मंगल पर जीवन की संभावना का अध्ययन करेगा भारत - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 24 सितंबर 2014

मंगल पर जीवन की संभावना का अध्ययन करेगा भारत


india-search-life-on-mangal
मंगल ग्रह पर जीवन की संभावना की गुत्थी को सुलझाने में मंगलयान में मौजूद पांच वैज्ञानिक उपकरण वैज्ञानिकों की सहायता करेंगे। एक वरिष्ठ अंतरिक्ष अधिकारी ने कहा, "मंगल ग्रह का एक चक्कर पूरा करने में मंगलयान को 77 घंटे लगेंगे। चक्कर लगाने के दौरान मंगलयान की ग्रह की सतह से सबसे कम दूरी 500 किलोमीटर, जबकि सर्वाधिक दूरी 80 हजार किलोमीटर होगी। इस दौरान यह मंगल के वायुमंडल में मिथेन गैस और अन्य खनिज पदार्थो की जांच करेगा।" अधिकारी ने कहा, "ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए मंगलयान में तीन सोलर पैनल हैं। वहीं रेडियो संकेत के लिए तीन एंटेना (उच्च, मध्यम और निम्न) हैं।"  475 किलोग्राम के अंतरिक्षयान में 15 किलोग्राम वजन वाले पांच उपकरण लगे हैं। 

पहला उपकरण रंगीन कैमरा है, जो ग्रह की सतह और मौसम के मिजाज की तस्वीरें भेजेगा। दूसरा उपकरण मेथेन सेंसर है, जो मंगल के वायुमंडल में मेथेन गैस की जांच करेगा, क्योंकि इसकी मौजूदगी से पता लग पाएगा कि यहां जीवन संभव हो सकता है। तीसरा उपकरण मार्श एक्सपोस्फेयर न्यूट्रल कंपोजिशन एनालाइजर (एमईएनसीए) है, जो मंगल के बाहरी वायुमंडल में पाए जाने वाले उदासीन गैसीय परमाणु का अध्ययन करेगा।

चौथा उपकरण, लिम्ना अल्फा फोटोमीटर (एलएपी) है, जो हाइड्रोजन के दो समस्थानिकों की बहुलता की माप करेगा। अंतिम उपकरण, थर्मल इंफ्रारेड इमेजरी स्पेक्ट्रोमीटर (टीआईआईएस) है, जो मंगल ग्रह के सतह के तापमान की माप करेगा।

कोई टिप्पणी नहीं: