अपराधी अपने को भैंस चोर कहे जाने पर कर दिया महिला की गोली मार कर हत्या
मुजफ्फरपुर। (मुकुंद सिंह )थाना क्षेत्र के चंदनपट्टी गांव में देर रात अज्ञात अपराधियों ने एक महिला की गोली मार कर हत्या कर दी. गोली के र्छे से महिला की सास व बेटी भी जख्मी हो गयी. घायलों का इलाज एसकेएमसीएच में चल रहा है. पुलिस ने घटना स्थल से खोखा बरामद किया है.ग्रामीणों के अनुसार, अपराधी अपने को भैंस चोर कहे जाने से आक्रोशित होकर महिलाओं पर गोली चला दी. रात्रि के 1.30 बजे 15-16 की संख्या अपराधी एक गड्ढे को पर कर रहे थे. सड़क पर पानी में कूदने की आवाज सुन सीता देवी (60) ने उन लोगों से पूछा कि आप लोग कहां जा रहे हैं. इस पर उन लोगों ने महिला को सिर्फ चाची कहा, फिर सभी आगे बढ़ गये. करीब एक घंटे बाद सभी अपराधी फिर उसी रास्ते वापस लौट रहे थे तभी अपराधियों के आगे बढ़ने पर घर वालों को शंका हुई. जख्मी सास व पुत्री को परिजनों ने सभी को ढोली अस्पताल में भर्ती कराया. यहां से सकरा पुलिस सभी को मुजफ्फरपुर स्थित मां जानकी अस्पताल ले आए. परिजनों के पास रुपये नहीं रहने के कारण अस्पताल प्रबंधन ने घायलों का इलाज करने से इनकार कर दिया. इसके बाद सभी घायलों को एसकेएमसीएच लाया गया. वहां डॉक्टरों ने गीता देवी को मृत घोषित कर दिया. वहीं सीता च चंदनी को इलाज के लिए भर्ती कर लिया. थानाध्यक्ष शैलेंद्र कुमार ने बताया कि मृतका के पति के बयान पर प्राथमिकी दर्ज कर लीगई है
टॉर्च जलाने पर चलायी गोली
सास सीता देवी (60) ने बताया कि उनके घर के पास सभी अपराधी चार-पांच की संख्या में इधर-उधर खड़े हो गए. इस पर सीता देवी ने कहा कि चोर हत का हो. यह कहते हुए सीता देवी दरवाजा खोल बाहर आ गयी और भैंस चोर समझ कर सड़क के उस पार भैंस के घर में चली गई. घर के बगल से लोगों ने टॉर्च जला दिया. इस पर गाली देते हुए अपराधियों ने गोली चला दी. गोली श्याम दास की पत्नी गीता देवी को लगी. उसकी मौत घटना स्थल पर ही हो गई. वहीं बगल में खड़ी गीता की सास सीता देवी व पुत्री चंदनी कुमारी (12) गोली के र्छे से जख्मी हो गई.
बेटी दमाद को गोली मार पिता फरार
मुजफ्फरपुर।(मुकुंद सिंह ) जिले के देवरिया थाना क्षेत्र के पुरानी बाजार में सोमवार की सुबह जोगी पासवान नामक व्यक्ति ने अपनी बेटी व दामाद को गोली मार दी। दोनों को एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया। वहां इलाज के दौरान बेटी प्रीति की मौत हो गई जबकि गंभीर स्थिति में दामाद विनय पासवान का इलाज चल रहा है। घटना के पीछे ससुराल आए दामाद द्वारा पत्नी को विदागरी कराने की जिद बताई जाती है। घटना के बाद से जोगी पासवान फरार बताया जाता है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।नजदीकी सूत्रे से मिली जानकारी के अनुसार जोगी पासबांन अपने दमाद से नाखूसन था इसी बजह से कुछ दिन पहले बेटी को ससुरल से अपने यहाँ बुलाकर लाया था ! हलकी पुलिस मामले की जांच कर रही है की आखिर मामला क्या है
किराना व्यवसायी दिन में करीब 12 बजे माओवादियों से भिड़ा
मोतीपुर का एक किराना व्यवसायी दिन में करीब 12 बजे माओवादियों से भिड़ गया. हालांकि इस दौरान ग्रामीणों के बीच वो ही घिर गया और ग्रामीणों ने उसे पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया. व्यवसायी के साथ उसके दो सहयोगियों को भी पकड़ा गया है, जिन्हें लेकर व्यवसायी माओवादियों को लेवी के रूप में 80 हजार रुपये देने पहुंचा था. वहां पर दो युवकों को देख व्यवसायी व उसके सहयोगी उनसे भिड़ गये. इसी बीच पास में छुपे छह और माओवादी मौके पर आ गये. दोनों के बीच भिड़ंत होने लगी, जिसे ग्रामीणों ने दो गुटों की लड़ाई समझ लिया. इस दौरान ग्रामीण मौके पर पहुंचे, तो माओवादी मौके से फरार हो गये. अब पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है.
मुजफ्फरपुर (मुकुंद सिंह ): सिसवां गांव का रहनेवाला व्यवसायी विनोद चौधरी कथैया थाने के सिरसियां पहुंचा था. उसके साथ दो सहयोगी भी थे. विनोद चौधरी को माओवादियों को लेवी के रूप में 80 हजार रुपये देने थे. इसकी बात माओवादियों ने फोन पर विनोद से तय की थी. साथ ही ये हिदायत दी थी कि पुलिस को सूचना दी, तो जान से हाथ धोना पड़ेगा. विनोद ने पूरे मामले की सूचना पुलिस को नहीं दी थी. उन्होंने अपने मौसा को इसकी जानकारी दी थी, जो लखनौरी गांव के रहनेवाले हैं. विनोद का कहना है, उनके मौसा ने सुजीत कुमार व नंदलाल को भेजा था. उन्हें साथ लेकर वो लेवी देने के लिए पहुंचा था. विनोद का कहना है, वो इन युवकों के बारे में ज्यादा नहीं जानता है. प्लेटिना से थे आये. दिन में लगभग बारह बजे तय स्थान पर विनोद पहुंचा. वहां पर जैसे पहले से बताया गया था, दो युवक प्लेटिना मोटरसाइकिल पर बैठे थे. इनमें एक लाल व एक काला हेलमेट लगाये थे. माओवादियों से तय बातचीत के मुताबिक विनोद को इन्हें लेवी के रुपये देने थे, लेकिन मौके पर पहुंचे विनोद को लगा कि युवक दो हैं, जबकि हम तीन लोग, क्यों उक्त दोनों को दबोच लिया जायेगा.
होने लगी भिड़ंत
विनोद जब दोनों युवकों की ओर बढ़ा और उन्हें पकड़ना चाहा. इसी को लेकर दोनों के बीच भिड़ंत हो गयी. ये देखते ही आसपास छिपे तीन अन्य बाइक पर सवार छह लोग और मौके पर आ गया. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उक्त लोगों के हाथ में हथियार थे, जिन्हें वो हवा में लहरा रहे थे. इन लोगों ने व्यवसायी व उसके सहयोगियों की पिटाई शुरू कर दी.
15 को आयी थी चिट्ठी
विनोद चौधरी ने बताया, 15 सितंबर को बाइक सवार दो युवक उसके घर आये थे, तब वो घर में मौजूद नहीं थी. पिता सरभू चौधरी को दोनों ने एक लिफाफा सौपा था. तब दोनों ने कहा था, ब्लॉक से चिट्ठी आयी है. ये कहने के बाद दोनों युवक चले गये थे. सरभू से उक्त दोनों युवकों ने कहा था, लिफाफा विनोद चौधरी को दे दीजियेगा.
बुलाया था सिरिसियां
विनोद ने जब लिफाफा खोला, तो उसमें एक लाख रुपये की लेवी माओवादी अमित की ओर से मांगी गयी थी. इसी बीच अमित का फोन विनोद चौधरी के फोन पर आया और उसने लेवी के रुपये पहुंचाने के लिए कहे. साथ ही पुलिस को किसी तरह की सूचना नहीं देने की हिदायत दी. कहा, अगर पुलिस को जानकारी दोगे, तो तुम्हे जिंदगी से हाथ धोना पड़ेगा. इसके बाद अमित ने विनोद चौधरी की बात हुई और 80 हजार पर बात तय हुई. अमित कुमार ने सिरसियां में पैसे लेकर आने को कहा. विनोद ने बताया कि खुद को माओवादी नेता बताने वाले अमित ने उसे बताया कि प्लेटिना गाड़ी पर सवार दो युवक मिलेंगे, जो लाल व काला हेलमेट पहने होंगे. उन्हें पैसे दे देना.
मोटरसाइकिल से खुलेगा राज
देर शाम पूछताछ के लिए व्यवसायी विनोद समेत उसके दोनों सहयोगियों को मुजफ्फरपुर लाया गया था, जहां पुलिस अधिकारी उससे पूछताछ कर रहे थे. इस दौरान विनोद के परिजनों की ओर से वो चिट्ठी भी सौपी गयी, जिससे माओवादियों ने उससे लेवी की मांग की थी. साथ ही माओवादी अमित से बातचीत का रिकार्डिग भी पुलिस को विनोद की ओर से दी गयी है. वहीं, पुलिस अधिकारी विनोद चौधरी के साथ गये दोनों युवकों को संदिग्ध माने रहे हैं. इनमें सुजीत नाम के युवक का कहना है, वो मुजफ्फरपुर में पढ़ता है, जबकि नंदलाल का कहना है. वो ट्रैक्टर व जेसीबी मशीन चलवाता है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. इसमें बरामद दो मोटरसाइकिलों से मदद मिलेगी, जो माओवादियों की बतायी जा रही हैं.
पिता पर चली थी गोली
विनोद चौधरी के पिता सरभू चौधरी पर लगभग चार साल पहले गोली चली थी. गोली उस समय चली थी, जब सरभू मुरारचौक से गांव जाने के लिए मुड़े थे. मोटरसाइकिल सवार तीन अपराधियों ने गोली चलायी थी, लेकिन सरभू को गोली नहीं थी. उस घटना के बाद से सरभू का परिवार सहमा-सहमा रहता है. ग्रामीणों का कहना है, गांव में इस परिवार से किसी से किसी तरह सा विवाद नहीं है. विनोद चौधरी का किराना के साथ चावल का कारोबार है.
भाग गये माओवादी
जब दोनों ओर से मारपीट होने लगी, तो आसपास के ग्रामीणों को लगा कि दो गुटों के बीच मारपीट हो रही है. कुछ ग्रामीण जब मौके पर पहुंचे, तो माओवादी वहां से फरार हो गये. व्यवसायी व उसके दोनों सहयोगी भी भागने लगे, लेकिन ग्रामीणों ने इन तीनों को दौड़ा कर पकड़ लिया. मौके पर माओवादियों की दो मोटरसाइकिल छूट गयी थी. इनमें वो प्लेटिना गाड़ी भी है, जिससे लेवी लेने के लिए माओवादी पहुंचे थे. ग्रामीणों ने तीनों को कथैया पुलिस के हवाले कर दिया. मौके से जब्त चार मोटरसाइकिलों में से किसी एक से दो पिस्तौल, तीन जिंदा कारतूस बरामद किये गये.
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