सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को राष्ट्रीय कर ट्रिब्यूनल अधिनियम को असंवैधानिक करार देते हुए इसे अमान्य घोषित कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर.एम.लोढ़ा की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ ने कहा कि संसद न्यायपालिका की शक्तियां छीन कर ट्रिब्यूनल में नहीं रख सकती, जो अपने स्वरूप से न्यायालय नहीं है।
न्यायमूर्ति रोहिंटन फाली नरीमन ने भी इसी तरह की एक अलग सुनवाई के दौरान ट्रिब्यूनल को अंसवैधानिक और राज्य के विभिन्न अंगों के बीच शक्तियों के विभाजन का उल्लंघन करार दिया। उन्होंने कहा कि कानून से संबंधित महत्वपूर्ण सवालों का निर्धारण केवल सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय ही कर सकते हैं।
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