वित्तीय मितव्ययिता के सहारे भारत अगले 2-3 साल में आठ फीसदी आर्थिक विकास दर हासिल कर सकता है। यह बात मंगलवार को पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कही। उन्होंने यहां एक समारोह में कहा, "मुझे पूरा विश्वास है कि सरकार बदलने के बाद भी यदि हम रास्ते पर रहें, तो 2-3 साल में आठ फीसदी विकास दर हासिल कर सकते हैं।" चिदंबरम ने कहा, "आठ फीसदी विकास दर हासिल करने के लिए वित्तीय क्षेत्र में सुधार भी जरूरी है।"
उन्होंने कहा कि यदि वित्तीय मितव्ययिता बरकरार रखी जाए और सरकार बचत तथा निवेश को बढ़ावा दे तो आठ फीसदी विकास दर हासिल करना संभव है। 2013-14 में आर्थिक विकास दर 4.9 फीसदी रही थी। मौजूदा कारोबारी साल की प्रथम तिमाही में यह दर 5.7 फीसदी दर्ज की गई है। चिदंबरम ने कहा कि आठ फीसदी विकास दर से एक करोड़ लोगों के लिए रोजगार का सृजन हो सकता है।
पूर्व मंत्री ने कहा कि महंगाई कम करने का सबसे आसान तरीका वित्तीय घाटा कम करना है। वर्तमान सरकार ने वित्तीय घाटा का लक्ष्य 2014-15 के लिए 4.1 फीसदी रखा है, जो 2013-14 में 4.5 फीसदी था। योजना आयोग से मुक्ति पाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के फैसले के बारे में चिदंबरम ने कहा कि उसकी उपयोगिता समाप्त हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि योजना आयोग समाप्त करना सही फैसला था और उसके स्थान पर अपेक्षाकृत छोटा संस्थान बनना चाहिए, जिसमें 100 से अधिक कर्मचारी नहीं होने चाहिए। उन्होंने कहा कि नए संस्थान में ऐसे लोगों को रखा जाना चाहिए, जो भविष्य दर्शी हों और आगे की योजना बना सकें और बाकी चीजें मंत्रालय पर छोड़ दिया जाना चाहिए।
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