पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम. के. नारायणन ने कहा है कि कश्मीर में अलगाववादी रुझान ठंडे पड़ गए हैं, लेकिन भारत के सामने देश के अंदर से और साइबर स्पेस से कई अन्य चुनौतियां मौजूद हैं। नारायण हाल ही में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल पद से मुक्त हुए हैं। नारायणन ने मंगलवार को यहां अंतर्राष्ट्रीय रणनीतिक अध्ययन संस्थान (आईआईएसएस) में एक वार्ता के दौरान कहा, "कश्मीर में अलगाववाद काफी ठंडा पड़ गया है।"
उन्होंने यह भी कहा कि भारत को पाकिस्तान के साथ निपटने में अत्यंत सावधनी बरतनी होगी। भारत लगातार आरोप लगाता है कि पाकिस्तान कश्मीर में भारत विरोधी भावनाएं भड़काता है। नारायणन ने भारत में नक्सली आंदोलन को अधिक समस्याजनक बताया और कहा कि यद्यपि देश के अंदर पिछले सात महीनों से कोई गंभीर आतंकवादी घटना नहीं घटी है, लेकिन इसका खतरा बना हुआ है।
साइबर सुरक्षा के संदर्भ में नारायणन ने कहा कि यह एक परोक्ष खतरा है। उन्होंने कहा कि भारत अभी इस मामले में मजबूत सुरक्षा दीवार नहीं बना पाया है। नारायणन ने यहीं पर भारत में अलकायदा की संभावना को खारिज कर दिया। अलकायदा प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी द्वारा जारी वीडियो के बारे में उन्होंने कहा कि वह इसे कोई बड़ा खतरा नहीं मानते। वीडियो में जवाहिरी ने भारत में अलकायदा की शाखा खोलने की घोषणा की है।
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