सरकार ने सिंडिकैट बैंक के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक एसके जैन को निलंबित कर दिया गया। जैन को दो दिन पहले सीबीआई ने कथित रूप से 50 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। जैन पर आरोप है कि उन्होंने कुछ कंपनियों की रिण सीमा बढाने के लिए यह रिश्वत ली।
वित्तीय सेवा सचिव जीएस संधू ने बताया कि वित्त मंत्रालय को जैन की गिरफतारी पर सीबीआई से शुरुआती रपट शनिवार को मिली थी। उसके आधार पर जैन को निलंबित कर दिया गया है। जैन (54) को पिछले साल जुलाई में पांच साल के लिए इस सार्वजनिक बैंक का चेयरमैन नियुक्त किया गया था। वह सबसे कम उम्र में किसी सार्वजनिक क्षेत्र का चेयरमैन बनने वाले अधिकारियों में से एक हैं। वह 2020 में सेवानिवृत्त होने वाले थे।
संधू ने कहा कि हमने उन्हें (एसके जैन) को निलंबित कर दिया है। अंतरिम व्यवस्था के तहत दो कार्यकारी निदेशकों को बैंक का कार्यभार सौंपा गया है। इन निदेशकों में एमअंजनेया प्रसाद तथा टीके श्रीवास्तव हैं। जैन व सात अन्य आरोपियों को कल चार दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया गया। सीबीआई इस मामले के अन्य पहलुओं की जांच करने वाली है।
सीबीआई ने औपचारिकताएं पूरी करने के बाद जैन व सात अन्य की गिरफ्तारी दिखाई। गिरफ्तार लोगों में प्रकाश इंडस्ट्रीज के चेयरमैन वेदप्रकाश अग्रवाल, निदेशक विपुल अग्रवाल, चार्टर्ड एकाउंटेंड पवन बंसल, विनीत तथा पुनीत गोधा :जैन के संबंधी, विजय पाहूजा तथा पंकज बंसल शामिल हैं।
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