब्लिक स्कूल के टाॅपर रहे अंश तयाल को भगवानी देवी स्मृति विद्या रत्न पुरस्कार एवं ग्यारह हजार रूपये की धनराशि से नवाजा गया। इसके अलावा अन्य छात्र-छात्राओं को भी उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया। इससे पूर्व समारोह में विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने स्वागत गीत की मनमोहक प्रस्तुति देकर सभी उपस्थित आंगन्तुको का संगीतमय स्वागत किया। कार्यक्रम में सर्वप्रथम विद्यालय के महानिदेशक केसरदास खेड़ा द्वारा विद्यालय की नवगठित छात्र संसद के सदस्यों को उनके पदनाम प्रदान कर दायित्व निर्वहन की शपथ दिलाई गई। अंत में विद्यालय के निदेशक मनोज खेड़ा ने अपने भाषण में छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य एवं दीर्घायु की कामना की। समारोह में ललित खेड़ा, इन्दर बत्रा, टी0 एस0 नैलवाल, केवल कृष्ण बत्रा, मथुरादत्त पाण्डे आदि उपस्थित थे।
27 को होगें पंचायत के मतदान व मतगणना
देहरादून, 18 जुलाई (निस)। सचिव पंचायती राज विनोद फोनिया ने बताया है कि राज्य में (जनपद हरिद्वार को छोड़कर) क्षेत्र के प्रमुख, ज्येष्ठ उप प्रमुख तथा कनिष्ठ उप प्रमुख तथा जिला पंचायत अध्यक्ष/उपाध्यक्ष के निर्वाचन हेतु समय सारिणी तय कर ली गई है। इसके अनुसार क्षेत्र के प्रमुख, ज्येष्ठ उप प्रमुख तथा कनिष्ठ उप प्रमुख के पदों पर 24 जुलाई को नामांकन व नामांकन पत्रों की जांच, 26 जुलाई को नामांकन वापसी, 27 जुलाई को मतदान व मतगणना की जायेगी। जबकि जिला पंचायत अध्यक्ष/उपाध्यक्ष के पदों पर 30 जुलाई को नामांकन व नामांकन पत्रों की जांच, 2 अगस्त को नामांकन वापसी, 5 अगस्त को मतदान व मतगणना की जायेगी।
निवेश में लगातार धोखाधड़ी से बचा जाना आवश्यक
देहरादून, 18 जुलाई (निस)। दि इंस्टीटयूट आॅफ कास्ट एकाउन्टेन्ट आॅफ इडिया के देहरादून चैप्टर और मिन्सिट्री आॅफ कंपनिज भारत सरकार की ओर से निवेशको को जगरूक करने के लिए राजपुर रोड़ स्थित कार्यशाला हुई। कार्यक्रम का शुभांरभ मुख्य अतिथि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी व पूर्व निदेशक अमर प्रताप सिंह ने दीप दीप प्रज्वलित कर किया। अमर प्रताप सिंह ने निवेश में होने वाली धोखाधडी के बारे में कहा और उन्होंने ऐसी कंपनिज से सावधान रहने के लिए भी कहा जो छोटी अविध मे पैसे को दुगुना और तिगुना करने का लालच दे कर जनता को भ्रमित करती है । इस अवसर पर मुख्यवक्ता के रूप वित्तीय नियोजन विशेषज्ञ जेएल बंसल और चार्टड एकाउन्टेन्ट आईसी संघल ने कहा निवेश करते समय सतर्कता बरतने की जरूरत के है। उन्होंने कहा कि निवशको को जागरूक करने हेतु सही निवेश करते समय जो रिस्क फैक्टर है उसके अध्ययन पर विशेष ध्यान आकर्षित करते हुए संन्तुलित निवेश पर विचार व्यक्त किया। श्री जे॰एल॰बंसल द्वारा निवेश के आदर्श, निवेश के विकल्प तथा निवेश सम्बन्धित जानकारी उपलब्ध कराई गई। शेयर बाजार निवेश हेतु विभिन्न संस्थाओ की आर्थिक स्थिति की जानकारी प्राप्त करने पर विशेष अध्ययन करने के उपरान्त निवेश की मात्रा तथा निवेश की समय सीमा तय करने के आधार पर निवेश करने हेतु विस्तृत चर्चा की गई जिससे सभी श्रोता गणो केा इस विषय में सम्पूर्ण जानकारी दी। इस मौके पर अमित कंसल, सुजय गुप्ता, आक्षिमा , सडना तलवार, आदि मौजूद थे।
व्यापारियों ने किया केंद्रीय बजट का स्वागत
देहरादून, 18 जुलाई (निस)। नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर को प्रमुखता देना वित्तमंत्री का साहसिक कदम देश के व्यापारियों के शीर्षस्थ संगठन कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय वित्तमंत्री द्वारा बजट में नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर के लिए एक वित्तीय ढांचा बनाने की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा है की पहली बार किसी सरकार ने नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर को अर्थव्यवस्था की रीड की हड्डी बताते हुए बजट में प्रमुखता दी है। शुक्रवार को पत्रकार वार्ता के दौरान कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खण्डेलवाल ने बजट प्रस्ताव का स्वागत करते हुए कहा की नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर में लगभग 5 .77 प्रतिष्ठान काम कर रहे हैं जो लगभग 49 करोड़ लोगों को रोजगार देते हैं जो देश में कुल रोजगार का 90 प्रतिशत है ! वित्तीय सहायता के मामले में इस सेक्टर को नजरअंदाज ही किया गया है क्योंकि केवल 4 प्रतिशत लोगों को ही बैंकों अथवा अन्य वित्तीय संस्थानों से सहायता मिल पाई है लेकिन फिर भी नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर ने जीडीपी, रोजगार,निर्यात और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग में कॉर्पोरेट सेक्टर को कहीं पीछे छोड़ा है। हालाँकि यह सेक्टर रुपये 6 .28 लाख करोड़ का वैल्यू एडिशन करता है लेकिन अफसोस है की नीति निर्माताओं ने अब तक इस सेक्टर को असंगठित ही कहा है जबकि यह सेक्टर वास्तव में स्वयं संगठित है। इस वर्ष के बजट में वित्तमंत्री ने इस सेक्टर को सपोर्ट करने के लिए एक वित्तीय ढांचा विकसित करने की घोषणा की है जिसका देश भर के व्यापारियों ने स्वागत किया है। व्यापारी नेताओं ने कहा की अब तक सारी नीतियां कॉर्पोरेट सेक्टर को ध्यान में रख कर बनायीं जाती रही हैं और जिसका बड़ा लाभ कॉर्पोरेट सेक्टर को मिला भी है लेकिन बावजूद सबके पिछले दो दशको में कॉर्पोरेट सेक्टर केवल 22 लाख रोजगार ही पैदा कर पाया। वर्ष 1991 से लेकर वर्ष 2011 के २० वर्षों के समय में कॉर्पोरेट सेक्टर को 371 बिलियन डॉलर का विदेशी निवेश मिला जिसमें 176 बिलियन डॉलर स्टॉक मार्किट में और 141 बिलियन डॉलर सीधे निवेश के रूप में, बैंकों द्वारा लगभग 20 लाख करोड़ का कर्ज, वर्ष 2006 -13 के बीच में 30 लाख करोड़ रुपये की करों में कटौती जैसे लाभों के बावजूद 20 वर्षों में जीडीपी में कुल 3 प्रतिशत की वृद्धि की है! दो दशकों में कॉर्पोरेट सेक्टर ने लगभग 9 लाख करोड़ का लाभ अर्जित किया है लेकिन देश के व्यापार में उसका निवेश कहीं दिखाई नहीं देता।
बैंकों के निजीकरण के विरोध में उतरेगे बैंक यूनियन
देहरादून, 18 जुलाई (निस)। उत्तरांचल बैंक इम्पलाईज यूनियन के प्रदेश महासचिव जगमोहन मेहंदीरत्ता ने कहा कि आज के परिवेश में सार्वजनिक क्षेत्रों के बैकों का व्यापक स्तर पर विस्तार करने की जरूरत है, बैकों को और अधिक मजबूत बनाकर अधिकार संपन्न बनाने की आवश्यकता है और केन्द्र सरकार को इस दिशा में कार्यवाही करनी होगी। उनका कहना है कि बैकों का निजीकरण किसी भी कीमत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। पत्रकारों से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्रों के बैकों का विस्तार करने के लिए कार्य योजना की आवश्यकता है और बैकों का निजीकरण किसी भी दशा में नहीं किया जाना चाहिए और बैकों का विलय रोकने की आवश्यकता है, इसके लिए केन्द्र सरकार को ठोस नीति बनानी होगी। उनका कहना है कि भारतीय स्टेट बैंक एवं उसके सहयोगी बैकों को अलग किये जाने की जरूरत है, कारपोरेट घरानों को बैकिंग लाईसेंस न दिये जाने के लिए कार्य करना होगा। निजी बैकों को सार्वजनिक क्षेत्र के दायरे लाये जाने की जरूरत है। उनका कहना है कि खराब ऋणों की वसूली के लिए कठोर एवं कारगर कदम उठाने की जरूरत है, जान बूझकर बैंक ऋण नहीं चुकाना दंडनीय उपराध्माना जाये और कृषि एवं अन्य प्राथमिकता क्षेत्रों में ऋणों का प्रवाह तेज किया जाये और पीजी नायक कमेटी की अनुशंसाओं को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाये तथा बैकिंग को मूलभूत अधिकारों में शामिल करने की घोषणा की जाये इसके लिए कार्य करना होगा। उनका कहना है कि सार्वजनिक क्षेत्रों के बैकों का निजीकरण, सार्वजनिक क्षेत्रों की सरकारी पूंजी 50 प्रतिशत से कम करना बैंक राष्ट्रीयकरण अधिनियम 170-180 व स्टेट बैंक अधिनियम को निरस्त किया जाना चाहिए, बैकों को कंपनी अध्निियम के तहत करना, बैकांे में कोई सरकारी निर्देशकों की नियुक्ति समाप्त करना, निजी शेयर धारकों का मतदान प्रतिशत 10 प्रतिशत से 26 प्रतिशत करना, बैकों को सूचना के अधिकार व केन्द्रीय सर्तकता विभाग के दायरे से बाहर करना आदि शामिल है और इसके लिए आंदोलन किया जायेगा। उनका कहना है कि सरकार ने छह नये वसूली न्यायध्किारण स्थापित करने का निर्णय लिया है लेकिन वह उपस्थित केसों को देखते हुए अपर्यापत है, आज भी देश के न्यायालयों के सामने 840691 है, जबकि ऋण न्यायाधिकरण के सामने 13409 तथा सरफेसी कानून के अंतर्गत 190537 केसों की संख्या है। उनका कहना है कि ऋण वसूली के लिए अलग से अदालतें बनानी चाहिए और यह बकाया ऋण देश के लिए चिंताजनक है एवं कई बार सरकार इन बकायेदारी की सूची का प्रकाशन नहीं किया जा रहा है, यह भी चंताजनक है और सरकार को इस पर तत्काल प्रभाव से कार्यवाही करने की जरूरत है।
सैकड़ो चोरियों के बाद भी एसओजी की टूटी नहीं नींद
देहरादून, 18 जुलाई (निस)। दून में ताबड़तोड़ हो रही चोरी की वारदातों के चलते जहां आम जनता दहशत मंे है वहीं इन वारदातों पर अंकुश लगाने में नाकाम हो चुकी दून पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। वहीं अब यह भी चर्चा का विषय है कि दून की तेज तर्रार एसओजी आखिर कहां सो रखी है। दून में जिस तरह से पिछले दो-तीन माह से चोरियों की घटनाओं में इजाफा हुआ है उससे यह प्रतीत होने लगा है कि दून पुलिस ने अपराधियों पर लगाम न कसने की कसम ही खा रखी है। पुलिस को अब सड़कों पर उतर कर मशक्कत करने की आदत ही नहीं रही। जिसके चलते चोर रोजाना घरों में चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। चोरों में पुलिस का खौफ अब नहीं रह गया है। तभी तो ये लोग बंद घरों में घुस कर वहां से पूरे सामान पर हाथ साफ कर देते हैं। चोरों ने दून शहर में आतंक फैलाया हुआ है। कब कौन सा घर इन चोरों का निशाना बन जाये कहा नहीं जा सकता। कोई भी व्यक्ति अपने घर को बंद करके जाने में तो घबराता है ही लेकिन अब तो घर में लोगों के मौजूद रहने के बाद भी चोर लूट की घटना को अंजाम दे रहे हैं। ऐसे में लोग अपने घरों में भी सुरक्षित नहीं हैं। उधर पुलिस अधिकारी बैठक कर अपने मातहतों हिदायत दे देते हैं तो कुछ ही घंटों में चोरियों का खुलासा कर पुलिस इस तरह से अपनी पीठ थपथपाती है मानो कोई जंग जीत ली हो। वहीं इनसे चार कदम आगे बढ़ कर चोर-लुटेरे अपने हाथ की सफाई दिखाने से बाज नहीं आते और वह फिर सक चोरी व चेन स्नेचिंग की घटना को अंजाम दे देते हैं। लगातार हो रही घटनाओं के कारण अब पुलिस ने अपराधों को छिपाना भी शुरू कर दिया है जिससे उच्चाधिकारियों को कुछ पता न चले और पुलिस की किरकिरी भी न हो। दून में ताबड़तोड़ हो रही चोरी की वारदातों के चलते जहां आम जनता दहशत मंे है वहीं इन वारदातों पर अंकुश लगाने में नाकाम हो चुकी दून पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। वहीं अब यह चर्चा भी आम होनी लबी है कि दून की तेज तर्रार एसओजी आखिर कब हरकत में आयेगी।
बाढ़ चैकियों को अलर्ट रहने के निर्देश
रूद्रपुर, 18 जुलाई (निस)। जिलाधिकारी डाॅ0 पंकज कुमार पाण्डेय ने रात्रि से रूक-रूक हो रही वरसात के मद्देनजर जनपद में स्थापित बाढ चैकियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिये है। उन्होंने तहसीलों में स्थापित बाढ चैकियों पर कर्मचारियों व अधिकारियों को लगातार ड्यूटी पर रहने के निर्देष दिये तथा बाढ जैसी स्थिति उत्पन्न होने पर उसकी सूचना तत्काल जिला स्तर पर आपदा कन्ट्रोल रूम को उपलब्ध कराने के निर्देष दिये है ताकि वचाव व राहत कार्य समय पर किये जा सकें। उन्होंने जनपद मुख्यालय पर स्थापित कन्ट्रोल रूम में 24 घंटे अधिकारी व कर्मचारियों की ड्यूटी लगाये जाने के निर्देष दिये है। उन्होंने कहा कि जनपद सहित पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार हो रही वरसात से क्षेत्र की नदियों में जल स्तर बढने के प्रबल संकेत है इसलियो सभी अधिकारी बाढ प्रभावित क्षेत्रों पर पैनी नजर रखें तथा आवष्यकता पडने पर वचाव अैार सुरक्षा कार्यो को मुस्तैद रखा जाय। जिलाधिकारी ने नदी के किनारे बसे लोगों से अपील करते हुये कहा है कि वरसात को देखते हुये सुरक्षा की दृश्टि से कोई भी व्यक्ति नदियों के किनारे ना जायें। उन्होंने वरसात को देखते हुये सभी जिला स्तरीय अधिकारियों के अवकाष पर पावन्दी लगा दी है । उन्होंने कहा कोई भी अधिकारी उनसे पूछे बिना अपना मुख्यालय नही छोडेगें। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी 24 घंटे अपना मोबाइल आॅन रखें ताकि सूचनाओं के आदान प्रदान में आसानी से हो सके। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन नदियों में पानी का स्तर बढ रहा है उन पर प्रषासन लगातार नजर रखें हुये है । उन्होंने उप जिलाधिकारियों को निर्देष देते हुये कहा कि जिन गांवों में पानी भरने की संभावना है वहां के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाकर उनके रहने की वैकल्पिक व्यवस्था की जाय। उन्होंने सभी नगर निगमों /नगर पालिका/नगर पंचायतों के अधिषासी अधिकारियों को निर्देष दिये है कि षहरों व कस्बों में जलभराव की स्थिति ना आने दे व वैकल्पिक माध्यमों से पानी की निकासी की व्यवस्था की जाय। उन्होंने बाढ नियन्त्रण कन्टेªाल रूमों को 24 घंटे सुचारू रूप से कार्य करने के निर्देष दिये है।
महज खानापूर्ति हादसो की वजह
देहरादून, 18 जुलाई (निस)। राजधानी और आसपास के इलाकों में सड़क दुर्घटना के मामलांे में तेजी आई है। पुलिस की कार्रवाई महज वाहनों के चालान तक ही सीमित होकर रह गए है। जबकि पुलिस को वाहन चालकों को तेज रफ्तार के दुष्परिणामों पर शिक्षित भी करना चाहिए। विकासनगर, सहसपुर एवं डोईवाला राजमार्ग पर ट्रकों एवं डंपरों ने जो आतंक फैलाया उसकी भेंट कई सड़क चलते लोग चढ़ गए। यूं भी बिमारी से
इतने लोग नहीं मरते जितने की सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं। उत्तराखंड भी ऐसे दर्दनाक हादसों से अछूता नहीं है। वहीं पहाड़ी मार्गो पर वाहनों के गिरने एवं इसमें कई लोगों के हताहत होने की घटनाएं प्रकाश में आती रहती हैं। न केवल पहाड़ी मार्गों बल्कि अब शहरी क्षेत्रों में भी दुर्घटनाआंे का यह ग्राफ लगातार उंचाईयां छू रहा है। तेज गति के वाहन युवाओं की पसंद बन रहे हैं और यही वाहन उनकी जान के दुश्मन भी बने हुए हैं। कुछ दिन पहले ही एक ही रात में प्रदेश की राजधानी दून में तीन युवकों की सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी। तो दो दिन पूर्व ही दो सिपाही भी दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायल हो गए। इन दुर्घटनाओं के लिए किसे जिम्मेदार मानें? पुलिस को या फिर इन युवकों को सीधी सी बात है कि रात के समय शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ पुलिस की अनदेखी ऐसी दुर्घटनाआंे का कारण बन रही है। शराब पीकर वाहन चलाना खुद के लिए तो खतरनाक होता ही है साथ ही दूसरों के लिए भी मुसीबत का कारण साबित होता है। पुलिस की ड्यूटी है कि वह नियमित तौर पर शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ अभियान चलाए, लेकिन ऐसा होता नहीं है। रात होने के साथ ही सड़कों पर रफ्तार की जंग शुरू हो जाती है और पूरा पुलिस तंत्र कहीं नजर नहीं आता। दुर्घटनाओं पर नकेल कसने के लिए यूं तो कोई सार्थक प्रयास उत्तराखंड पुलिस या फिर आरटीओ द्वारा नजर नहंी आते, लेकिन पुलिस महानिदेशक के निर्देश में अप्रैल के महीने से दून में सिटी पैट्रोलिग यूनिट (सीपीयू) का गठन किया गया था। पहले यह कहा गया था कि यातायात की दशा तो सुधरेगी ही साथ ही दुर्घटनाओं पर लगाम भी कसी जा सकेगी। परिणाम दोनों में से कहीं भी सकारात्मक नहीं मिले। न तो दून की यातायात व्यवस्था सुधरी और न ही दुर्घटनाओं पर ही लगाम कसी जा सकी। उल्टे सीपीयू ने दून की जनता को परेशान कर यातायात का सारा प्रबंधन महज चालान वसूलने तक ही सीमित कर दिया। पिछले दो महीनांे में प्रदेश के डीजीपी केवल चालान के आंकड़े दिखा कर उत्साहित हो रहे हैं लेकिन दुर्घटनाआंे को रोकने के लिए उनकी पुलिस ने क्या प्रयास किए इसका कोई जवाब न तो डीजीपी के पास है और न ही आरटीओ के पास। बेलगाम दौड़ते वाहनों पर नकेल कसने की पूरी जिम्मेदारी पुलिस पर नहीं थोपी जा सकती है। आरटीओ और पुलिस विभाग में कहीं भी आपसी समन्वय नहीं है। जरूरी है कि जगह-जगह पर बैरियर डाल कर रात के समय चैकिंग की जाए तो इस प्रकार के कई हादसों पर रोकथाम लगाई जा सकती है। जिम्मेदारी वाहन चालक की तय है। इतनी समझ तो खुद ही होनी चाहिए कि तेज रफ्तार और शराब का सेवन कर गाड़ी चला रहे है जो खतरे से खाली नहीं है। उत्तराखंड की राजधानी में दुर्घटनाआंे की संख्या तेजी से बढ रही है। स्थानीय पुलिस के पास राजधानी की सड़कों पर बरस रही ‘मौत’ भी ऐसी कोई कार्य योजना नहीं है कि बेलगाम वाहन चालकों पर लगाम कसी जा सके। जिम्मेदारियों की ही बातें करें तो अभिभावकों की भी भूमिका तय होनी चाहिए। अधिकांश अभिभावक बच्चों को वाहन तो उपलब्ध करा देते हैं लेकिन खुद नहीं जानते कि उनके नौनिहाल इन बाईकांे को किस रफ्रतार से चलाते हैं। दुर्घटनाआंे से बचाव का एकमात्र रास्ता सावधानी ही है, लेकिन नशे के आवेश में ऐसी सकारात्मक बातें याद नहीं रहती। दुर्घटनाआंे मंे कुछ जिंदगी भर के लिए अपाहिज हो जाते हैं तो कुछ अपने परिजनों को रोता-बिलखता छोड़ कर चले जाते हैं। बात फिर भी वहीं आकर ठहर जाती है कि आखिर इस सब पर रोकथाम कैसे लगे? किसकी जिम्मेदारी तय की जाए? जरूरी है कि समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम पुलिस या सामाजिक संगठनों द्वारा चलाए जाएं। खुली सड़कों पर वाहनों की गति पर रोकथाम लगाने के साथ शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। इसके लिए प्रथम चरण में पुलिस तंत्र को ही सक्रिय होना पड़ेगा।
गोला नदी ने दिखाना शुरू किया रौद्र रूप
लालकुआं, 18 जुलाई (निस)। पहाड़ों पर हो रही लगातार बरसात के कारण गौला नदी भी अपने रौद्र रूप दिखाना प्रारम्भ कर दिया है अभी तक गौला बैराज से छोडे़ गए पानी के चलते बिन्दुखत्ता क्षेत्र के कई तटबंध टूट गए हैं और श्रीलंका टापू का सम्पर्क लालकुआं से पूरी तरह कट गया है। जिला प्रशासन ने नदी किनारे रहने वालों को एलर्ट जारी कर नदी मेें न जाने के निर्देष दिए हैं। उधर उपजिलाधिकारी ने बताया कि प्रशासन ने श्रीलंका टापू में 3 माह का राशन वितरित कर दिया है एतियात के तौर पर तहसील कार्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। उन्होंने तहसीलदार सहित सभी कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं किवह अपने क्षेत्र में ही रूककर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नजर रखें।
बारिश ने किया जनजीवन अस्त व्यस्त और जगह जगह जलभराव
हरिद्वार, 18 जुलाई (निस)। धर्मनगरी में देर रात्री से हो रही बारिश के चलते बिजली व जनजीवन अस्तव्यस्त रही। क्षेत्र में कई घंटे बिजली गुल रहने के कारण परेशानियां का सामना करना पडा। सड़कों पर सुबह से हो रही बारिश के कारण कई क्षेत्र में जलभराव रहा। वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में हो रही भारी वर्षा के कारण गंगा का जल स्तर भी बढ़ रहा है। गंगा में लगातार मिट्टी बहकर आ रही है। गंगा का बहाव तेज होने के कारण कांवड़ स्नानार्थियों के लिये भी मुश्किलें खड़ी हो रही हैं। मोती बाजार, हरकी पौड़ी क्षेत्र अपर रोड, पंतद्वीप पार्क, सुभाष घाट, कांगड़ा पुल आदि जगहों पर भी जल भराव के नजारे दिखाई दिये। वहीं चन्द्राचार्य चोक, रानीपुर मोड़ सिटी हास्पिटल, आर्यनगर चैक, रेलवे रानीपुर पुलिया, आदि जगहों पर जल भराव रहा। वहीं उपनगरी ज्वालापुर के अनेकों मौहल्लों की सड़कें जल भराव के चलते क्षेत्र के लोगों को दिक्कते झेलनी पड़ी वहीं दूसरी ओर मौसम के खुशगंवार हो जाने पर रोजेदारों को राहत मिली। मौसम में लगातार ठंडक बढ़ रही है। तापमान में भारी गिरावट हो रही है। सुबह से ही हो रही बारिश के कारण लोगों ने घरों मंे शरण ली। व्यापार भी प्रभावित रहा। सड़कों पर सुनसानी नजर आई कावंडि़यों को भी बारिश के चलते दिक्कतें झेलनी पड़ी वहीं जल भराव के कारण मुख्य नाले भी ओवर फ्रलों होकर चले रानीपुर मोड़ के गंदे नाले का पानी सड़कों पर पफैला रहा। वहीं सड़कों पर गारा कीचड़ जमा होने से नागरिकों को परेशानियां भी झेलनी पड़ी। लगातार जल भराव से सड़कें लबालब हो रही है। बहुत से स्थानों पर ज्यादा जल भरने के कारण सीवर ओवर फ्लों हो रहे है। सीवर का पानी सड़कों पर फैल रहा है। यह परेशानी अनेकों मौहल्लों में दिखाई दे रही है। कटहरा बाजार के नालों की नियमित सफाई न होने के कारण बरसात के चलते नाले ओवर फ्रलों होने के कारण सड़कों पर पाॅलीथीन पन्नी कागज तैरते हुए नजर आ रहे है। बरसात के पानी के साथ-साथ नालियों का पानी भी सड़कांे पर लगातार बह रहा है।
27 को होगें पंचायत के मतदान व मतगणना
देहरादून, 18 जुलाई (निस)। सचिव पंचायती राज विनोद फोनिया ने बताया है कि राज्य में (जनपद हरिद्वार को छोड़कर) क्षेत्र के प्रमुख, ज्येष्ठ उप प्रमुख तथा कनिष्ठ उप प्रमुख तथा जिला पंचायत अध्यक्ष/उपाध्यक्ष के निर्वाचन हेतु समय सारिणी तय कर ली गई है। इसके अनुसार क्षेत्र के प्रमुख, ज्येष्ठ उप प्रमुख तथा कनिष्ठ उप प्रमुख के पदों पर 24 जुलाई को नामांकन व नामांकन पत्रों की जांच, 26 जुलाई को नामांकन वापसी, 27 जुलाई को मतदान व मतगणना की जायेगी। जबकि जिला पंचायत अध्यक्ष/उपाध्यक्ष के पदों पर 30 जुलाई को नामांकन व नामांकन पत्रों की जांच, 2 अगस्त को नामांकन वापसी, 5 अगस्त को मतदान व मतगणना की जायेगी।
निवेश में लगातार धोखाधड़ी से बचा जाना आवश्यक
देहरादून, 18 जुलाई (निस)। दि इंस्टीटयूट आॅफ कास्ट एकाउन्टेन्ट आॅफ इडिया के देहरादून चैप्टर और मिन्सिट्री आॅफ कंपनिज भारत सरकार की ओर से निवेशको को जगरूक करने के लिए राजपुर रोड़ स्थित कार्यशाला हुई। कार्यक्रम का शुभांरभ मुख्य अतिथि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी व पूर्व निदेशक अमर प्रताप सिंह ने दीप दीप प्रज्वलित कर किया। अमर प्रताप सिंह ने निवेश में होने वाली धोखाधडी के बारे में कहा और उन्होंने ऐसी कंपनिज से सावधान रहने के लिए भी कहा जो छोटी अविध मे पैसे को दुगुना और तिगुना करने का लालच दे कर जनता को भ्रमित करती है । इस अवसर पर मुख्यवक्ता के रूप वित्तीय नियोजन विशेषज्ञ जेएल बंसल और चार्टड एकाउन्टेन्ट आईसी संघल ने कहा निवेश करते समय सतर्कता बरतने की जरूरत के है। उन्होंने कहा कि निवशको को जागरूक करने हेतु सही निवेश करते समय जो रिस्क फैक्टर है उसके अध्ययन पर विशेष ध्यान आकर्षित करते हुए संन्तुलित निवेश पर विचार व्यक्त किया। श्री जे॰एल॰बंसल द्वारा निवेश के आदर्श, निवेश के विकल्प तथा निवेश सम्बन्धित जानकारी उपलब्ध कराई गई। शेयर बाजार निवेश हेतु विभिन्न संस्थाओ की आर्थिक स्थिति की जानकारी प्राप्त करने पर विशेष अध्ययन करने के उपरान्त निवेश की मात्रा तथा निवेश की समय सीमा तय करने के आधार पर निवेश करने हेतु विस्तृत चर्चा की गई जिससे सभी श्रोता गणो केा इस विषय में सम्पूर्ण जानकारी दी। इस मौके पर अमित कंसल, सुजय गुप्ता, आक्षिमा , सडना तलवार, आदि मौजूद थे।
व्यापारियों ने किया केंद्रीय बजट का स्वागत
देहरादून, 18 जुलाई (निस)। नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर को प्रमुखता देना वित्तमंत्री का साहसिक कदम देश के व्यापारियों के शीर्षस्थ संगठन कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय वित्तमंत्री द्वारा बजट में नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर के लिए एक वित्तीय ढांचा बनाने की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा है की पहली बार किसी सरकार ने नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर को अर्थव्यवस्था की रीड की हड्डी बताते हुए बजट में प्रमुखता दी है। शुक्रवार को पत्रकार वार्ता के दौरान कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खण्डेलवाल ने बजट प्रस्ताव का स्वागत करते हुए कहा की नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर में लगभग 5 .77 प्रतिष्ठान काम कर रहे हैं जो लगभग 49 करोड़ लोगों को रोजगार देते हैं जो देश में कुल रोजगार का 90 प्रतिशत है ! वित्तीय सहायता के मामले में इस सेक्टर को नजरअंदाज ही किया गया है क्योंकि केवल 4 प्रतिशत लोगों को ही बैंकों अथवा अन्य वित्तीय संस्थानों से सहायता मिल पाई है लेकिन फिर भी नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर ने जीडीपी, रोजगार,निर्यात और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग में कॉर्पोरेट सेक्टर को कहीं पीछे छोड़ा है। हालाँकि यह सेक्टर रुपये 6 .28 लाख करोड़ का वैल्यू एडिशन करता है लेकिन अफसोस है की नीति निर्माताओं ने अब तक इस सेक्टर को असंगठित ही कहा है जबकि यह सेक्टर वास्तव में स्वयं संगठित है। इस वर्ष के बजट में वित्तमंत्री ने इस सेक्टर को सपोर्ट करने के लिए एक वित्तीय ढांचा विकसित करने की घोषणा की है जिसका देश भर के व्यापारियों ने स्वागत किया है। व्यापारी नेताओं ने कहा की अब तक सारी नीतियां कॉर्पोरेट सेक्टर को ध्यान में रख कर बनायीं जाती रही हैं और जिसका बड़ा लाभ कॉर्पोरेट सेक्टर को मिला भी है लेकिन बावजूद सबके पिछले दो दशको में कॉर्पोरेट सेक्टर केवल 22 लाख रोजगार ही पैदा कर पाया। वर्ष 1991 से लेकर वर्ष 2011 के २० वर्षों के समय में कॉर्पोरेट सेक्टर को 371 बिलियन डॉलर का विदेशी निवेश मिला जिसमें 176 बिलियन डॉलर स्टॉक मार्किट में और 141 बिलियन डॉलर सीधे निवेश के रूप में, बैंकों द्वारा लगभग 20 लाख करोड़ का कर्ज, वर्ष 2006 -13 के बीच में 30 लाख करोड़ रुपये की करों में कटौती जैसे लाभों के बावजूद 20 वर्षों में जीडीपी में कुल 3 प्रतिशत की वृद्धि की है! दो दशकों में कॉर्पोरेट सेक्टर ने लगभग 9 लाख करोड़ का लाभ अर्जित किया है लेकिन देश के व्यापार में उसका निवेश कहीं दिखाई नहीं देता।
बैंकों के निजीकरण के विरोध में उतरेगे बैंक यूनियन
देहरादून, 18 जुलाई (निस)। उत्तरांचल बैंक इम्पलाईज यूनियन के प्रदेश महासचिव जगमोहन मेहंदीरत्ता ने कहा कि आज के परिवेश में सार्वजनिक क्षेत्रों के बैकों का व्यापक स्तर पर विस्तार करने की जरूरत है, बैकों को और अधिक मजबूत बनाकर अधिकार संपन्न बनाने की आवश्यकता है और केन्द्र सरकार को इस दिशा में कार्यवाही करनी होगी। उनका कहना है कि बैकों का निजीकरण किसी भी कीमत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। पत्रकारों से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्रों के बैकों का विस्तार करने के लिए कार्य योजना की आवश्यकता है और बैकों का निजीकरण किसी भी दशा में नहीं किया जाना चाहिए और बैकों का विलय रोकने की आवश्यकता है, इसके लिए केन्द्र सरकार को ठोस नीति बनानी होगी। उनका कहना है कि भारतीय स्टेट बैंक एवं उसके सहयोगी बैकों को अलग किये जाने की जरूरत है, कारपोरेट घरानों को बैकिंग लाईसेंस न दिये जाने के लिए कार्य करना होगा। निजी बैकों को सार्वजनिक क्षेत्र के दायरे लाये जाने की जरूरत है। उनका कहना है कि खराब ऋणों की वसूली के लिए कठोर एवं कारगर कदम उठाने की जरूरत है, जान बूझकर बैंक ऋण नहीं चुकाना दंडनीय उपराध्माना जाये और कृषि एवं अन्य प्राथमिकता क्षेत्रों में ऋणों का प्रवाह तेज किया जाये और पीजी नायक कमेटी की अनुशंसाओं को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाये तथा बैकिंग को मूलभूत अधिकारों में शामिल करने की घोषणा की जाये इसके लिए कार्य करना होगा। उनका कहना है कि सार्वजनिक क्षेत्रों के बैकों का निजीकरण, सार्वजनिक क्षेत्रों की सरकारी पूंजी 50 प्रतिशत से कम करना बैंक राष्ट्रीयकरण अधिनियम 170-180 व स्टेट बैंक अधिनियम को निरस्त किया जाना चाहिए, बैकों को कंपनी अध्निियम के तहत करना, बैकांे में कोई सरकारी निर्देशकों की नियुक्ति समाप्त करना, निजी शेयर धारकों का मतदान प्रतिशत 10 प्रतिशत से 26 प्रतिशत करना, बैकों को सूचना के अधिकार व केन्द्रीय सर्तकता विभाग के दायरे से बाहर करना आदि शामिल है और इसके लिए आंदोलन किया जायेगा। उनका कहना है कि सरकार ने छह नये वसूली न्यायध्किारण स्थापित करने का निर्णय लिया है लेकिन वह उपस्थित केसों को देखते हुए अपर्यापत है, आज भी देश के न्यायालयों के सामने 840691 है, जबकि ऋण न्यायाधिकरण के सामने 13409 तथा सरफेसी कानून के अंतर्गत 190537 केसों की संख्या है। उनका कहना है कि ऋण वसूली के लिए अलग से अदालतें बनानी चाहिए और यह बकाया ऋण देश के लिए चिंताजनक है एवं कई बार सरकार इन बकायेदारी की सूची का प्रकाशन नहीं किया जा रहा है, यह भी चंताजनक है और सरकार को इस पर तत्काल प्रभाव से कार्यवाही करने की जरूरत है।
सैकड़ो चोरियों के बाद भी एसओजी की टूटी नहीं नींद
देहरादून, 18 जुलाई (निस)। दून में ताबड़तोड़ हो रही चोरी की वारदातों के चलते जहां आम जनता दहशत मंे है वहीं इन वारदातों पर अंकुश लगाने में नाकाम हो चुकी दून पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। वहीं अब यह भी चर्चा का विषय है कि दून की तेज तर्रार एसओजी आखिर कहां सो रखी है। दून में जिस तरह से पिछले दो-तीन माह से चोरियों की घटनाओं में इजाफा हुआ है उससे यह प्रतीत होने लगा है कि दून पुलिस ने अपराधियों पर लगाम न कसने की कसम ही खा रखी है। पुलिस को अब सड़कों पर उतर कर मशक्कत करने की आदत ही नहीं रही। जिसके चलते चोर रोजाना घरों में चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। चोरों में पुलिस का खौफ अब नहीं रह गया है। तभी तो ये लोग बंद घरों में घुस कर वहां से पूरे सामान पर हाथ साफ कर देते हैं। चोरों ने दून शहर में आतंक फैलाया हुआ है। कब कौन सा घर इन चोरों का निशाना बन जाये कहा नहीं जा सकता। कोई भी व्यक्ति अपने घर को बंद करके जाने में तो घबराता है ही लेकिन अब तो घर में लोगों के मौजूद रहने के बाद भी चोर लूट की घटना को अंजाम दे रहे हैं। ऐसे में लोग अपने घरों में भी सुरक्षित नहीं हैं। उधर पुलिस अधिकारी बैठक कर अपने मातहतों हिदायत दे देते हैं तो कुछ ही घंटों में चोरियों का खुलासा कर पुलिस इस तरह से अपनी पीठ थपथपाती है मानो कोई जंग जीत ली हो। वहीं इनसे चार कदम आगे बढ़ कर चोर-लुटेरे अपने हाथ की सफाई दिखाने से बाज नहीं आते और वह फिर सक चोरी व चेन स्नेचिंग की घटना को अंजाम दे देते हैं। लगातार हो रही घटनाओं के कारण अब पुलिस ने अपराधों को छिपाना भी शुरू कर दिया है जिससे उच्चाधिकारियों को कुछ पता न चले और पुलिस की किरकिरी भी न हो। दून में ताबड़तोड़ हो रही चोरी की वारदातों के चलते जहां आम जनता दहशत मंे है वहीं इन वारदातों पर अंकुश लगाने में नाकाम हो चुकी दून पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। वहीं अब यह चर्चा भी आम होनी लबी है कि दून की तेज तर्रार एसओजी आखिर कब हरकत में आयेगी।
बाढ़ चैकियों को अलर्ट रहने के निर्देश
रूद्रपुर, 18 जुलाई (निस)। जिलाधिकारी डाॅ0 पंकज कुमार पाण्डेय ने रात्रि से रूक-रूक हो रही वरसात के मद्देनजर जनपद में स्थापित बाढ चैकियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिये है। उन्होंने तहसीलों में स्थापित बाढ चैकियों पर कर्मचारियों व अधिकारियों को लगातार ड्यूटी पर रहने के निर्देष दिये तथा बाढ जैसी स्थिति उत्पन्न होने पर उसकी सूचना तत्काल जिला स्तर पर आपदा कन्ट्रोल रूम को उपलब्ध कराने के निर्देष दिये है ताकि वचाव व राहत कार्य समय पर किये जा सकें। उन्होंने जनपद मुख्यालय पर स्थापित कन्ट्रोल रूम में 24 घंटे अधिकारी व कर्मचारियों की ड्यूटी लगाये जाने के निर्देष दिये है। उन्होंने कहा कि जनपद सहित पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार हो रही वरसात से क्षेत्र की नदियों में जल स्तर बढने के प्रबल संकेत है इसलियो सभी अधिकारी बाढ प्रभावित क्षेत्रों पर पैनी नजर रखें तथा आवष्यकता पडने पर वचाव अैार सुरक्षा कार्यो को मुस्तैद रखा जाय। जिलाधिकारी ने नदी के किनारे बसे लोगों से अपील करते हुये कहा है कि वरसात को देखते हुये सुरक्षा की दृश्टि से कोई भी व्यक्ति नदियों के किनारे ना जायें। उन्होंने वरसात को देखते हुये सभी जिला स्तरीय अधिकारियों के अवकाष पर पावन्दी लगा दी है । उन्होंने कहा कोई भी अधिकारी उनसे पूछे बिना अपना मुख्यालय नही छोडेगें। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी 24 घंटे अपना मोबाइल आॅन रखें ताकि सूचनाओं के आदान प्रदान में आसानी से हो सके। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन नदियों में पानी का स्तर बढ रहा है उन पर प्रषासन लगातार नजर रखें हुये है । उन्होंने उप जिलाधिकारियों को निर्देष देते हुये कहा कि जिन गांवों में पानी भरने की संभावना है वहां के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाकर उनके रहने की वैकल्पिक व्यवस्था की जाय। उन्होंने सभी नगर निगमों /नगर पालिका/नगर पंचायतों के अधिषासी अधिकारियों को निर्देष दिये है कि षहरों व कस्बों में जलभराव की स्थिति ना आने दे व वैकल्पिक माध्यमों से पानी की निकासी की व्यवस्था की जाय। उन्होंने बाढ नियन्त्रण कन्टेªाल रूमों को 24 घंटे सुचारू रूप से कार्य करने के निर्देष दिये है।
महज खानापूर्ति हादसो की वजह
देहरादून, 18 जुलाई (निस)। राजधानी और आसपास के इलाकों में सड़क दुर्घटना के मामलांे में तेजी आई है। पुलिस की कार्रवाई महज वाहनों के चालान तक ही सीमित होकर रह गए है। जबकि पुलिस को वाहन चालकों को तेज रफ्तार के दुष्परिणामों पर शिक्षित भी करना चाहिए। विकासनगर, सहसपुर एवं डोईवाला राजमार्ग पर ट्रकों एवं डंपरों ने जो आतंक फैलाया उसकी भेंट कई सड़क चलते लोग चढ़ गए। यूं भी बिमारी से
इतने लोग नहीं मरते जितने की सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं। उत्तराखंड भी ऐसे दर्दनाक हादसों से अछूता नहीं है। वहीं पहाड़ी मार्गो पर वाहनों के गिरने एवं इसमें कई लोगों के हताहत होने की घटनाएं प्रकाश में आती रहती हैं। न केवल पहाड़ी मार्गों बल्कि अब शहरी क्षेत्रों में भी दुर्घटनाआंे का यह ग्राफ लगातार उंचाईयां छू रहा है। तेज गति के वाहन युवाओं की पसंद बन रहे हैं और यही वाहन उनकी जान के दुश्मन भी बने हुए हैं। कुछ दिन पहले ही एक ही रात में प्रदेश की राजधानी दून में तीन युवकों की सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी। तो दो दिन पूर्व ही दो सिपाही भी दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायल हो गए। इन दुर्घटनाओं के लिए किसे जिम्मेदार मानें? पुलिस को या फिर इन युवकों को सीधी सी बात है कि रात के समय शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ पुलिस की अनदेखी ऐसी दुर्घटनाआंे का कारण बन रही है। शराब पीकर वाहन चलाना खुद के लिए तो खतरनाक होता ही है साथ ही दूसरों के लिए भी मुसीबत का कारण साबित होता है। पुलिस की ड्यूटी है कि वह नियमित तौर पर शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ अभियान चलाए, लेकिन ऐसा होता नहीं है। रात होने के साथ ही सड़कों पर रफ्तार की जंग शुरू हो जाती है और पूरा पुलिस तंत्र कहीं नजर नहीं आता। दुर्घटनाओं पर नकेल कसने के लिए यूं तो कोई सार्थक प्रयास उत्तराखंड पुलिस या फिर आरटीओ द्वारा नजर नहंी आते, लेकिन पुलिस महानिदेशक के निर्देश में अप्रैल के महीने से दून में सिटी पैट्रोलिग यूनिट (सीपीयू) का गठन किया गया था। पहले यह कहा गया था कि यातायात की दशा तो सुधरेगी ही साथ ही दुर्घटनाओं पर लगाम भी कसी जा सकेगी। परिणाम दोनों में से कहीं भी सकारात्मक नहीं मिले। न तो दून की यातायात व्यवस्था सुधरी और न ही दुर्घटनाओं पर ही लगाम कसी जा सकी। उल्टे सीपीयू ने दून की जनता को परेशान कर यातायात का सारा प्रबंधन महज चालान वसूलने तक ही सीमित कर दिया। पिछले दो महीनांे में प्रदेश के डीजीपी केवल चालान के आंकड़े दिखा कर उत्साहित हो रहे हैं लेकिन दुर्घटनाआंे को रोकने के लिए उनकी पुलिस ने क्या प्रयास किए इसका कोई जवाब न तो डीजीपी के पास है और न ही आरटीओ के पास। बेलगाम दौड़ते वाहनों पर नकेल कसने की पूरी जिम्मेदारी पुलिस पर नहीं थोपी जा सकती है। आरटीओ और पुलिस विभाग में कहीं भी आपसी समन्वय नहीं है। जरूरी है कि जगह-जगह पर बैरियर डाल कर रात के समय चैकिंग की जाए तो इस प्रकार के कई हादसों पर रोकथाम लगाई जा सकती है। जिम्मेदारी वाहन चालक की तय है। इतनी समझ तो खुद ही होनी चाहिए कि तेज रफ्तार और शराब का सेवन कर गाड़ी चला रहे है जो खतरे से खाली नहीं है। उत्तराखंड की राजधानी में दुर्घटनाआंे की संख्या तेजी से बढ रही है। स्थानीय पुलिस के पास राजधानी की सड़कों पर बरस रही ‘मौत’ भी ऐसी कोई कार्य योजना नहीं है कि बेलगाम वाहन चालकों पर लगाम कसी जा सके। जिम्मेदारियों की ही बातें करें तो अभिभावकों की भी भूमिका तय होनी चाहिए। अधिकांश अभिभावक बच्चों को वाहन तो उपलब्ध करा देते हैं लेकिन खुद नहीं जानते कि उनके नौनिहाल इन बाईकांे को किस रफ्रतार से चलाते हैं। दुर्घटनाआंे से बचाव का एकमात्र रास्ता सावधानी ही है, लेकिन नशे के आवेश में ऐसी सकारात्मक बातें याद नहीं रहती। दुर्घटनाआंे मंे कुछ जिंदगी भर के लिए अपाहिज हो जाते हैं तो कुछ अपने परिजनों को रोता-बिलखता छोड़ कर चले जाते हैं। बात फिर भी वहीं आकर ठहर जाती है कि आखिर इस सब पर रोकथाम कैसे लगे? किसकी जिम्मेदारी तय की जाए? जरूरी है कि समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम पुलिस या सामाजिक संगठनों द्वारा चलाए जाएं। खुली सड़कों पर वाहनों की गति पर रोकथाम लगाने के साथ शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। इसके लिए प्रथम चरण में पुलिस तंत्र को ही सक्रिय होना पड़ेगा।
गोला नदी ने दिखाना शुरू किया रौद्र रूप
लालकुआं, 18 जुलाई (निस)। पहाड़ों पर हो रही लगातार बरसात के कारण गौला नदी भी अपने रौद्र रूप दिखाना प्रारम्भ कर दिया है अभी तक गौला बैराज से छोडे़ गए पानी के चलते बिन्दुखत्ता क्षेत्र के कई तटबंध टूट गए हैं और श्रीलंका टापू का सम्पर्क लालकुआं से पूरी तरह कट गया है। जिला प्रशासन ने नदी किनारे रहने वालों को एलर्ट जारी कर नदी मेें न जाने के निर्देष दिए हैं। उधर उपजिलाधिकारी ने बताया कि प्रशासन ने श्रीलंका टापू में 3 माह का राशन वितरित कर दिया है एतियात के तौर पर तहसील कार्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। उन्होंने तहसीलदार सहित सभी कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं किवह अपने क्षेत्र में ही रूककर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नजर रखें।
बारिश ने किया जनजीवन अस्त व्यस्त और जगह जगह जलभराव
हरिद्वार, 18 जुलाई (निस)। धर्मनगरी में देर रात्री से हो रही बारिश के चलते बिजली व जनजीवन अस्तव्यस्त रही। क्षेत्र में कई घंटे बिजली गुल रहने के कारण परेशानियां का सामना करना पडा। सड़कों पर सुबह से हो रही बारिश के कारण कई क्षेत्र में जलभराव रहा। वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में हो रही भारी वर्षा के कारण गंगा का जल स्तर भी बढ़ रहा है। गंगा में लगातार मिट्टी बहकर आ रही है। गंगा का बहाव तेज होने के कारण कांवड़ स्नानार्थियों के लिये भी मुश्किलें खड़ी हो रही हैं। मोती बाजार, हरकी पौड़ी क्षेत्र अपर रोड, पंतद्वीप पार्क, सुभाष घाट, कांगड़ा पुल आदि जगहों पर भी जल भराव के नजारे दिखाई दिये। वहीं चन्द्राचार्य चोक, रानीपुर मोड़ सिटी हास्पिटल, आर्यनगर चैक, रेलवे रानीपुर पुलिया, आदि जगहों पर जल भराव रहा। वहीं उपनगरी ज्वालापुर के अनेकों मौहल्लों की सड़कें जल भराव के चलते क्षेत्र के लोगों को दिक्कते झेलनी पड़ी वहीं दूसरी ओर मौसम के खुशगंवार हो जाने पर रोजेदारों को राहत मिली। मौसम में लगातार ठंडक बढ़ रही है। तापमान में भारी गिरावट हो रही है। सुबह से ही हो रही बारिश के कारण लोगों ने घरों मंे शरण ली। व्यापार भी प्रभावित रहा। सड़कों पर सुनसानी नजर आई कावंडि़यों को भी बारिश के चलते दिक्कतें झेलनी पड़ी वहीं जल भराव के कारण मुख्य नाले भी ओवर फ्रलों होकर चले रानीपुर मोड़ के गंदे नाले का पानी सड़कों पर पफैला रहा। वहीं सड़कों पर गारा कीचड़ जमा होने से नागरिकों को परेशानियां भी झेलनी पड़ी। लगातार जल भराव से सड़कें लबालब हो रही है। बहुत से स्थानों पर ज्यादा जल भरने के कारण सीवर ओवर फ्लों हो रहे है। सीवर का पानी सड़कों पर फैल रहा है। यह परेशानी अनेकों मौहल्लों में दिखाई दे रही है। कटहरा बाजार के नालों की नियमित सफाई न होने के कारण बरसात के चलते नाले ओवर फ्रलों होने के कारण सड़कों पर पाॅलीथीन पन्नी कागज तैरते हुए नजर आ रहे है। बरसात के पानी के साथ-साथ नालियों का पानी भी सड़कांे पर लगातार बह रहा है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें