अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने चरमपंथी गुट इस्लामिक स्टेट (आईएस) के ख़िलाफ़ युद्ध में और ज़्यादा देशों से शामिल होने के लिए कहा है. संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए ओबामा ने इस्लामिक स्टेट संगठन को 'मौत का नेटवर्क' करार दिया. ओबामा ने कहा, "इस तरह के हत्यारे सिर्फ ताक़त की भाषा समझते हैं. इसलिए अमरीका एक व्यापक गठबंधन के साथ मौत के इस नेटवर्क को बर्बाद करने के लिए काम करेगा. इस कोशिश में हम अकेले कार्रवाई नहीं करेंगे. न ही हमारा इरादा अमरीकी सेनाओं को विदेशी ज़मीन पर कब्जे के लिए भेजने का है."
ओबामा ने आईएस के साथ सीधी ज़मीनी लड़ाई से एक बार फिर इनकार किया. उन्होंने कहा, "हम आईएस को खदेड़ने के लिए हवाई हमलों का इस्तेमाल कर सकते हैं. साथ ही इन चरमपंथियों के ख़िलाफ़ ज़मीनी लड़ाई के लिए सशस्त्र सेनाओं को प्रशिक्षित कर सकते हैं." उन्होंने कहा कि इन चरमपंथियों की वित्तीय सहायता रोकने और नए लड़ाकों के उनके साथ जुड़ने से रोकने की दिशा में काम किया जाएगा.
ओबामा ने कहा कि आईएस चरमपंथियों के ख़िलाफ़ गठबंधन में शामिल होने के लिए 40 से अधिक देशों ने पेशकश की है. उन्होंने कहा, "आज मैं दुनिया से इस प्रयास में जुड़ने की अपील करता हूं." उन्होंने कहा कि विश्व आज 'युद्ध और शांति' और 'डर और उम्मीद' के चौराहे पर खड़ा है. ओबामा ने यूक्रेन में रूस की कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि यह एक उदाहरण है कि तब क्या होता है जब देश अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों का सम्मान नहीं करते. उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से कूटनीति का रास्ता अपनाने और शांति के लिए संयुक्त राष्ट्र के आदर्शों पर चलने की सलाह दी.
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