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मंगलवार, 23 सितंबर 2014

सीरिया में अमेरिकी हमले, 58 मरे


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सीरिया में कट्टरपंथी तत्वों के खिलाफ मंगलवार से शुरू अमेरिका एवं उसके सहयोगी देशों के हवाई हमले में 50 जेहादियों सहित कम से कम 58 लोग मारे गए। मानवाधिकारों पर सीरियाई प्रेक्षक (एसओएचआर) के निदेशक रामी अब्दुल रहमान ने यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, सीरियाई सरकार को उसके क्षेत्र में इस कार्रवाई के बारे में पहले ही बताया जा चुका था। हमले में अलकायदा से जुड़े नुसरा फ्रंट के कम से कम 50 लड़ाके मारे गए। ये लड़ाके उत्तरी शहर अलेप्पों के पश्चिमी हिस्से में आतंकवादियों के ठिकाने पर हुए हमले में मारे गए।

मारे गए आम नागरिकों में एक महिला और दो नाबालिग शामिल हैं। ये लोग सीरिया प्रांतों इदलिब और अलेप्पों की सीमा पर स्थित कफ्र दिरयान गांव पर हुई बमबारी में मारे गए।  अमेरिका ने बीते सोमवार को सीरियाई क्षेत्र में इस्लामिक स्टेट (आईएस) के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय अभियान शुरू करने की घोषणा की थी, लेकिन नुसरा फ्रंट का नाम नहीं लिया था। अब्दुल रहमान ने फोन पर बताया कि गठबंधन के लड़ाकू विमानों ने आईएस के राक्का, दीर अल-जुर, अल-हसाकह और अलेप्पो गवर्नरेटों में निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि नुसरा फ्रंट के ठिकानों को भी निशाना बनाया गया है।

हमले में आईएस के लड़ाकों मारे जाने अथवा घायल होने के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। एसओएचआर के मुताबिक, गठबंधन ने कई घंटों के दौरान आईएस के ठिकानों पर 50 से ज्यादा रॉकेट दागे। आईएस ने हमला शुरू होने से पहले ही इन ठिकानों को खाली कर दिया था। वाशिंगटन पोस्ट और न्यूयार्क टाइम्स अखबारों ने अधिकृत सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि हमले में पांच देश बहरीन, जार्डन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और कतर हिस्सा ले रहे हैं। दमिश्क ने मंगलवार को कहा कि वह जेहादियों के खिलाफ किसी भी अंतर्राष्ट्रीय प्रयास का तब तक समर्थन करने के लिए तैयार है जब तक वह उसकी राष्ट्रीय संप्रभुता का सम्मान करता है और अंतर्राष्ट्रीय फैसेले के अनुरूप रहता है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, वाशिंगटन ने आईएस के ठिकानों पर हवाई हमला किए जाने के बारे में सीरिया को पहले ही सूचित कर दिया था। सीरिया के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा है कि संयुक्त राष्ट्र में सीरिया के राजदूत को सोमवार को अमेरिका नीत हवाई हमले की जानकारी दे दी गई थी। मंत्रालय ने हमले के बारे में सीरियाई सरकार के रुख के बारे में कुछ भी नहीं कहा है। इस बीच जार्डन ने मंगलवार को घोषणा की कि उसके लड़ाकू विमानों ने उत्तरी सीरिया में आईएस के ठिकानों पर हमला करने में हिस्सा लिया है।

इससे पहले अमेरिकी रक्षा विभाग ने सीरिया में सुन्नी चरमपंथी गुट, इस्लामिक स्टेट (आईएस) के ठिकानों पर हवाई हमले शुरू करने की घोषणा की थी। इससे पहले पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने ट्विटर पर लिखा, "अमेरिका और सहयोगी राष्ट्रों ने सीरिया में आईएस पर लड़ाकू, बमवर्षक विमानों और टॉमहाक मिसाइलों की मदद से हमले शुरू कर दिए हैं।" किर्बी ने सैन्य अभियान के बारे में ज्यादा जानकारी न देते हुए कहा कि मध्य पूर्व में सामरिक अभियान के प्रभारी, अमेरिकी मध्य कमान ने राष्ट्रपति बराक ओबामा की अनुमति मिलने के बाद हमले शुरू करने का निर्णय लिया। 

उन्होंने सैन्य अभियान में भाग लेने वाले सहयोगी राष्ट्रों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी और न ही यह खुलासा किया कि सीरिया के किस इलाके में हमले किए जा रहे हैं। सीएनएन ने हालांकि अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से बताया है कि पूर्वी सीरिया में आईएस का गढ़ माने जाने वाले राक्का में हवाई हमले किए गए। और सहयोगी अरब देशों ने भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दो दिनों पूर्व ओबामा ने कहा था कि अमेरिका इराक में आईएस के खिलाफ जारी सैन्य अभियान को सीरिया में भी शुरू करेगा। ओबामा ने जोर देकर कहा था कि ये सैन्य अभियान इराक और अफगानिस्तान में हाल में हुए युद्धों से अलग होंगे, क्योंकि इन हमलों में अमेरिकी सैनिकों को जमीनी लड़ाई में नहीं भेजा जाएगा।

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