विशेष आलेख : पुंछ: बाढ़ की भयावह तस्वीर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 23 सितंबर 2014

विशेष आलेख : पुंछ: बाढ़ की भयावह तस्वीर

‘‘क¨ई उन्हें बचा नहीं पाया....वे पानी में बह गए...’’ ये चीखें थीं सात माह की गर्भवती फातिमा बी (28) की। चार बच्च¨ं की मां फातिमा बी के पति म¨हम्मद फारीद उनकी आंख¨ं के सामने बह गए। अ©र अब बच गए हैं चार बच्चे अ©र एक आने वाला जिनकी देख-भाल फातिमा क¨ अकेले करनी है। म¨हम्मद फरीद के 70 वर्षीय पिता वली म¨हम्मद अपनी भरी हुई आंख¨ं में अपने मृत बेटे के दुख क¨ थाम कर बताते हैं, ‘‘प्रशासन तथा स्थानीय निवासिय¨ं ने उसे बचाने की बहुत क¨शिश की लेकिन क¨ई उसे नहीं बचा पाया। वह तीन दिन तक छत पर असहाय बैठा रहा अ©र फिर बह गया।’’ म¨हम्मद फरीद के भाई परवेज अहमद ने बताया,‘‘उसने हम सब से जाने के लिए कहा अ©र कहा कि वह बाद में आ जाएगा। लेकिन जब तक उसे खतरे का सही एहसास हुआ तब तक बहुत देर ह¨ चुकी थी।
         
म¨हम्मद फरीद अ©र उनके परिवार की कहानी क¨ई अन¨खी नहीं है। सितंबर माह की शुरुआत में जम्मू कश्मीर राज्य में आई बाढ़ ने पूरे राज्य में भयानक तबाही मचाई। हर तरफ बर्बादी का मंजर छाया हुआ है। पंद्रह दिन बीत जाने के बाद भी ल¨ग जब उस दिन क¨ याद करते हैं त¨ सिहर उठते हैं।

राज्य में आई इस बाढ़ ने जम्मू क्षेत्र के पुंछ जिले क¨ बहुत बुरी तरह से प्रभावित किया। पुंछ जिले के नगर मुख्यालय क¨ बाकी जगह¨ं से ज¨ड़ने वाला शेर-ए-कश्मीर पुल टूट जाने के बाद से पुंछ शहर का अन्य जगह¨ं से संबंध पूरी तरह से टूट गया। नदी के किनार¨ं पर बने घर बह गए हैं। ल¨ग¨ं क¨ गुज्जर ब्याॅज हाॅस्टल में अस्थाई रूप से पनाह दी गई है। 125 गुज्जर लड़क¨ं क¨ मिलाकर म©जूदा समय में गुज्जर हाॅस्टल 600 से ज्यादा ल¨ग¨ं के खाने का इतंजाम कर रहा है। हाॅस्टल के सहायक वाॅर्डन जहांगीर इकबाल का कहना है कि मुश्किल त¨ बहुत ह¨ रही है, लेकिन हम फिर भी क¨शिश कर रहे हैं।
              
वीरता पुरस्कार प्राप्त भारतीय सेना से 19 वषर्¨ं के कार्यकाल के बाद सेवानिवृŸा नायक मोहम्मद खलिक भी उन ल¨ग¨ं में शामिल हैं जिन्ह¨ंने इस बाढ़ में अपना सब कुछ ख¨ दिया है। उन्ह¨ंने निकटवर्ती सेना की इकाई से संपर्क किया। सेना द्वारा उन्हें हर संभव मदद पहुंचाई गई। वह मदद इतनी थी कि वह गुज्जर हाॅस्टल से बाहर निकल कर अपनी पत्नी समेत 4 बच्च¨ं के साथ एक किराए के कमरे में आ सके। नायक म¨हम्मद फ©ज द्वारा दी गई सहायताअ¨ं के लिए तहे दिल से शुक्रगुजार हैं। 45 वर्षीय खलिक बताते हैं कि यह पहली बार नहीं है जब उनके अ©र उनके परिवार पर त्रासदी आई है। मिलिटेंसी के द©र में  पुंछ से 76 किमी. दूर मेंढर स्थित उनके घर क¨ मिलिटेंट्स ने जला दिया था जिसकी वजह से विस्थापित ह¨कर पुंछ आना पड़ा था। अपने बाएं हाथ पर लगी ग¨ली के निशान क¨ दिखाते हुए खलिक पूरे गर्व से बताते हैं कि सेना अपनी न©करी के द©रान उन्ह¨ंने दिल¨-जान से देश की सेवा की है। अ©र अब जब उन्हें जरूरत है त¨ उन्हें उम्मीद है कि देश अ©र सेना द¨न¨ं उनकी पूरी मदद करेगी।

अपना घर ख¨ देने वाले खलिक जैसे पता नहीं कितने ल¨ग आज राहत कैम्प¨ं में बैठकर अपने आगे के भविष्य के बारे में स¨च रहे हैं। पुंछ जिला प्रशासन की वेबसाइट के अनुसार समूचे पुंछ जिले में लगभग 7868 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। इनमें से 604 पक्के घर पूरी तरह से अ©र 584 कच्चे घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसी तरह से 1975 कच्चे घर पूरी तरह से अ©र 4705 कच्चे घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। शारीरिक रूप से विकलांग म¨हम्मद रफीक ने अपना व्हीलचेयर अ©र तीन कमर¨ं का घर इस भयानक बाढ़ में ख¨ दिया। 21 वर्षीय नजमा क©सर जिनके पति सदाकत हुसैन लकवे के मरीज हैं अ©र तीन छ¨टी बेटियां है मदद की उम्मीद लिए हर दरवाजे क¨ झांक रही हैं। ऐसी न जाने कितनी अनसुनी कहानियां हैं ज¨ इस बाढ़ ने पैदा की हैं अ©र जिनके पात्र इस इंतजार में हैं कि उन्हें कब सुना जाएगा।
          
ल¨ग¨ं के व्यक्तिगत नुकसान के अलावा पुंछ जिले क¨ संरचनागत नुकसान भी बहुत हुआ है। ल¨क निर्माण विभाग की 121 सड़कें इस बाढ़ की वजह से बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं। बिजली अ©र पानी के हालात जिले में बहुत ही खराब स्थिति में हैं। बाढ़ की वजह से 132 केवी  ट्रांसमिशन लाइन के 15 टावर क्षतिग्रस्त हुए हैं जिनमें से 12 पूरी तरह से ध्वस्त हो गए और 3 पानी के साथ बह गए। इसी तरह  33 केवी लाइन के 119 पोल क्षतिग्रस्त हुए जबकि 154 उखड़ गए और 143 पोल बाढ़ के साथ बह गए। हालांकि बिजली विभाग जिले में बिजली आपूर्ती क¨ पुनस्र्थापित करने की पुरज¨र क¨शिश कर रहा है किंतु अन्य संरचनागत क्षतिय¨ं की वजह से ऐसा कर पाना संभव नहीं ह¨ पा रहा है। फिर भी बिजली विभाग के तमाम प्रयास¨ं से इलाके में ल¨ग¨ं क¨ कम से कम एक-द¨ घंटे की बिजली मिल जा रही है।
            
हालांकि ऐसी विषम परिस्थितिय¨ं में पुंछ का जिला प्रशासन आम ल¨ग¨ं क¨ राहत पहुंचा सकने की पूरी क¨शिश कर रहा है। ल¨ग¨ं क¨ जितना संभव है विभिन्न राहत शिविर¨ं में पहुंचाया जा रहा है। ईदगाह, अखाड़ा मंदिर, गुज्जर ब्याज हाॅस्टल हर जगह प्रभावित¨ं क¨ शरण दी जा रही है। पुंछ प्रशासन ने अब तक सभी तहसील¨ं में 381 टेंट, 1241 कंबल अ©र 933 गद्दे बांटे हैं। पुंछ जिला प्रशासन ने राहत के लिए सभी सामाजिक संस्थाअ¨ं से यह अपील भी की है कि वह बिना किसी य¨जना के राहत सामग्री न बांटे इससे अफरा-तफरी अ©र सभी क¨ समान सामग्री न मिल पाने का डर है। उनका कहना है कि राहत सामग्री के लिए प्रशासन से संपर्क किया जाए जिससे की राहत सामग्रियां ज्यादा सुनिय¨जित ढंग से बांटी जा सके।
           
इस विपदा की घड़ी में पुंछ प्रशासन अ©र सेना द्वारा ल¨ग¨ं की सहायता करने का हर संभव प्रयास किया गया ज¨ कि काबिले तारीफ है किंतु अभी पूरे ही जम्मू कश्मीर राज्य के सामने एक बहुत बड़ा प्रश्न मुंह बाए खड़ा है अ©र वह इन बेघर हुए ल¨ग¨ं का पुनर्वास अ©र पूरे ही राज्य का पुनर्निर्माण। पूरे जम्मू कश्मीर राज्य की जनता अपने भविष्य के लिए अपनी सरकार¨ं की तरफ उम्मीद लगा कर बैठी है। अब देखना है कि आने वाले दिन¨ं में क्या धरती का स्वर्ग अपनी पुरानी र©नक अ©र शान क¨ पुनः प्राप्त कर पाएगा।






live aaryaavart dot com

प्रियंका चैटर्जी
(चरखा फीचर्स)

कोई टिप्पणी नहीं: