बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने यह दावा किया है कि उनकी पार्टी जनता दल-यूनाइटेड द्वारा पिछले साल भारतीय जनता दल (भाजपा) का साथ छोड़ने से बिहार के आर्थिक विकास में प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है। गौरतलब है कि जदयू ने पिछले साल भाजपा द्वारा नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के विरोध में भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया था।
मांझी ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (एलएसई) में व्याख्यान देने के बाद समाचार एजेंसी आरएवाई के साथ विशेष बातचीत में कहा, "बिहार में आर्थिक विकास अब भी उसी स्तर पर है, जैसा जदयू-भाजपा गठबंधन के समय था और आगे यह और ऊंचाई पर जाएगा।" उन्होंने कहा, "यह भाजपा का दुष्प्रचार है कि उनसे अलग होने के बाद राज्य में आर्थिक विकास धीमा हुआ है।"
लालू प्रसाद के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के साथ वर्तमान गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर मांझी ने कहा, "यह नई साझेदारी है और सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए यह गठबंधन उभरा है।" मांझी ने एलएसई में अपने व्याख्यान के दौरान अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों को बिहार में निवेश के लिए आमंत्रित किया। मांझी ने कहा कि बिहार, भारत का सबसे गरीब राज्य माना जाता था और अब यह देश का सबसे तेजी से प्रगति करने वाला राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि बिहार को कौशल और वैज्ञानिक खेती की दरकार है।
मांझी की सरलता और समर्पण ने लोगों को उनकी प्रशंसा करने पर मजबूर कर दिया। मांझी की यह पहली ब्रिटेन यात्रा थी। उन्होंने कहा कि उन्हें लंदन पसंद है। मांझी गुरुवार को भारत लौटेंगे।
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