मंगल ग्रह के वायुमंडल और वहां जीवन की संभावना के अध्ययन के लिए भारतीय अंतरिक्षयान, मंगलयान के बुधवार सुबह मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश करने के साथ ही देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम में सफलता की एक बड़ी इबारत लिख जाएगी। मिशन कार्यक्रम के निदेशक एम.अन्नादुरई ने मंगलवार को कहा, "मंगल ग्रह की कक्षा में अंतरिक्षयान के प्रवेश के मद्देनजर उसके मुख्य इंजन को चालू करने की तैयारियां की जा रही हैं। इंजन सुबह 7.17 बजे चालू किया जाएगा, जिसकी पुष्टि का संकेत हमें 8.15 बजे मिलेगा।" एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा, "सबकुछ ठीकठाक चल रहा है। कार्यक्रम और अंतरिक्षयान सही दिशा में जा रहा है। अंतिम चरण का हम इंतजार कर रहे हैं।"
रेडियो संकेतों को भेजने और प्राप्त करने के लिए अंतरिक्षयान को सुबह 4.17 बजे मिडियम गेन एंटेना पर स्थानांतरित किया जाएगा। अंतरिक्षयान को सुबह 6.57 बजे मंगल की तरफ घुमाने के बाद मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश करने के लिए मुख्य इंजन को 24 मिनट (सुबह 7.17 बजे-7.41 बजे) के लिए चालू किया जाएगा। इस वक्त मंगल की सतह से यान की दूरी 500 किलोमीटर (रेडियो दूरी), जबकि पृथ्वी से 21.5 करोड़ किलोमीटर होगी। इस दौरान, अंतरिक्षयान में ऑक्सीकारक के साथ 250 किलोग्राम तरल ईंधन की खपत होगी।
अन्नादुरई ने कहा, "सोमवार को चौथे संशोधन के बाद उपकक्षा से मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश करने के लिए अंतरिक्ष यान की गति 22.2 किलोमीटर प्रति सेकंड से घटाकर 2.14 किलोमीटर प्रति सेकंड कर दी गई थी।" मंगल की सतह पर सुबह 7.12 बजे सूर्य की रोशनी की अनुपस्थिति में ग्रहण की स्थिति बनेगी और सौर ऊर्जा की कमी के कारण यान में मौजूद आठ छोटे इंजन इसकी ऊंचाई पर नियंत्रण रखने में मदद करेंगे। निदेशक ने कहा, "ग्रहण वाले क्षेत्र से गुजरने के दौरान अंतरिक्षयान से 7.53 बजे तक कोई रेडियो संकेत नहीं मिल सकेगा।"
निर्धारित समय सुबह 7.17 बजे मुख्य इंजन चालू नहीं होने की स्थिति में संवेग पर नियंत्रण के लिए यान में लगे छोटे आठों इंजनों को चालू किया जाएगा। 450 करोड़ रुपये की लागत वाले इस महत्वाकांक्षी अभियान की शुरुआत पांच नवंबर, 2013 को हुई थी।
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