उत्तराखंड की विस्तृत खबर (22 सितम्बर) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 22 सितंबर 2014

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (22 सितम्बर)

पीडि़त की खुदखुशी ने खोली सरकार की पोल

देहरादून, 22 सितम्बर (निस)। आपदा पीडि़त व्यापारी द्वारा आत्महत्या करने पर दुख जताते हुये उत्तराखण्ड क्रांति दल ने कहा कि आपदा के 15 माह बाद भी सरकार पीडि़तों को उचित मुआवजा व जरूरी सामान उपलब्ध कराने में नाकाम हुई है। पी़िड़तों को राहत राशि और बड़ी-बड़ी सुविधायें देने का दावा करने वाली सरकार की पोल पीडि़त व्यापारी की आत्महत्या ने खोल दी है। दल के मीडिया प्रभारी मनमोहन लखेड़ा ने कहा कि यह बड़ी शर्म की बात है कि आपदा पीडि़त मौत को गले लगे रहे हैं और सरकार उनके जख्मों मंे मल्हम लगाने के बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठी है। आपदा के 15 माह बाद भी पीडि़तों को सड़क-पुल, चिकित्सा, शिक्षा, आवास, और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं से जूझना पड़ रहा है। इसे सरकार की नाकामयाबी ही कहा जायेगा सरकार आज भी पीडि़तों को सभी सुविधायें उपलब्ध कराने की कोरी बयानबाजी कर रही है, जबकि धरातल मंे वास्तविकता इसके विपरीत है। आपदा के 15 माह बीत जाने के बाद भी आपदाग्रस्त क्षेत्र में पांच किलोमीटर सड़क निर्माण न होना सरकार के नकारापन को दर्शाता है। आज भी आपदा पीडि़त अपनी गुजर-बसर करने के लिए दर-दर की ठोंकरे खाने पर मजबूर है। सरकार में काम करवाने व दृ़ढ़ इच्छाशक्ति की कमी के चलते आपदा पीडि़तों को राहत नहीं मिल पा रही है। उक्रांद ने कहा कि कांग्रेस सरकार को आपदाग्रस्त क्षेत्रों में  ईमानदारी से काम करना चाहिए कोेरी बयानबाजी करने से आपदा पीडि़तों को राहत नहीं पहुंचाई जा सकती।

पुलिस ने हिसार से दबोचे हत्यारोपी, बंधक को छुडाया 

uttrakhand news
देहरादून, 22 सितम्बर (निस)। शुक्रवार देर रात हुई नितेश ही हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार नितेश सट्टे के कारोबार में लिप्त था, जो कि दिल्ली से अपने साथियों का पैसा लेकर दून भाग आया था। इन्हीं पैसों को लेकर हुए विवाद में नितेश की हत्या कर दी गयी। नितेश हत्याकाण्ड का खुलासा करते हुए एसएसपी अजय रौतेला ने बताया कि मृतक नितेश और अनुज हरियाणा व दिल्ली में किक्रेट पर सट्टा लगाने के कारोबार में लिप्त थे। मृतक नितेश वहां से एक आरोपी सीटू का पैसा लेकर दून भाग आया था। इसकी मुखबरी मृतक नितेश के साथ सेलाकुई में रहने वाले पियूष पंडित ने सीटू से की। जिसके बाद रुपयों का तकाजा करने के लिए सीटू अपने साथियों अनूप, कालिया व सोनू के साथ दून आया था। वारदात के समय मृतक के साथ अनुज व चिराग पुत्र नरेश, कशिश व पियूष पंडित मौजूद थे। सीटू व उसके साथियों ने इन सभी को गन प्वाईन्ट पर ले लिया। बाद में तकाजे के दौरान सीटू के साथ आये सोनू ने नितेश के सीने में चाकू घोंप दिया। उसके बाद आरापियों ने अनुज से डेढ लाख रुपये छीन लिये व उसके भाई चिराग को यह कहकर बंधक बना अपने साथ ले गये कि जब वह पांच लाख रुपये लेकर हरयाणा आयेंगे तो चिराग को छोडा जायेगा। अनुज ने यह भी बताया कि आरोपियों के वहां से जाने के बाद वह नितेश को अस्पताल ले जाने लगे लेकिन उसके दम तोड देने के बाद वह उसके शव को गाडी में ही छोड़ वहां से हरिद्वार चले गये। बाद में उन्होंने वापस आकर पुलिस को इसकी जानकारी दी। जानकारी के बाद थानाध्यक्ष सहसपुर यशपाल बिष्ट के नेतृत्व में एक पुलिस टीम अनुज को साथ लेकर हरियाणा पहुंची जहां पुलिस टीम नियत समय से पहले ही आरोपियों द्वारा बताये गये स्थान पर पहुंच गयी। बाद में वहां पहुंची स्कार्पियों से पैसों का बैग लेने के लिये सोनू नीचे उतरा। जैसे ही वह अनुज के पास पहुंचा सादी वर्दी में वहां मौजूद पुलिस टीम ने उसे घेर लिया। इसे देख उसके साथी स्कार्पियों लेकर भाग खडे हुए। सोनू को पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया। बाद में सोनू की निशानदेही पर पुलिस ने पंचकुला के सेक्टर 20 से अपहृत चिराग को बरामद कर लिया। पुलिस ने यहां मौजूद पियूष पंडित, व गोपाल सिंह को अपनी गिरप्त में ले लिया। बाद में अनूप को हिसार से गिरप्तार किया गया। पुलिस ने आरोपियों के पास से एक अमेरिकन पिस्टल व चार जिंदा कारतूस भी बरामद किये। सीटू व कालिया पुलिस के हत्थे नहीं चढ पाये हैं। पुलिस के मुताबिक सोनू ऊर्फ गजनी पुत्र सतीश चन्द्र निवासी चरखी दादरी, भवाली, हरियाणा पच्चीस हजारी ईनामी बदमाश है। पुलिस की इस त्वरित कार्यवाही पर महानिदेशक पुलिस ने पुलिस टीम को 20 हजार के ईनाम की घोषणा की है।

पर्यटन व्यवसायियों के समक्ष आजीविका का संकट गहराया 
  • बद्रीनाथ नेशनल को शीघ्र यातायात के लिए खोला जाएः अजय भट्ट
  • बदरीनाथ आन्दोलन को गंभीरता से न लेना दुर्भाग्यपूर्ण:महेन्द्र भट्ट

देहरादून, 22 सितम्बर (निस)। नेता प्रतिपक्ष उत्तराखंड विधानसभा अजय भट्ट ने कहा कि चारधाम यात्रा मार्गों पर पर्यटन व्यवसायियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, उनके सामने आजीविका का संकट गहरा गया है। उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ नेशनल को शीघ्र यातायात के लिए खोला जाए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बद्रीनाथ में नेशनल हाईवे को खोले जाने के लिए आपदा संघर्ष समिति विगत कई दिनों से आन्दोलनरत हैं, किन्तु सरकार को अभी तक उनकी आवाज सुनाई नहीं दे रही है शायद सरकार को कोई बड़ी घटना का इन्तजार है। उन्होंने कहा कि विगत डेढ़ साल में सरकार मात्र कि0मी0 सड़क नहीं बना पायी सरकार की कार्यप्रणाली का इससे पता चलता है। श्री भट्ट ने कहा कि कमीशनखोरी के लिए सरकार ने विगत दिनों बीआरओ से कार्य हटाकर पीडब्ल्यूडी को दिया, जिसने लाख के कार्य को अन्जाम दिया और वह सड़क तथा दीवार मात्र 1 माह के अन्दर ही ध्वस्त हो गयी। इससे स्पष्ट होता है कि सरकार ने मात्र लेन-देन के लिए ही यह कार्य पीडब्ल्यूडी विभाग को दिया। श्री भट्ट ने कहा कि चारधाम यात्रा मार्गों पर पर्यटन व्यवसायियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है उनके आगे भूखमरी का संकट गहरा गया है ऐसी हालात में सरकार को चाहिए कि तत्काल आमरण अनशन कारियों से वार्ता कर हाईवे को खोले जाने के लिए धन की व्यस्था कर उसे खोलें क्योंकि अपने विधायकों को मंत्री स्तर की सुख-सुविधायें देने के लिए जब प्रदेश के धन को धूएं की तरह उड़ाया जा रहा है तो आखिर इन हाईवे मार्गों के निर्माण के लिए सरकार केे पास पैंसा क्यों नही है। श्री भट्ट ने कहा कि यदि सरकार ने शीघ्र इस दिशा में कार्य न कर नेशनल हाईवे को नहीं खोला तो उक्त आन्दोलन को और अधिक उग्र रूप दिया जायेगा जिसके परिणाम सरकार को भुगतने होंगे। वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के गढवाल संयोजक एवं पूर्व विधायक महेन्द्र भट्ट नें प्रदेश सरकार द्वारा श्री बद्रीनाथ धाम में चल रहें आन्दोलन कों गम्भीरता सें न लेनें को र्दुभाग्यपूर्ण बतातें हुयें कहा कि दो माह सें चला आ रहा आन्दोलन आमरण अनसन में परिर्वतित हो गया हैं। परन्तु सरकार के किसी भी मंत्री द्वारा आन्दोलन कारियो सें वार्ता न करना सरकार कि संवेदनहीनता कों प्रर्दषित करता है। उन्होनें कहा कि 20 सितम्बर कों उनके द्वारा उक्त आन्दोलन के संन्दर्भ में मुख्यमंत्री कों ज्ञापन देकर अवगत करानें के बाद भी सरकार नें इसे गम्भीरता नहीं लिया। परिणाम स्वरुप व्यापार संघ कें अध्यक्ष एवं विनोद नवानी नें अपना आमरण अनशन प्रारम्भ कर दिया हैं। उन्होने बताया कि 24 सितम्बर सें स्वामी आत्मांनन्द महाराज की जलसमाधि की घोषणा के कारण इस प्रसिद्ध धाम में जनता आक्रोशित हैं तथा प्रतिदिन आ रहें यात्रियों में भी आन्दोलन के कारण भय का वातावरण बना हुआ हैं। भाजपा नेता नें मांग की कि अविलम्ब सरकार के आपदा प्रबन्धन मंत्री एवं प्रभारी मंत्री को श्री बद्रीनाथ धाम जाकर आन्दोलनकारियों की मांगों पर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करनी चाहियें। जिससें इस शान्त धाम में होनें वाली किसी भी अप्रिय घटना सें बचा जा सके।

मांगों के निराकरण तक संघ की हड़ताल जारी

देहरादून, 22 सितम्बर (निस)। पदोन्नति सहित अनेक मांगो को लेकर उत्तराखण्ड राजस्व संग्रह अमीन संघ ने अनिश्चितकालीन धरना 53वें दिन भी जारी रहा। इसके साथ ही 15 दिन से क्रमिक अनशन को भी जारी रखा। अमीनों के क्रमिक अनशन पर सोमवार को हरिद्वार जनपद के धर्मेंन्द्र कुमार राठी, भारतवीर सिंह, विनोद कुमार शर्मा, माल्हूसिंह, सुभाष चन्द्र शर्मा, पवन कुमार, बबलेश कुमार रहे। संघ ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती तब तक संघ की हड़ताल जारी रहेगी। धरना स्थल पर सभा की अध्यक्षता कर रहे  रमेश चन्द्र बिल्जवाण ने कहा कि  सरकार ने गत 5 वर्षों से संग्रह अमीनों का पदोन्नति कोटा समाप्त कर अमीनों के साथ अन्याय किया है हड़ताल को कई दिन बीत जाने के बावजूद भी सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिससे अब अमीन सरकार के खिलाफ क्रमिक अनशन कर रहे हैं। उन्होने कहा प्रदेश सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ संघ लगातार धरना प्रदर्शन कर रहा है लेकिन फिर भी प्रदेश सरकार द्वारा उनकी ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होने कहा कि गत दिसम्बर 13 में मंत्रीमंडल ने तहसीलदार पदों पर छह प्रतिशत अमीनों को प्रदोन्न्ति देने का संसोधन प्रस्ताव पारित किया गया है लेकिन सरकार उनके हितों के लिये कोई कार्ययोजना तैयार नहीं कर रही है। उन्होने कि हड़ताल से निपटने व कर्मचारियों की सुध लेने के लिये प्रदेश सरकार के पास समय नहीं है। उन्होने कहा कि हड़ताल के चलते राजस्व वसूली नहीं हो पा रही है जिससे सरकार का नुकसान हो रहा है।उन्होंने कहा कि सरकार ने वेतनमान बढ़ाये जाने के लिये अभी तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है। उन्होने कहा कि चार सूत्रीय मांगो पर शीध्र ही कार्यवाही किये जाने की आवश्यकता है और इस दिशा में भी कोई पहल नहीं की गयी है। संघ ने कार्यवाही  न होने पर आंदोलन तेज किये जाने की धमकी दी। उन्होने चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक उनकी मांगो पूरी नहीं की जाती तब तक संघ की हड़ताल जारी रहेगी। धरना देने वालों में राजस्व संग्रह अमीन संघ के उदयवीर सिंह, सुभाष पाण्डे, गिरिजा शंकर, पवन कुमार, रूद्र प्रताप बहुगुणा, राजेन्द्र नकोटी, मोहन कुमार, हरीश वर्मा, आशीष डोरा, नरेश डोरा, सुरेश प्रसाद, राकेश मनराल, शशिकांत नैथानी, राजेश गोस्वामी, भुवन चन्द्र, नरेन्द्र शर्मा, महिपाल सिंह, अभय कुमार, त्रिलोक सिंह, परमवीर पंवार, केन्द्र सिंह नाथ, विनाद शर्मा, सूरत सिंह पंवार, धर्मेन्द्र राही, सत्य प्रसाद गौड, बहादूर सिंह राम, राकेश नेगी, सब्बल सिंह रावत, विनोद कोठियाल, हंसागिरी गोस्वामी, ओमप्रकाश सेमवाल, सूरज सिंह पंवार आदि मौजूद रहे।

मिनिस्ट्रीयल कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ की नहीं हो रही सुनवाई

देहरादून, 22 सितम्बर (निस)। तीन सूत्रीय मांगों के संदर्भ में शासनादेश जारी न किये जाने के विरोध उत्तराखण्ड मिनिस्ट्रीयल कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ का मुख्यालय में अनिश्चितकालीन धरना सोमवार को भी जारी रहा। संघ ने चेतावनी दी है कि जब तक मांगों के संदर्भ में शासनादेश जारी नहीं होता तब तक संघ का अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा। दून के कलेक्ट्रेट प्रांगण में धरने पर बैठे संघ के जिला अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार ने कहा कि संघ के धरने को कई दिन बीत जाने के बाद भी प्रदेश सरकार द्वारा उनकी सुध नहीं ली जा रही है। उन्होने कहा कि 17 दिसम्बर 2011 को उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने उनकी तीन मांगो को पूरा करने की स्वीकृति दी थी। जिसमें कलेक्ट्रेट अधिष्ठान के सुदृढि़करण के विषय में गठित समिति लागू करने, संरचनात्मक ढांचे के पुर्नगठन के लिये 11 जुलाई 2011 को प्रस्तुत प्रस्ताव का परीक्षण कर पुर्नगठन का आदेश जारी करने और नायाब तहसीलदार के पद पर पदोन्नति के लिये मिनिस्ट्रीयल संवर्ग के लिये सीधी भर्ती में 50 प्रतिशत पद में 10 प्रतिशत पद निर्धारित करने का निर्णय शामिल है। लगभग तीन साल का समय बीत चुका है पर आज तक मांगो का शासनादेश जारी नहीं हो पाया जिससे कर्मचारी संघ में रोष व्याप्त है। उन्होने कहा कि यदि शीघ्र ही मांगो का शासनादेश जारी नहीं हुआ तो संघ का अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा। धरना देने वालों में आशीष वर्मा, अजय गोयल, राकेश कश्यप, रतन सिंह, राजेन्द्र रावत, आशीष जोशी, टीकाराम जोशी, बालकराम जोशी, सुनील बड़ोनी, हीरा बल्लभ जोशी, बुद्धिराम बिज्लवाण, सुमित सिंह आदि मौजूद रहे।

शासन से बजट मंजूर जल्द ही मिल सकता है बेरोजगारों को भत्ता

देहरादून, 22 सितम्बर (निस)। आखिरकार लंबे इंतजार के बाद बेरोजगारों को मिलने वाले बेरोजगार सह-कौशल भत्ता मिलने की उम्मीद जग गई है। शासन ने बेराजगारी भत्ते के रूप में दिया जाने वाला बजट विभाग को जारी कर दिया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि शासन से बजट मिल गया है जल्द ही बेरोजगारों के खातों में पैंसा डाल दिया जायेगा। लगभग 6 महीनों से बेरोजगारों को भत्ता नहीं मिल रहा था। जिसके चलते बेरोजगार लगातार सेवायोजन कार्यालय के चक्कर काट रहे थे। लेकिन बेरोजगारों को मायूस होकर ही लौटना पड़ता था। लेकिन विभागिय अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार शासन से बेरोजारी भत्ते के रूप में मिलने वाला बजट विभाग को मिल चुका है जिसे जल्द ही बेरोजगारो के खातों में डाल दिया जायेगा। सेवायोजन अधिकारी अजय सिंह का कहना है विभाग को बजट मिल चुका है जिसे कि तुरन्त ही बेरोजगारों के खातों में डाल दिया जायेगा। उन्होने कहा कि विभाग ने शासन से 1 करोड़ की मांग की थी जिसमें कुछ बजट ही मिल पाया है। उन्होने कहा कुछ बेरोजगारों का पैंसा रूका हुआ है पहले उनके खातों में पैंसा डाल दिया जायेगा उसके बाद नये जो फाॅर्म स्वीकृत हुयें है बजट के हिसाब से थोड़ा-थोड़ा पैंसा नये बेरोजगारों के खातों में डाल दिया जायेगा। उन्होने कहा कि बेरोजगारी भत्ता मिलने के दौरान अगर किसी को काई भी समस्या होती है तो वे सहायक सेवायोजन अधिकारी से व्यक्तिगत या फोन पर मदद ले सकता है।

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