स्वयंभू संत आसाराम बापू की जमानत याचिका सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को खारिज कर दी। आसाराम अपने आश्रम की एक विद्यार्थी के साथ कथितरूप से दुष्कर्म करने के आरोपों में फिलहाल जेल में बंद हैं। न्यायमूर्ति टी.एस. ठाकुर की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि आसाराम की ओर से जो आधार पेश किया गया है, वह जमानत देने लायक नहीं है।
72 वर्षीय आसाराम को तब गिरफ्तार कर लिया गया था, जब 16 वर्षीय एक किशोरी ने यह आरोप लगाते हुए पुलिस में 20 अगस्त, 2013 को शिकायत दर्ज कराई कि आसाराम ने जोधपुर स्थित अपने आश्रम में उसके साथ दुष्कर्म किया।
न्यायालय ने यह भी कहा कि जबतक मामले के महत्वपूर्ण गवाहों से जिरह नहीं हो जाती, तबतक आसाराम को जमानत पर रिहा नहीं किया जाएगा। न्यायालय ने राजस्थान सरकार से उन छह गवाहों के नाम मांगे, जो मामले में अभियोजन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
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