सुप्रीम कोर्ट ने सीनियर वकील प्रशांत भूषण को निर्देश दिया है कि वह सीबीआई डायरेक्टर के घर आने वाले विजिटर्स और सीबीआई फाइल की नोटिंग्स के बारे में सूचना उपलब्ध कराने वाले स्रोत का खुलासा करें। शीर्ष अदालत ने उन्हें स्रोत का नाम सीलबंद लिफाफे में सौंपने का निर्देश दिया है। दूसरी तरफ, सीबीआई डायरेक्टर रंजीत सन्हा ने प्रशांत भूषण की ओर सुप्रीम कोर्ट में जमा कराई गए विजिटर्स रजिस्टर के अस्तित्व और प्रमाणिकता पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि रजिस्टर में 90% एंट्री फर्जी हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी।
गौरतलब है कि प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया था कि रंजीत सिन्हा के नई दिल्ली स्थित 2 जनपथ वाले घर पर रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप (एडीएजी) के अधिकारी उनसे कई बार मिल चुके हैं। 2जी मामले में एडीएजी के ऑफिसरों पर भी आरोप हैं। रंजीत सिन्हा ने एडीएजी के दो अधिकारियों से अपने घर मुलाकात की बात मानी थी। सिन्हा ने आरोप लगाया था कि उनकी जासूसी हो रही है। उन्होंने कहा कि उनके घर पर जो दो डायरी हैं, उनमें ऐसे किसी विजिटर्स का रिकॉर्ड नहीं है। उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता कि तीसरी डायरी (जिसका भूषण ने जिक्र किया है) कहां से आ गई।'
इस मामले में जस्टिस एच एल दत्तू की अध्यक्षता वाली बेंच ने प्रशांत भूषण को हलफनामे के साथ विजिटर्स रजिस्टर जमा कराने के लिए कहा था। आज बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि भूषण द्वारा दायर हफलमाना सुप्रीम कोर्ट के नियमों के अनुरूप नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने रजिस्टरी विभाग को सीबीआई डायरेक्टर द्वारा बंद लिफाफे में सौंपे गए सभी दस्तावेजों और हलफनामों को रखने और इन्हें सेक्रेटरी जनरल के पास जमा करने का निर्देश दिया।
पिछली सुनवाईऊ के दौरान भी रंजीत सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप पूरी तरह से झूठे हैं।' इसके साथ ही उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया है कि वह वकील प्रशांत भूषण से पूछे कि उन्हें दस्तावेज कहां से मिले। रंजीत सिन्हा की ओर से पेश वकील विकास सिंह ने इन दस्तावेज की सत्यता और स्रोत पर सवाल उठाया था।
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