केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय, बिहार और उत्तर प्रदेश राज्य सरकारों के सहयोग से 26 से 28 सितम्बर, 2014 के दौरान चतुर्थ अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सभा का आयोजन बोधगया और सारनाथ में कर रहा है। इसमें भारत की बौद्ध विरासत तथा तीर्थ स्थानों के बारे में प्रदर्शन तथा प्रस्तुतीकरण किया जाएगा। इस आयोजन से सहभागियों को आपस में बातचीत करने, इसको बढ़ावा देने, विदेश से आने वाले यात्रियों को भ्रमण संबंधी जानकारी मिलेगी। इससे पहले अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सभा नई दिल्ली और बोधगया (फरवरी 2004) नालंदा और बोधगया (फरवरी 2010) तथा वाराणसी और बोधगया (सितम्बर 2012) में आयोजित की गई थी।
मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, बौद्ध सभा में अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध विचारक, दौरा परिचालक, मीडिया, देश में बौद्ध स्थानों की तीर्थ यात्रा को बढ़ावा देने वाले घरेलू दौरा परिचालक तथा राज्य सरकारें भाग लेंगे। इसमें 32 देशों के दौरा परिचालक, मीडिया से संबंधित प्रतिनिधि, विचारक तथा करीब 120 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि शामिल होंगे। बिहार और उत्तर प्रदेश की राज्य सरकारों के अलावा आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, सिक्किम, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल भी इसमें भाग ले रहे हैं।
इसका उद्घाटन 27 सितम्बर, 2014 को बोधगया में बिहार के मुख्यमंत्री तथा केन्द्रीय पर्यटन और संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपद नाइक द्वारा किया जाएगा। इस अवसर पर बिहार सरकार के पर्यटन मंत्री तथा उत्तर प्रदेश सरकार के तकनीकी शिक्षा मंत्री भी उपस्थित रहेंगे। बौद्ध धर्म का जन्म स्थान भारत है और भगवान बुद्ध के जीवन से संबंधित कई महत्वपूर्ण स्थान तथा बौद्ध विरासत भारत में हैं। विश्व भर के बौद्ध अनुयायियों के लिए यहां कई तीर्थ स्थल है।
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