- छत्तीसगढ़ पुलिस ने दुष्कर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
सर्वोच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ की एक महिला वकील के साथ हुए कथित सामूहिक दुष्कर्म मामले पर पुलिस की अकर्मण्यता को लेकर दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करेगा। महिला ने अपने पति के परिवार के सदस्यों और दो अन्य पर 29 नवंबर, 2013 को दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश आर.एम.लोढ़ा की अध्यक्षता वाली पीठ अदालत कक्ष से बाहर निकलने ही वाली थी कि महिला ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म होने की बात कहते हुए न्याय की गुहार लगाई।
उसने कहा कि शिकायत दर्ज करने के बावजूद छत्तीसगढ़ पुलिस ने दुष्कर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। उसकी आवाज पूरी तरह स्पष्ट न होने के कारण सर्वोच्च न्यायालय ने एक अन्य महिला वकील से कहा कि वह उसके पास बैठ कर उसकी बातें सुने और फिर न्यायालय को बता दे।
महिला वकील ने कहा कि उसने नेफथलीन की गोलियां खा ली हैं। इसके बाद न्यायालय ने उसे केंद्र सरकार के स्वास्थ्य योजना के तहत प्राथमिक उपचार केंद्र भेजने का निर्देश दिया। उसे बाद में राम मनोहर लोहिया अस्पताल भेज दिया गया। मामले पर स्वत: संज्ञान लेते सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि मामले की सुनवाई मंगलवार को होगी।
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