उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ का रविवार को नाथ संप्रदाय की परंपरा के अनुसार गोरक्षपीठ के पीठधीश्वर यानी महंत के रूप में तिलकाभिषेक किया गया। उन्होंने गुरु गोरक्षनाथ की परिक्रमा कर महंत बनने की प्रक्रिया पूरी की। इसके बाद बह्मलीन गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवैद्यनाथ की समाधि यात्रा शुरू की गई।
तिलकोत्सव में गोरक्षपीठ के उत्तराधिकारी योगी आदित्यनाथ को पीठाधीश्वर बनाने से पहले पांच गृहस्थों ने पीठाधीश्वर की गद्दी पर बैठाया। इसके बाद तिलक व अंग-वस्त्र भेंट कर आदित्यनाथ को गोरक्षपीठ का पीठाधीश्वर घोषित किया गया। इसके बाद नए महंत ने गुरु गोरक्षनाथ की प्रतिमा की परिक्रमा की।
योगी के गोरक्षपीठाधीश्वर बनने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद बह्मलीन महंत अवैद्यनाथ की समाधि यात्रा शुरू हुई। गोरखपुर सशस्त्र पुलिस के नेतृत्व में 8 आरक्षी 2 दीवान एवं एक बिगुलर की उपस्थिति में ब्रह्मलीन महंत को राइफल की सलामी दी गई। इसके बाद समाधिस्थल पर परंपरा के अनुसार घंट, घड़ियाल, बिगुल की ध्वनि के बीच पूजा-अर्चना कर ब्रह्मलीन महंत के शांत शरीर को समाधिस्थ कर दिया गया।
गोरक्षपीठ से जुड़े एक संत ने बताया कि समाधि में खड़ाऊं, गीता और वेद सहित कई धार्मिक ग्रंथ भी रखे गए। इस मौके पर स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती, महंत चांदनाथ, चेताईनाथ, नृत्यगोपाल दास, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी, वरिष्ठ नेता विनय कटियार, विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री दिनेश, राष्ट्रीय स्वंयसवेक संघ के क्षेत्र प्रचारक शिव नारायण व कई सांसद एवं विधायक मौजूद रहे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें