राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को कहा कि मंगल अभियान की सफलता देश के वैज्ञानिकों को और लंबा डग भरने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने मंगल अभियान को ऐतिहासिक उपलब्धि करार दिया। मुखर्जी ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के वैज्ञानिकों को मार्स ऑर्बिटर मिशन (एमओएम) के मंगल की कक्षा में पहले प्रयास में प्रवेश कर जाने पर बधाई दी। इसरो के अध्यक्ष के.राधाकृष्णन को भेजे संदेश में राष्ट्रपति ने कहा, "मैं आपके और आपकी टीम को ऑर्बिट इंसर्सन मनूवर आफ द मार्स ऑर्बिटर मिशन 'मंगलयान' के नौ महीने की यात्रा के बाद मिली सफलता पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।'
उन्होंने कहा, "इस सफलता के साथ भारत एशिया का पहला देश और इसरो विश्व की चौथी एजेंसी बन गई है जिसने अपने उपग्रह मंगल ग्रह पर भेजे हैं। इसरो प्रथम प्रयास में ऐसा करने वाली पहली एजेंसी बन गई है।" राष्ट्रपति ने कहा, "देश् को इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर नाज है, जिसने एकबार फिर भारत के अंतरिक्ष क्षमता को प्रदर्शित किया है, जो हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम में मील का पत्थर है, यह हमारे वैज्ञानिकों को और बेहतर उपलब्धि के लिए प्रोत्साहित करेगा।"
मुखर्जी ने मंगल अभियान से जुड़े इसरो के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, तकनीशियनों और अन्य लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा, "देश उनके कठिन प्रयास का आभारी है और उनकी उपलब्धि पर हमें नाज है।"
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