राष्ट्रपति शी चिनफिंग की भारत यात्रा से पहले सीमावर्ती लदाख में चीनी घुसपैठ की खबर है। बताया गया है कि सरकारी वाहनों पर सवार होकर वहां के नागरिक भारतीय क्षेत्र देमचोक में घुस आए हैं और वे वहां पर सिंचाई के लिए बनाई जा रही नहर का निर्माण कार्य रुकवा दिया है। लेह के उपायुक्त ने इस घुसपैठ की पुष्टि की है लेकिन भारत सरकार ने फिलहाल इस पर ठंडा रुख दिखाया है। विदेश विभाग के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा है कि मामले को चीनी राष्ट्रपति के साथ होने वाली वार्ता में उठाया जाएगा।
लेह के जिला उपायुक्त सिमरनदीप सिंह के अनुसार देमचोक गांव में मनरेगा के तहत ग्रामीण जिस सिंचाई परियोजना के निर्माण में लगे हैं, चीन को उस पर आपत्ति है। इसीलिए पिछले एक सप्ताह से निर्माण कार्य को रोकने की कोशिश चल रही है। यह स्थान चीन से लगने वाली सीमा के करीब है। उपायुक्त चीनी सेना के घुसपैठ के सवाल पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सीमा के नजदीक चीन के गांव तोशीगांग के लोग सरकारी वाहनों पर सवार होकर देमचोक आए और उन्होंने नहर बनाए जाने के कार्य को रुकवाया। नई दिल्ली में संयमित प्रतिक्रिया में विदेश विभाग के प्रवक्ता अकबरुद्दीन ने कहा, हमारी सीमा बहादुर प्रहरियों के हाथों में हैं और पूरी तरह से सुरक्षित है। वे देख रहे हैं कि उन्हें इस मामले में क्या करना है। सेना ने ग्रामीणों की इस घुसपैठ पर कुछ बोलने से इन्कार किया है। चुशूल में हुई ब्रिगेडियर स्तर की चीन के साथ हुई फ्लैग मीटिंग में भारतीय अधिकारियों ने इस मामले को उठाकर आपत्ति जताई। जबकि सेना मुख्यालय ने बैठक में घुसपैठ मामले को लेकर कोई भी खास बात होने से इन्कार किया है। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने चीनी घुसपैठ पर भारत सरकार की चुप्पी पर एतराज जताया।
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