सरकार भारत चीन सीमा की सुरक्षा करने वाले बल आईटीबीपी की 12 बटालियन गठित करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने की तैयारी में है. ताकि बल में करीब 12,000 नए जवानों की भर्ती की जा सके और सामरिक दृष्टि से इस महत्वपूर्ण मोर्चे पर सैन्य मौजूदगी बढ़ाई जा सके. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ‘सैद्धांतिक रूप’ से मंजूरी दे दी है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले सप्ताह बल के स्थापना दिवस पर अरुणाचल प्रदेश में भारत तिब्बत सीमा बल (आईटीबीपी) की 54 नई सीमा चौकियां स्थापित करने की घोषणा की थी.
अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर इन अतिरिक्त चौकियों के मद्देनजर आईटीबीपी ने सरकार को बताया कि इन स्थानों पर जवानों की तैनाती के लिए एक दर्जन से अधिक बटालियन गठित करने की जरूरत होगी. इन बटालियन का गठन चरणबद्ध तरीके से पांच वर्ष की अवधि के भीतर होगा.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया ‘इस संबंध में सिद्धांत रूप में मंजूरी दी जा चुकी है. अब जबकि गृह मंत्रालय पहले ही 54 सीमा चौकियां स्थापित करने को मंजूरी दे चुका है, इस बारे में मानव संसाधन की नियुक्ति और प्रशिक्षण कार्य की तत्काल जरूरत है. बल अंतिम मंजूरी की प्रतीक्षा कर रहा है, जिसके बाद बड़े पैमाने पर नियुक्ति की जाएगी.’ पर्वतीय इलाकों के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित बल ने हाल ही में ‘पुनर्गठन’ कार्य पूरा किया जिससे नौ नई बटालियन और एक सेक्टर मुख्यालय का गठन हुआ. यह पहल 3,448 किलोमीटर लम्बी सीमा की निगरानी करने के आईटीबीपी के प्राथमिक कार्य को ध्यान में रखते हुए की गई.
54 नई सीमा चौकियां स्थापित करने के अलावा गृह मंत्री ने इसी समारोह में अरुणाचल प्रदेश में सीमा के पास आधारभूत संरचना को बेहतर बनाने के लिए 175 करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की थी. यह घोषणा करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया था कि भारत चीन के साथ बातचीत के जरिये सीमा विवाद को सुलझाना चाहता है.
उन्होंने कहा कि चीन और अन्य पड़ोसियों से अच्छे दोस्ताना संबंध बनाने के लिए सबसे बड़ी जरूरत सम्मान के साथ शांति है. आईटीबीपी की सभी नयी सीमा चौकियां अरुणाचल प्रदेश में स्थापित होंगी जहां वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बल के कर्मियों की मौजूदगी पर्याप्त नहीं है. अरुणाचल प्रदेश में चीन के साथ 1,126 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा है.
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