अमेठी में हिंसा पर संजय सिंह ने अफसोस जताया - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 15 सितंबर 2014

अमेठी में हिंसा पर संजय सिंह ने अफसोस जताया


sanjay singh
अमेठी के राजमहल 'भूपति भवन' पर कब्जे को लेकर कांग्रेस नेता व राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और उनके पुत्र अनंत विक्रम सिंह के बीच चल रही लड़ाई अब सड़क पर आ गई है। राजमहल पर कब्जे को लेकर रविवार को हुई हिंसा के एक दिन बाद संजय सिंह ने सफाई दी है और अफसोस जताया है। अमेठी में सोमवार को संजय सिंह और उनकी पत्नी अमिता सिंह पत्रकारों से मुखातिब हुए। संजय सिंह ने कहा, "कल जो घटना हुई, वह काफी दुखद है। अनंत विक्रम सिंह तीन महिलाओं के बहकावे में आकर अपने पूर्वजों का मजाक उड़ाने पर तुले हुए हैं। यह उनके जैसे लोगों को शोभा नहीं देता।"

संजय ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि किसी तरह का विवाद है। बेवजह बखेड़ा खड़ा किया गया है। मुझे लगता है कि गरिमा सिंह और अनंत के बीच कुछ डील हुई है और उसी के तहत यह बखेड़ा खड़ा किया जा रहा है।" कांग्रेस नेता ने कहा, "अनंत जब तक मेरे और अमिता सिंह के साथ 15-20 वर्षो तक रहे, तब तक कोई समस्या नहीं आई, मगर पिछले दो वर्षो से वह गरिमा के साथ हैं और आप देखिए कि उनमें कितना बदलाव आ गया है।"

अपनी दूसरी शादी पर सफाई देते हुए संजय ने कहा कि अमिता से शादी करने से पहले उन्होंने गरिमा को तलाक दे दिया था। उन्होंने कहा कि अमिता सिंह और उनकी शादी पूरे परिवार की रजामंदी से हुई थी।  यह पूछे जाने पर कि क्या अनंत और उनके बीच बातचीत की गुंजाइश बची हुई है, उन्होंने कहा कि कोई गुंजाइश नहीं बची है। इस मामले में आगे कोई भी कदम कानूनी सलाह लेकर उठाया जाएगा।

इस बीच अमिता सिंह ने कहा कि उन्होंने अनंत को जन्म तो नहीं दिया, लेकिन 20 वर्षो तक उन्होंने वह सबकुछ किया जो एक मां अपने बेटे के लिए करती है।  अमिता ने इस बात का खंडन किया कि रविवार को हुई हिंसापूर्ण घटना में उनके कहने पर स्थानीय प्रशासन उनके पक्ष में खड़ा रहा। उन्होंने कहा, "किसी भी परिवार में विवाद हो सकता है, लेकिन इसको लेकर एकतरफा खबरें छापी जा रही हैं, जो गलत है। एक पारिवारिक मामले में प्रशासन जितना संयम बरत सकता था, जरूरत बरता।"

उल्लेखनीय है कि अमेठी के भूपति भवन में प्रवेश करने से अमिता सिंह को रोके जाने पर रविवार को संजय सिंह के पुत्र अनंत विक्रम के समर्थन में जुटे लोगों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई थी, जिसमें एक पुलिसकर्मी की गोली लगने से मौत हो गई। काफी जद्दोजहद के बाद अमेठी के राजा संजय सिंह और अमिता सिंह महल में प्रवेश करने में सफल हुए थे।

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