भारत सरकार पाकिस्तान से यहां आए हिंदू शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने पर विचार कर रही है। लेकिन सरकार का कहना है कि शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने के बारे में विचार राज्य सरकार के माध्यम से आए आवेदनों के आधार पर ही किया जाएगा। सरकार ने हिंदू शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 की विभिन्न धाराओं के तहत भारत की नागरिकता प्रदान करने की बात भी कही है। इस बात का खुलासा सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत हुआ है। आरटीआई कार्यकर्ता अभिषेक रंजन ने प्रधानमंत्री कार्यालय में बीते 4 अगस्त को इस संबंध में सूचना के अधिकार के तहत आवेदन दिया था, जिस पर 15 सितंबर को गृह मंत्रालय की ओर से जवाब प्राप्त हुआ. रंजन ने बताया कि पाकिस्तान से आकर भारत के कई राज्यों में शरणार्थियों के रूप में रह रहे लोगों की स्थिति काफी दयनीय है। कितने शरणार्थी मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं, शरणार्थी होने के कारण वे एक निर्धारित दायरे से बाहर नहीं जा सकते। यह मानवाधिकार का भी मुद्दा है।
रंजन ने आगे कहा कि पाकिस्तान छोड़कर भारत आए अल्पसंख्यक अपने देश नहीं लौटना चाहते। ऐसे में वे अपनी शेष जिंदगी मूलभूत सुविधाओं और सम्मान के साथ जी सकें, इसके लिए उन्हें भारत की नागरिकता दी जानी चाहिए। रंजन ने कहा कि इसी उद्देश्य से उन्होंने शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दिए जाने और शरणार्थियों के संबंध में आरटीआई के जरिए जानकारी हासिल की। उन्होंने बताया कि उनके आवेदन पर एक सितंबर को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने असमर्थतता जताते हुए इन सवालों के जवाब देने से इनकार कर दिया था कि 'भारत में कुल कितने पाकिस्तानी नागरिक रह रहे हैं' व 'पिछले 10 वर्षो में कितने पाकिस्तानी नागरिक भारत आए'। लेकिन पाकिस्तानी शरणार्थियों को नागरिकता देने संबंधी सवाल पर सरकार ने कहा कि वह इस पर विचार कर रही है और राज्य सरकार की तरफ से भेजे गए आवेदनों पर विचार किया जाएगा।
हाल में ही केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय नागरिकता प्रदान करने के संबंध में एक टास्क फोर्स के गठन की बात कही थी। सिंह ने दिल्ली में 2 फरवरी, 2013 को 'पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के स्थिति' विषय पर आयोजित गोष्ठी में कहा था, "अब समय आ गया है कि पाकिस्तान में हो रहे उत्पीड़न से तंग आकर देश छोड़कर भारत आ रहे पाकिस्तानी अल्पसंख्यकों के लिए शरणार्थी पुनर्वास नीति बनाई जाए। इन शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जानी चाहिए।" सिंह ने कहा था, "यदि भाजपा सत्ता में आई तो हम इस को नहीं भूलेंगे। हम जो कर सकते हैं, करेंगे और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर इसके प्रभाव की चिंता नहीं करेंगे।"
भारत में पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों के हित और अधिकार के लिए काम करने वाली संस्था सीमांत लोक संगठन भी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने की मांग उठाती रही है। रंजन ने बताया कि बीते तीन सितंबर को ही गुजरात के राजकोट में वर्ष 2005 से शरणार्थी के रूप में रह रहे 200 शरणार्थी परिवारों ने भारत की नागरिकता के लिए जिलाधिकारी को आवेदन सौंपा था। इसी तरह पाकिस्तान छोड़कर भारत आए और पंजाब, राजस्थान, दिल्ली और दूसरे राज्यों में शरणार्थी के रूप में रह रहे हिंदू भारतीय नागरिकता के लिए दरख्वास्त करते रहे हैं। साल 1998 में हुई जनगणना के मुताबिक, पाकिस्तान में हिंदुओं की संख्या 25 लाख है, जो वहां की कुल जनसंख्या का लगभग दो फीसदी है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू आबादी का 95 फीसदी सिंध और पंजाब प्रांत में बसा हुआ है।
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