बिहार के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. पी.के. शाही ने सोमवार को कहा कि बिहार में वर्तमान 12.86 प्रतिशत हरित वन क्षेत्र को वर्ष 2017 तक बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने दावा किया कि बिहार के जंगलों में बाघों की संख्या भी बढ़ी है।
पटना मंे पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार पौधरोपण की गुणवत्ता पर लगातार ध्यान दे रही है। बिहार में आज हरित वन क्षेत्र मात्र 12.86 प्रतिशत है जो अगले तीन वर्षो में बढ़कर 15 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि कृषि रोड मैप में वर्ष 2017 के तहत लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रावधान भी किया गया है।
शाही ने कहा कि पौधे की गुणवत्ता में गिरावट नहीं आए, इसके लिए अच्छी मिट्टी और पानी के स्रोत की व्यवस्था की जा रही है। शीशम के विलुप्त होते पौधे के प्रोत्साहन के लिए देहरादून से 25 हजार पौधे मंगाए गए हैं, उनके टीशू कल्चर का उत्पादन कर रोगरहित पौधे के उत्पादन का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कोसी क्षेत्र में किसान बांस की बेहतर और अत्याधुनिक खेती कर सकें, सरकार इस पर ध्यान दे रही है। बांस उत्पादन के लिए सरकार ने भागलपुर कृषि विश्वविद्यालय से करार किया है। इसके लिए विश्वविद्यालय को दो करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए हैं।
मंत्री ने कहा, "हमारे वनों में बाघों की संख्या भी बढ़ी है। वर्ष 2008 में बाघों की कुल संख्या 8 थी, जो वर्ष 2014 में बढ़कर 22 हो गई है। वनों का संरक्षण ठीक ढंग से हो, इसके लिए सरकार ने ग्रामीण महिलाओं को सक्रिय किया है। बांका और जमुई में महिला गश्ती दल बनाए गए हैं।
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