परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष व वर्तमान सदस्य अनिल काकोडकर ने बुधवार कहा कि मंगल अभियान की सफलता अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की तकनीकी क्षमता को रेखांकित करती है। भारत ने बुधवार को अपने पहले प्रयास में ही मंगल ग्रह की कक्षा में अपने अंतरिक्षयान को सफलतापूर्वक प्रवेश करा कर दुनिया का पहला देश बनने का इतिहास रच दिया।
काकोडकर ने बताया, "राष्ट्र को इस उपलब्धि का जश्न मनाना चाहिए। मंगल अभियान की सफलता अंतरिक्ष के क्षेत्र में देश की तकनीकी क्षमता को रेखांकित करती है।" हालांकि, उन्हें नहीं लगता कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की यह सफलता देश के परमाणु प्रतिष्ठान द्वारा किए गए वादों को पूरा करने पर अतिरिक्त दबाव डालेगी।
काकोडकर ने कहा, "दोनों क्षेत्रों (अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा) के बीच कोई मुकाबला नहीं है और भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की सफलता के कारण परमाणु ऊर्जा क्षेत्र पर कोई दबाव नहीं पड़ा है।" उनके अनुसार, भारतीय परमाणु ऊर्जा प्रतिष्ठान अपने कार्यक्षेत्र में सफलता पा रहा है।
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