छत्तीसगढ़ के धमतरी में जगतगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने एक धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनाया जाना है। यदि जगह-जगह साईं मंदिर बनेगा, तो ऐसे में राम मंदिर कैसे बन पाएगा? पैसे देकर जगह-जगह साईं की मूर्तियां स्थापित की जा रही हैं। ऐसे में अब अयोध्या में राम मंदिर बनाने के रास्ते में आने वाले साईं मंदिरों का सफाया जरूरी हो गया है। स्थानीय अग्रेसन भवन में आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए शंकराचार्य ने कहा कि साईं बाबा कोई भगवान, गुरु या संत नहीं है। उसका कोई ग्रंथ है न कोई शिष्य। फिर भी साईं रामायण, साईं गीता और साईं भजन बना लिया गया है। साईं ने गुरुनानक का नारा 'सबका मालिक एक' को अपना नारा बना लिया।
उन्होंने कहा कि साईं की पूजा करना धर्मातरण के समान है। सन् 1918 में शिर्डी के साईं की मौत हो चुकी है। अब कोई साईं है न कोई साईं भगवान। लोग केवल उनके पार्थिव शरीर को पूजते हैं, जो धर्मातरण की तरह है। शंकराचार्य ने कहा कि हिंदू धर्म के लोग भगवान राम की पूजा करें, साईं की नहीं। रहीम की पूजा नहीं, बल्कि उनका आदर करें, क्योंकि वह भगवान श्रीकृष्ण के भक्त थे।
जगतगुरु ने लोगों को गौहत्या बंद कर गौसेवा के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि गाय के मूत्र में गंगा व गोबर में लक्ष्मी माता रहती हैं। गोमूत्र सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। भैंस, बकरी की बजाय सिर्फ गाय का ही पालन करें। गाय के सहारे ही लोग परमात्मा तक पहुंचने के लिए वैतरणी पार कर सकते हैं। शंकराचार्य ने आए दिन महिलाओं के साथ हो रहे दुष्कर्म के लिए शराब और पाकिस्तान से आने वाले नशीले पदार्थो को मुख्य कारण बताया।
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