ओलम्पिक में भारत को एकमात्र व्यक्तिगत स्पर्धा का स्वर्ण दिलाने वाले स्टार निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने सोमवार को प्रतिस्पर्धात्मक निशानेबाजी से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। बिंद्रा ने सोमवार को कहा कि इंचियोन में चल रहा 17वां एशियाई खेल उनका आखिरी टूर्नामेंट होगा, हालांकि उन्होंने कहा है कि वह रियो ओलम्पिक-2016 में हिस्सा लेंगे। बिंद्रा इंचियोन में मंगलवार को 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में हिस्सा लेंगे। बीजिंग ओलम्पिक में स्वर्ण पर निशाना लगाने वाले बिंद्रा ने सोमवार को ट्वीट किया, "कल (मंगलवार) मेरे प्रतिस्पर्धी करियर का आखिरी दिन होगा। हालांकि मैं शौकिया तौर पर प्रतिस्पर्धाओं में हिस्सा लेता रहूंगा और सप्ताह में दो दिन अभ्यास भी करूंगा।"
बिंद्रा ने इसी वर्ष जुलाई में ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों को करियर का आखिरी राष्ट्रमंडल टूर्नामेंट कहा था, जहां उन्होंने ग्लासगो में राष्ट्रमंडल खेलों में करियर का पहला व्यक्तिगत स्पर्धा का स्वर्ण पदक हासिल किया। पूर्व विश्व चैम्पियन बिंद्रा ने हालांकि रियो ओलम्पिक की उम्मीदें जिंदा रखी हैं। बिंद्रा ने कहा, "और हां, मैं रियो ओलम्पिक में हिस्सा लेने की कोशिश भी करूंगा।" बिंद्रा 2006 में विश्व चैम्पियन बनने वाले भारत के पहले निशानेबाज बने और उसके दो वर्ष बाद ही उन्होंने इतिहास रचते हुए बीजिंग ओलम्पिक में देश को व्यक्तिगत स्पर्धा का पहला स्वर्ण पदक दिलाया।
बिंद्रा के नाम राष्ट्रमंडल खेलों में कुल चार स्वर्ण पदक हैं, जिनमें तीन युगल स्पर्धाओं में जीते हैं। इसके अलावा वह व्यक्तिगत स्पर्धा में दो रजत और एक कांस्य पदक भी जीत चुके हैं। बिंद्रा हालांकि एशियाई खेलों में अब तक सिर्फ एक रजत पदक जीत सके हैं और निश्चित तौर पर वह इंचियोन में स्वर्ण के साथ करियर का समापन करना चाहेंगे।
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