महाराष्ट्र में 15 साल से जारी गठबंधन 'लोकशाही आघाड़ी' से गुरुवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने नाता तोड़ लिया और आम चुनाव में पराजय से दबी कांग्रेस को अकेली छोड़ दिया। गठबंधन से अलग होने की घोषणा राकांपा के राज्य प्रमुख सुनील तातकरे ने की। तातकरे ने संवाददाताओं से कहा, "हमने कुछ धर्मनिर्पेक्ष मानसिकता वाली पार्टियों को साथ लेकर अगल चलने का फैसला लिया है।"
राकांपा का कांग्रेस के साथ गठबंधन तोड़ने के फैसले की घोषणा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) व शिवसेना के बीच 25 वर्षो से चले आ रहे गठबंधन के टूटने की घोषणा के थोड़े ही अंतराल के बाद की गई। शिवसेना के एक नेता ने कहा, "भाजपा का राकांपा के साथ गुप्त समझौता है।"
राकांपा और कांग्रेस के बीच 'तलाक' का फैसला 15 अक्टूबर को होने जा रहे विधानसभा चुनाव में सीटों की हिस्सेदारी पर एक सप्ताह तक चली रस्साकशी के बाद लिया गया है। दोनों पार्टिया महाराष्ट्र में 15 वर्ष (1999 से 2014) और नई दिल्ली में 10 वर्ष (2004 से 14) सत्ता में रही हैं। राकांपा ने राज्य की कांग्रेस नीत सरकार से भी हटने का फैसला ले लिया है जिससे विधानसभा में कांग्रेस के अल्पमत में आने का खतरा पैदा हो गया है।
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