भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बीते कई दिनों से जारी गतिरोध तोड़ने की कोशिशें अभी तक इच्छित नतीजे नहीं दे पाई हैं। दोनों देशों के बीच कूटनीतिक स्तर पर हो रही कोशिशों के बीच चीनी सेना ने लद्दाख के गतिरोध को कई बार पेश आने वाली 'अपरिहार्य घटना' करार दिया है। वहीं समाधान का रास्ता निकालने के लिए गुरुवार को प्रस्तावित फ्लैग मीटिंग के परिणामों पर भी संशय बरकरार है। सूत्रों के अनुसार भारतीय खेमा जहां चीनी सेना से 10 सितंबर से पहले की स्थिति में लौटने पर जोर दे रहा है। वहीं कथित तौर पर चीन सेना भारत से कुछ निगरानी चौकियां हटाने की मांग कर रही है।
इस बीच चीनी आग्रह पर लद्दाख के चुशूल में होने वाली फ्लैग मीटिंग को लेकर फिलहाल दोनों ओर से चुप्पी है। ऐसे में माना जा रहा है कि अभी समाधान के किसी फार्मूले पर सहमति नहीं बन सकी है। लद्दाख के चुमार क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय हद लांघ जमी चीनी सेना ने गतिरोध को अनिर्धारित सीमा पर कभी-कभी पेश आने वाली अपरिहार्य घटना बताया। हालांकि चीनी सैन्य प्रवक्ता गैंग येंशेंग ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों ओर से किए जा रहे प्रयासों के चलते स्थिति प्रभावी तौर पर नियंत्रण में है। साथ ही कोशिशें जारी हैं कि इस मसले को जल्द सुलझा लिया जाए।
उल्लेखनीय है कि इस कड़ी में बुधवार को चीनी राजदूत ने विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के साथ मुलाकात की थी। वहीं बीजिंग में भी भारत की ओर से वास्तविक नियंत्रण रेखा के हालात को लेकर मामला उठाया गया था। गत 18 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ मुलाकात में इस बात पर जोर दिया था कि सीमा की छोटी घटनाएं भी रिश्तों में बड़ी समस्या बन सकती हैं।
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आरके धवन ने कहा कि ¨हिंद महासागर में भी चीनी गतिविधियों की माकूल निगरानी की जा रही है। उन्होंने कहा कि ¨हद महासागर क्षेत्र में चीनी युद्धपोत आते रहते हैं, जिनपर भारतीय युद्धपोत, विमान और पनडुब्बियां बराबर नजर रखते हैं। नौसेना प्रमुख का कहना था कि ¨हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के सक्रिय हित जुड़े हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में किसी भी चीनी तैनाती पर हमारी नजर होती है ताकि इसका आकलन किया जा सके कि कोई चुनौती तो नहीं खड़ी हो रही। हालांकि एडमिरल धवन ने कहा कि भारतीय नौसेना किसी भी चुनौती के लिए पूरी तरह तैयार है। नौसेना डिजाइन ब्यूरो के स्वर्ण जयंती समारोह के मौके पर मीडिया से बात कर रहे नौसेना प्रमुख ने लद्दाख के हालात पर कोई टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया।
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